महिला सशक्तिकरण का महत्व समझ पाऐं।
आज के युग ऐसा युग है जिसमें महिलाओं को संविधान में कई अधिकार दिए गए हैं। आज महिलाएं इस विकासशील भारत में विकसित बनाने के लिए अपना योगदान देती है परंतु फिर भी उन्हें कई बार अलग-अलग रूपों में प्रताड़ित किया जाता है तथा उनके अधिकारों का हनन किया जाता है। आज हर साल किसी भी परीक्षा में महिलाएं समान रूप से शामिल होती हैं तथा पुरुषों से अधिक अंक भी लातीं हैं। परंतु कहीं ना कहीं यह भी सच है कि पैतृक सत्ता समाज होने के कारण पुरुषों को ही मान सम्मान दिया जाता है तथा आज भी कई ऐसे प्रांत हैं जहां बेटियों के होने पर निराशा जाहिर की जाती है। आज कई महिलाएं जैसे किरण बेदी, सुष्मिता सेन, पद्मावती बंदोपाध्याय, सुचेता कृपलानी आदि सशक्त हैं। इन्हीं की तरह हमें भी सशक्तिकरण करना है तथा इस (महिला सशक्तिकरण पर भाषण) को कई लोगों तक पहुंचाना है ताकि वह भी महिला सशक्तिकरण का महत्व समझ पाऐं।