स्मार्ट टेक्नोलॉजी ने बदली ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट की सूरत

India International Uttar Pradesh Uttarakhand खेल-खिलाड़ी टेक-नेट तेरी-मेरी कहानी नारी सशक्तिकरण युवा-राजनीति शिक्षा-जॉब

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी ने 11वीं स्मार्ट इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में गिनाईं परिवहन विभाग की उपलब्धियां और खींचा भविष्य के विकास का खाका, उम्मीद जताई- टीएमयू इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टुडेंट्स होंगे इन्नोवेटिव

लव इंडिया, मुरादाबाद। केंद्रीय सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी बोलेे, आज के समय में परिवहन के प्रबंधन में स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उल्लेखनीय योगदान है। परिवहन प्रबंधन विशेष तौर पर दुर्घटना रहित परिवहन, पार्किंग प्रबंधन, आधुनिक ईंधन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, कर संग्रहण में स्मार्ट टेक्नोलॉजी की महती भूमिका है। वह बोले, वर्तमान सरकार अनेक परियोजनाओं, जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान के विज़न के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर छह गुना अधिक गति से आगे बढ़ा रहा है।

हमारी सरकार का विज़न जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधानः गडकरी

श्री गडकरी बोले कि आठ बरसों में 4 लाख 20 हजार करोड़ से अधिक का निवेश परिवहन परियोजनाओं में किया गया है। मंत्रालय इन उपलब्धियों को पारदर्शिता और ईमानदारी के बूते ही अमली जामा पहना पा रहा है। श्री गडकरी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडीटोरियम में कॉलेज ऑफ कम्प्यूटर साइंसेज एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी- सीसीएसआईटी की ओर से सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स- स्मार्ट 2022 पर दो दिनी 11वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली बोल रहे थे।

टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन ने अपने अति संक्षिप्त संबोधन में मुख्य अतिथि श्री गडकरी की गरिमामयी वर्चुअली उपस्थिति पर विशेष आभार प्रकट किया। साथ ही भविष्य में व्यक्तिगत रूप से यूनिवर्सिटी में उपस्थित होने के लिए सादर आमंत्रित किया। इससे पूर्व मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके स्मार्ट-2022 का शंखनाद हुआ। बीसीए, बीटेक, बीटेक सीएस, बीटेक आईनर्चर, बीएससी एनीमेशन के छात्र-छात्राओं ने गणेश वंदना पर मनमोहनी नृत्य प्रस्तुति दी।

इस मौके पर कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी, भिवानी (हरियाणा) के कुलपति प्रो. आरके मित्तल, टीएमयू के जीवीसी श्री मनीष जैन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, यूएसआईसी एंड टी, जीजीएसआईपीयू के प्रोफ़ेसर डॉ. नवीन राजपाल, आईआईटी, कानपुर के सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर डॉ. वीके जैन और एमजेपीआरयू, बरेली के सीएस एंड आईटी विभाग के हेड और प्रोफेसर डॉ. एसएस बेदी, कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक एवम् प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन, डॉ. ज्योति पुरी आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कॉन्फ्रेंस प्रोसिडिंग का विमोचन भी हुआ

कॉन्फ्रेंस के दौरान आठ सत्रों में 98 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर कॉन्फ्रेंस प्रोसिडिंग का विमोचन भी हुआ। इससे पूर्व ब्लेंडेड मोड में हुई इस कॉन्फ्रेंस में अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उद्घाटन सत्र के दौरान कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक एवम् प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने स्वागत भाषण और कॉन्फ्रेंस की थीम प्रस्तुत की। टीएमयू की एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन ने स्मार्ट-2022 इवेंट का परिचय दिया जबकि टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने वोट ऑफ थैंक्स दिया।

सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. आरके जैन ने मुख्य अतिथि श्री गडकरी को मराठी में उनकी ऑनलाइन उपस्थिति पर विशेष आभार व्यक्त किया। कॉन्फ्रेंस में कुलाधिपति की सुपौत्री सुश्री नंदिनी जैन भी मौजूद रहीं। संचालन मिस इंदु त्रिपाठी और डॉ. शालिनी जेड निनोरिया ने किया।

मंत्रालय वेस्ट मटेरियल से सड़क, पुल आदि बनाकर स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में कार्य कर रहा

श्री गडकरी बोले, स्मार्ट तकनीक माध्यम से परिवहन मंत्रालय हाई स्पीड हाईवे, रोड सेफ्टी और पार्किंग प्रबंधन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसके अतिरिक्त परिवहन में कृषि उत्पादों की भूमिका और टोल टैक्स की व्यवस्था का श्रेय इन्नोवेटिव सोच का प्रमाण है। उन्होंने उम्मीद जताई, भविष्य में ई-टोल टैक्स, हाइड्रोजन वाहन और फ्लैक्सी ईंधन जैसी स्मार्ट टेक्नोलॉजी परिवहन क्षेत्र की दशा और दिशा में आमूल-चूल परिवर्तन लेकर आएंगी। श्री गडकरी ने बताया कि कैसे परिवहन मंत्रालय वेस्ट मटेरियल से सड़क, पुल आदि बनाकर स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में कार्य कर रहा है। एग्रीकल्चर के क्षेत्र में भी बायो ईंधन के जरिए मंत्रालय अपना योगदान दे रहा है।

टीएमयू के बारे में बोले, यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग फैकल्टी होने के नाते मैं उम्मीद करता हूं, यहां के छात्र अपनी इन्नोवेटिव सोच का प्रयोग परिवहन संबंधी समस्याओं जैसे- पार्किंग कन्ट्रोल, दुर्घटना रहित परिवहन, स्मार्ट नम्बर प्लेट, जीपीएस मैनेजमेंट आदि पर कर रहे होंगे।

कुलाधिपति सुरेश जैन ने मुख्य अतिथि गडकरी को दिया टीएमयू आने का सादर आमंत्रण

बतौर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने मातृ भूमि को वंदन करते हुए कहा, मेरी जन्मभूमि ही मेरी कर्मभूमि है। हार्वर्ड से हासिल होने वाली पीजी डिग्री टीएमयू के हजारों-हजार स्टुडेंट्स को समर्पित करते हुए उन्होंने यह भी स्मरण कराया कि इससे पूर्व डिलोयट यूएसए के आकर्षक पैकेज को टीएमयू के छात्रों के स्वर्णिम भविष्य की खातिर छोड़ चुका हूं। यूनिवर्सिटी को उसका कल्चर ही स्मार्ट बनाता है। टीएमयू ज्ञान और परम्परा का एक उत्कृष्ट संगम है।

यूनिवर्सिटी में समय-समय पर आयोजित होने वाले भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत आयोजन शैक्षिक क्रियाकलापों के साथ समान्तर रूप से चलते रहते हैं। निकट भविष्य में होने वाला परम्परा-2 महोत्सव यूनिवर्सिटी का हमारी संस्कृति से जुड़ाव का प्रतीक है। भारत की बदलती छवि को रेखांकित करते हुए बोले, विश्व का नजरिया भारत के प्रति सकारात्मक रूप से बदला है। आज विश्व के बडे़-बड़े संगठनों के प्रमुख भारतीय हैं। मैं उम्मीद करता हूं, आने वाले समय में हमारे छात्र भी इस स्थिति में खुद को पाएंगे।

टेक्नोलॉजी का उपयोग मानव कल्याण और समाज में बदलाव के लिए करेंः प्रो. मित्तल

चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी, भिवानी (हरियाणा) के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने आत्मनिर्भर बनने के लिए दर्जनों छोटे-छोटे सुझाव देते हुए कहा, दुनिया के नामचीन उद्योगपति बिल गेट्स हो या वॉरेन बुफेट इन्होंने कम उम्र में ही अपना स्टार्ट अप शुरू कर दिया था। प्रो. मित्तल बोले, भारत युवाओं का देश है। युवाओं की नव सोच और ज्यादा ऊर्जावान होने के कारण वे भी जल्दी स्टार्ट अप्स, इंटरप्रेनियोरशिप, इन्नोवेशनस आदि में अपना बहुमूल्य विकास दे सकते हैं। इससे खुशहाली और आर्थिक उन्नति होगी। उदाहरण के तौर पर मुरादाबाद आत्मनिर्भर बनेगा तो यूपी के संग-संग भारत भी आत्मनिर्भर बनेगा।

उन्होंने युवाओं से आहवान किया, टेक्नोलॉजी का उपयोग मानव कल्याण और समाज में बदलाव के लिए करें। ट्रांसफॉर्मेशन की पुरजोर वकालत करते हुए बोले, आसपास की प्राब्लम्स पर पैनी नज़र रखें। विज्ञान, टेक्नोलॉजी और नई सोच समस्याओं के समाधान में मील का पत्थर साबित होगी। अंत में युवाओं को पंचकोश मूल मंत्र भी दिया।

एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने उम्मीद जताई, टीएमयू के छात्र भी होंगे वैश्विक शिखर पर

टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह बोले, प्रॉब्लम्स का समाधान बाहर ढूंढने से नहीं, अपने अंदर से ही मिलेगा। कॉन्फ्रेंस की थीम एजुकेशन 4.0 और इंडस्ट्री 4.0 के परस्पर संबंधों पर प्रकाश डालते हुए बोले, इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक ही हम स्टुडेंट्स को तैयार करते हैं। भविष्य की जनजानी और अचिन्हित चुनौतियों का सामना करने के लिए भी युवाओं को तैयार करते हैं। अंत में उन्होंने हॉयर ऑर्डर थिंकिंग को विकसित करने की पुरजोर वकालत की।

कॉन्फ्रेंस चेयर एवं एफओईसीएस के विभागाध्यक्ष प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना की गरिमामयी मौजूदगी रही। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन यूएसआईसी एंड टी, जीजीएसआईपीयू के प्रोफ़ेसर डॉ. नवीन राजपाल, आईआईटी, कानपुर के सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर डॉ. वीके जैन और एमजेपीआरयू, बरेली के सीएस एंड आईटी विभाग के हेड और प्रोफेसर डॉ. एसएस बेदी ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। कॉन्फ्रेंस में आईईई के आब्जर्वर श्री केसी मिश्रा, आईईई के आब्जर्वर डॉ. वरुण कुमार कक्कड़, प्रो. हरबश दीक्षित, डॉ. शम्भू भारद्वाज, श्री नवनीत विश्नोई, श्री प्रदीप गुप्ता, श्री मनोज गुप्ता, श्री ज्योति रंजन लाभ, श्री मनीष तिवारी, डॉ. संदीप वर्मा, श्री आदित्य जैन, श्रीमती निकिता जैन, डॉ. प्रियांक सिंघल, श्री रूपल गुप्ता, श्री अजय तिवारी, डॉ. पंकज गोस्वामी, डॉ. गरिमा गोस्वामी, श्रीमती अनु शर्मा, श्रीमती शिखा गंभीर आदि की भी मौजूदगी रही।

कॉन्फ्रेंस के दौरान आठ सत्रों में प्रस्तुत किए गए 98 शोधपत्र, कॉन्फ्रेंस प्रोसिडिंग का भी हुआ विमोचन

कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन समापन मौके पर वोल्गोग्राड राज्य तकनीकी यूनिवर्सिटी, रूस के एसोसिएट प्रो. डॉ. डेनिला पैरिगिन, अटल बिहारी वाजपेयी- भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान- एबीवी-आईआईआईटीएम, ग्वालियर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के निदेशक प्रो. एसएन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। एमएनएनआईटी, इलाहाबाद के आईईईई कॉन्फ्रेंस कमेटी ईई विभाग के प्रो. आशीष कुमार सिंह एवम् एमजेपीआरयू, बरेली के सीएसई डिपार्टमेंट के हेड डॉ. रावेंद्र सिंह गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में शिरकत करेंगे जबकि कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन एमएमएमयूटी, गोरखपुर के ईई विभाग (आईईईई कॉन्फ्रेंस कमेटी) के प्रोफेसर डॉ. प्रभाकर तिवारी, आईआईटी, कानपुर के एमई विभाग (आईईईई सलाहकार) के प्रो. जे रामकुमार, एमिटी यूनिवर्सिटी, ताशकंद आईटी विभाग और इंजीनियरिंग के डॉ. गौरव अग्रवाल और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास, आईसीएसआई, रामनिकु वाल्सिया, रोमानिया की मिस मारिया सिमोना राबोका मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत करेंगे।

भारत समेत बांग्लादेश, हंगरी, नॉर्वे, ओमान, रोमानिया, सऊदी अरब, यूनाइटेड स्टेट, उज़्बेकिस्तान आदि के आईटी विशेषज्ञ कर रहे शिरकत

उल्लेखनीय है, कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत समेत बांग्लादेश, आइसलैंड, मलेश्यिा, हंगरी, नॉर्वे, ओमान, रोमानिया, सऊदी अरब, यूनाइटेड स्टेट, उज़्बेकिस्तान कुल 11 देशों के आईटी विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं । कॉन्फ्रेंस के 24 तकनीकी सत्रों में 13 ट्रैक के देश-विदेश के शोधार्थियों की ओर से उभरती हुई प्रौद्योगिकियां, आईओटी और वायरलेस संचार, संचार और नेटवर्क प्रसारण, सिग्नल इमेज एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी,
शासन, जोखिम और अनुपालन, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, उद्योग 4.0, शिक्षा 4.0, सिस्टम मॉडलिंग और डिजाइन कार्यान्वयन, रोबोटिक्स, कंट्रोल, इंस्ट्रूमेंटेशन और ऑटोमेशन, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और हैल्थकेयर टेक्नोलॉजीज, डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग, सूचना सुरक्षा और इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न विषयों पर शोध पत्र पढ़े जाएंगे। इनमें से पहले दिन 98 शोधपत्र पढ़े जा चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *