दोस्ती, कारोबार में विवाद के बीच ‘आस्था के अपमान’ की एंट्री
उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। यह कहानी ऐसे दो दोस्तों के बीच की है जो अच्छे दोस्त के बाद कारोबार के लिए एक साथ हुए लेकिन कुछ एक मतभेद के चलते विवाद हो गया और अब इसमें आस्था के अपमान की एंट्री ने पूरे मामले को पेचीदा बना दिया है।जी हां, आप समझ ही गए होंगे लेकिन अगर नहीं समझे तो हम आपको बता रहे हैं।
यह मामला है बिल्डर नरेंद्र प्रताप सिंह और सिख समाज के प्रभु जोत सिंह के बीच का। इनमें प्रभु जोत सिंह गलशहीद थाना अंतर्गत जवाहर नगर में रहते हैं जबकि नरेंद्र प्रताप सिंह बिल्डर्स है और कटघर थाना अंतर्गत प्रभात मार्केट के पास रहते हैं।
सूत्रों की माने तो नरेंद्र के साथ प्रभु जोत सिंह ने पिछले साल 28 जनवरी को जमीन खरीदने के लिए 5-5 लाख रुपए लिए लेकिन प्लाट नहीं दिया। रुपए वापस मांगे तो चेक दिए जो बैंक से बाउंस हो गए। बाद में तकादा करने पर रुपए देने के बहाने गंज गुरुहट्टी चौराहा स्थित बिन्नी बार बुलाया और कार में बिठाकर छजलेट ले गए जहां धमकाया और जान से मारने की धमकी दी।
बकौल प्रभु जोत सिंह के, इतना ही नहीं, दाढ़ी नोची और पगड़ी उछाल कर अपमानित किया। यह घटना 18 मार्च की है। बाद में प्रभु जोत सिंह ने छजलेट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। तहकीकात शुरू की तो अच्छे संबंधों के बीच … के अपमान के साक्ष्यों की तलाश के बीच अचानक कलैक्ट्रेट में प्रदर्शन हुआ तो माहौल गर्मा गया।
क्योंकि पंजाबी समाज ने ‘पगड़ी उछाल’ को मुद्दा बनाते हुए सियासी बना दिया क्योंकि बिल्डर नरेंद्र प्रताप सिंह क्षत्रिय है तो क्षत्रिय समाज के लोगों ने संपर्क किया तो स्थिति साफ हो गई और पूरे मामले को लेकर रविवार को क्षत्रिय समाज के गणमान्य लोगों ने बैठक की और पत्रकारों से बातचीत भी की और पूरे मामले को पूरी तरह से निराधार बताते हुए कहा कि दोस्ती कारोबार के बाद टकराव में आस्था के अपमान का मामला कहीं नहीं है। इस मामले को कुछ लोग राजनीतिक रंग देने की कोशिश में है।