Budget session of 18th Lok Sabha begins: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं और गरीब-मध्यम वर्ग पर…

गरीब-मध्यम वर्ग पर मां लक्ष्मी की कृपा करे : पीएम मोदी

नई दिल्ली। 15वीं लोकसभा के बजट सत्र का आज पहला दिन है। सेशन शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा- मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का नमन किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती है। मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीच और मध्यम वर्ग समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे। उन्होंने कहा देश की जनता ने मुझे तीसरी बार यह दायित्व दिया है और तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 यानि आजादी के 100 साल होंगे विकसित भारत का संकल्प ये बजट एक नया विश्वास पैदा करेगा। नई ऊर्जा देगा। आजादी के 100 साल पर देश विकसित होता रहेगा। 140 करोड़ देशवासी अपने सामूहिक प्रयास से अपने संकल्प को पूरा करेंगे। तीसरे टर्म में हम मिशन मोड में देश को भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक मोर्चे पर सर्वांगीण विकास पर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा इस बार कई ऐतिहासिक बिलों पर इस सत्र में चर्चा होगी। कई महत्वपूर्ण फैसले होंगे। नारी शक्ति के गौरव को हमें स्थापित करना है। आज का नौजवान जब 45-50 साल का होगा तो वो विकसित भारत का सबसे बड़ा बेनिफिशियरी होगा। पीएम ने कहा- शायद 2014 से लेकर अब तक यह पहला पार्लियामेंट का सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं पनपी है। विदेश से आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है। में 2014 से देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले लोग शरारत करने के लिए तैयार बैठते थे। यहां उसको हवा देने वालों की कमी नहीं है। यह पहला मौका है, जब ऐसी कोई कोशिश नहीं हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। कल आम बजट पेश होगा।

उन्होंने कहा इस बार कर्व ऐतिहासिक बिलों पर इस सत्र में चर्चा होगी। कई महत्वपूर्ण फैसले होंगे। नारी शक्ति के गौरव को हमें स्थापित करना है। आज का नौजवान जब 45-50 साल का होगा तो वो विकसित भारत का सबसे बड़ा बेनिफिशियरी होगा। पीएम ने कहा- शायद 2014 से लेकर अब तक यह पहला पार्लियामेंट का सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं पनपी है। विदेश से आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है। मैं 2014 से देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले लोग शरारत करने के लिए तैयार बैठते थे। यहां उसको हवा देने वालों की कमी नहीं है। यह पहला मौका है, जब ऐसी कोई कोशिश नहीं हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। कल आम बजट पेश होगा।

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