प्रयागराज में गजलकार साजिद अली सतरंगी को मिला फिराक गोरखपुरी सम्मान

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मुरादाबाद। गांव की पगडंडी से निकल कर पूरे देश में अपनी क़लम का लोहा मनवा रहे जिले के युवा शायर साजिद अली सतरंगी को मशहूर शायर फ़िराक़ गोरखपुरी साहब के जन्म दिवस के मौक़े पर प्रयागराज की हिंदुस्तानी अकादमी में फ़िराक़ गोरखपुरी सम्मान से नवाजा गया।

इस मौके पर प्रयागराज की साहित्यिक संस्था गुफ्तगू के माध्यम से फ़िराक़ को समर्पित पुस्तक आधुनिक भारत के ग़ज़लकार का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष उर्दू के मशहूर आलोचक अली अहमद फातमी व उपाध्यक्ष पूर्व कमिश्नर बादल चटर्जी व संस्था के संस्थापक इम्तियाज़ अहमद गाज़ी ओर देश विदेश से आए तमाम शौहरा मोजूद रहें । मौजूदा किताब में साजिद अली सतरंगी की ग़ज़लों को शामिल किया गया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुशायरे का आयोजन किया गया उसमें साजिद अली सतरंगी ने अपनी ग़ज़ल, मंदिरों के लिए मस्जिदों के लिए, हम लड़े हैं सभी तुर्बतों के लिए,बात उनकी अगर हम भी करते कभी, लोग जो मर रहें रोटियों के लिए…पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। साजिद अली सतरंगी ने अपनी ग़ज़लों के माध्यम से समाज को आईना दिखाने की पुरजोर कोशिश की है। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं और दुआ करते हैं आप इसी तरह से आगे बढ़ते रहे अपने गांव शहर व देश का नाम रौशन करते रहें।

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