RBI की रिपोर्ट में खुलासा- कोरोना के कारण प्रभावित हुआ रोजगार, खाड़ी देशों के संकट का भी असर

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कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया में आर्थिक संकट पैदा हो गया. दुनिया भर में तमाम रोजगार ठप हो गए, जिसका गहरा असर लोगों की आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा.

कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक तनाव की वजह से खाड़ी देशों से आने वाले धन में गिरावट आई. भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 के दौरान भारत में खाड़ी देशों से आने वाले धन की हिस्सेदारी तेजी से कम हुई है.

आरबीआई के एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाएं प्रेषण यानी भेजा हुआ धन के लिहाज से भारत के लिए महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उभरी हैं. इन देशों की 2020-21 में भारत में आए कुल धन में हिस्सेदारी 36% है.

केंद्रीय बैंक के आर्थिक एवं नीति अनुसंधान विभाग के अधिकारियों द्वारा तैयार किए लेख के अनुसार, भारत को धन भेजने में खाड़ी सहयोग परिषद क्षेत्र की हिस्सेदारी पिछली सर्वेक्षण अवधि  2016-17 के समय 50% से अधिक थी. 2020-21 में इसमें 20% की गिरावट आई है और अब अनुमान जताया गया है कि ये घटकर 30% हो सकती है.

हालांकि, रिजर्व बैंक का कहना है कि लेख में छपे विचार लेखकों के हैं. ये केंद्रीय बैंक का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान खाड़ी देशों से भारत भेजे जाने वाले धन में आई गिरावट का प्रमुख कारण कोविड रहा है. कोविड के दौरान आवागमन ठप रहा है.

साथ ही ये आंकड़े ये साबित करते हैं कि खाड़ी देशों में काम करने वाले प्रवासी भारतीय जिस सेक्टर में काम करते थे, वो कोविड के दौरान बुरी तरह से प्रभावित हुए थे. इस वजह से कोविड के दौरान प्रेषण में छोटे आकार के लेनदेन का अनुपात बढ़ गया.

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