CBI के फेर में ‘चिदंबरम’ परिवार: कार्ति पर 50 लाख रुपये में 250 चीनियों को भारत का वीजा दिलाने का आरोप, तब पी. चिदंबरम थे देश के गृह मंत्री

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री रहे, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर मंगलवार सुबह सीबीआई ने छापामारी की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जहां पर छापा मारा है, उनमें पी. चिदंबरम का दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास और चेन्नई का निवास स्थान भी शामिल है। कार्ति चिदंबरम के कई दूसरे ठिकानों पर जांच एजेंसी ने दस्तक दी है। कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने 2008 से 2012 के बीच 250 चीनियों को पंजाब के ‘तलवंडी साबो पावर लिमिटेड प्रोजेक्ट’ पर काम करने के लिए वीजा दिलाने में मदद की थी। इसके लिए कथित तौर से पचास लाख रुपये की घूस ली गई थी। तब कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तत्कालीन अफसरों ने कार्ति चिदंबरम की मदद की थी। ऐसे में अब केंद्रीय जांच एजेंसी, उस वक्त एमएचए में कार्यरत रहे अफसरों से भी पूछताछ कर सकती है। अब गृह मंत्रालय के कई पूर्व अधिकारी, केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर आ गए हैं।
सीबीआई रेड की जानकारी खुद कार्ति चिदंबरम ने अपने ट्वीट के जरिए मीडिया को दी थी। इसके दो तीन घंटे बाद पी. चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा, आज सुबह सीबीआई की एक टीम ने चेन्नई में मेरे आवास और दिल्ली में मेरे आधिकारिक आवास की तलाशी ली। टीम ने मुझे एक प्राथमिकी दिखाई, जिसमें मेरा नाम आरोपी के रूप में नहीं है। सीबीआई टीम को न कुछ मिला और न ही कुछ जब्त किया गया है। मैं बता सकता हूं कि इस रेड का समय दिलचस्प है। बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री ने हाल ही में आयोजित कांग्रेस चिंतन शिविर में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने आर्थिक मामलों पर सरकार की खिंचाई की थी। इसी वजह से चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस रेड का समय दिलचस्प है। चिदंबरम ने कहा था, सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है। मौजूदा आर्थिक नीतियां देश के हित में नहीं है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। उच्चतम ब्याज दर के कारण रुपया कमजोर हो गया है। आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है।
इतना ही नहीं चिदंबरम ने कहा, केंद्र सरकार, महंगाई के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती। युद्ध से पहले भी देश में तेल की कीमतें ज्यादा थी।
गत आठ वर्षों से देश में विकास की धीमी दर, केंद्र सरकार की पहचान रही है। आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार ने कई सारे गलत कदम उठाए हैं। जीएसटी को गलत तरीके से लागू करने के चलते राज्यों की आर्थिक हालत खराब हो रही है। पूर्व वित्त मंत्री ने सेना में भर्ती का मुद्दा उठाते हुए कहा, सेना में तीन साल से कोई भर्ती नहीं हो रही है। मोदी सरकार ने नई भर्तियों के दरवाजे बंद कर दिए हैं। मोदी सरकार युवा, गरीब, दलित-आदिवासी विरोधी सरकार है। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर चिदंबरम ने कहा था, नरसिम्हा राव सरकार ने गहन सोच विचार के बाद ही पूजा स्थल कानून बनाया था। उस कानून में एक मात्र अपवाद राम जन्मभूमि मंदिर है। उन्होंने कहा, देश में जितने भी धर्मस्थल हैं, वहां पर यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए। अगर किसी धार्मिक स्थल की स्थिति बदलने की कोशिश की जाती है तो इससे बहुत बड़ा विवाद पैदा हो जाएगा। चिदंबरम ने कई दूसरे मामलों पर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया।
सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ताजा मामला दर्ज किया है। हालांकि इस मामले की तार भी पूर्व के केसों से जुड़े हैं। आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई और ईडी ने 2019 व 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी। चिदंबरम के वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश हासिल करने की मंजूरी दी गई थी। इस केस में भी घूस लेने के आरोप लगे थे। एयरसेल मैक्सिस डील में भी कार्ति चिदंबरम और उनके पिता के खिलाफ जुलाई 2018 में चार्जशीट फाइल की गई थी। यहां पर भी घूस लेकर विदेश निवेश की मंजूरी दिलाने का आरोप लगा था। एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि ताजा मामले की कड़ी भी इन्हीं केसों से जुड़ रही है।

सीबीआई का आरोप है कि की कार्ति चिदंबरम ने 50 लाख रुपये की घूस के बदले 250 चीनी मूल के लोगों को पंजाब के ‘तलवंडी साबो पावर लिमिटेड प्रोजेक्ट’ पर काम करने के लिए वीजा दिलाने में मदद की थी। उस समय यूपीए की डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे। अब इस केस की जांच पड़ताल को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सीबीआई गृह मंत्रालय के तत्कालीन अफसरों से पूछताछ कर सकती है। बताया जा रहा है कि उस वक्त के कई बड़े अफसर अब रिटायर हो चुके हैं। जांच एजेंसी, उन्हें समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला सकती है।

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