पहले के मुकाबले अब खेती में आय की संभावनाएं बढ़ी, खरीदी हुई व्यवस्थित और भुगतान समय पर

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रायपुर :  मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में कृषि क्षेत्रों में वृद्धि और किसानों के हितों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। जिसका लाभ जमीनी स्तर पर दिख रहा है। कृषि महाविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं विज्ञान मेला में पहुंचे किसान भोगीलाल पटेल, महासमुंद जिले के ग्राम गड़बेड़ा पिथौरा से हैं। जो 15 एकड़ में धान, 2 एकड़ में गेंहू और आधे एकड़ में मक्के की खेती करते हैं। किसान  भोगीलाल का कहना है कि पहले के मुकाबले अब खेती में आय की संभावनाएं बढ़ी हैं। मुख्यमंत्रीभूपेश की सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। हम अपने खेतों की उपजों का वाजिब दाम प्राप्त कर पा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि को लेकर लिए गए अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय हमारे लिए कारगर साबित हो रहे हैं।

उन्होंने धान खरीदी की व्यवस्था को लेकर अपनी बात कही जिसमें उन्होंने बताया कि पहले खरीदी जनरल व्यवस्था में होती थी, हमें लाइन लगकर बड़ी मशक्कत के साथ अपना धान बेचना पड़ता था। लेकिन अब टोकन सिस्टम से खरीदी होने के कारण धान खरीदी व्यवस्थित, सुरक्षित और आसान हुई है। अब किसानों का भगदड़ नहीं होती। किसान भोगीलाल बताते हैं कि हमने खेती में यूरिया, डीएपी को कम मात्रा में उपयोग करना शुरू कर दिया है और ऑर्गेनिक (हारमोंस) का यूज कर रहे हैं। फसलों में बीमारी कम आ रही है। महिला स्व-सहायता समूह की बहनों द्वारा गौठान में उत्पादित खाद हमारे बेहद काम आ रहा है, जो हमें सरकारी सोसाइटी से बहुत कम दामों में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

किसान  भोगीलाल कहते हैं कि खरीदी का भुगतान तुरंत ही खाते में आ जाता है। बिना किसी तकलीफ के खेती की लागत के साथ-साथ हमें अपना मुनाफा भी बेहतर ढंग से मिल रहा है। आने वाले समय में भोगीलाल खेती में विस्तार करते हुए ड्रिप सिस्टम से प्याज की खेती करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की दूरदृष्टि और कृषि को लेकर जो उनकी समझ है, वह सिर्फ एक किसान मुख्यमंत्री में ही हो सकती है।

उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य में धान बिकने से हमें खेती में अतिरिक्त आय हो रही है, जिसके उपयोग से हम खेती को और अधिक आधुनिक तकनीक से करने में सफल हो पा रहे हैं। मेरे खेत में सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम है। सेलोटेप परियोजना के तहत 2000 स्क्वायर फीट में पाइप लाइन भी बिछा हुआ है, जो फसलों को लाभ पहुंचा रहा है। किसान भोगीलाल बताते हैं कि आने वाले समय में वे पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन भी लेने की योजना बना रहे हैं ताकि थरहा आसानी से और कम समय में लगाया जा सके।

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