Leprosy Fortnight: कुष्ठ होना कोई कलंक नहीं, सिर्फ एक बीमारी, इलाज संभव: प्रो. चारु मेहरोत्रा

लव इंडिया मुरादाबाद गोकुलदास गर्ल्स हिंदू कॉलेज में विकसित भारत के अंर्तगत 30 जनवरी 2025 से 13 फरवरी 2025 तक कुष्ठ रोग पखवाड़ा मनाया जा रहा हैं जिसके अंतर्गत कल 30 जनवरी को महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर साइंस क्लब तथा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा कुष्ठ रोग निवारण दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ शहीद दिवस के अवसर पर 2 मिनट का मौन करा कर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर किया गया। तत्पश्चात प्राचार्या प्रोफेसर चारु मेहरोत्रा ने शिक्षिकाओं, छात्राओं तथा तृतीय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को कुष्ठ रोग उन्मूलन की शपथ दिलवाई। आज दिनांक 31 जनवरी 2025 को कुष्ठ रोग उन्मूलन पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका प्रारंभ प्राचार्या प्रो चारु मेहरोत्रा तथा डॉ भास्कर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया।

प्राचार्या प्रो चारु मेहरोत्रा ने कहा कि एक समय था जब कुष्ठ रोगियों को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन धीरे-धीरे मेडिकल साइंस ने कुष्ठ रोग के कारणों का पता लगाकर यह सिद्ध कर दिया कि कुष्ठ रोग कोई कलंक नहीं है बल्कि इस रोग के उत्पन्न होने के मेडिकल कारण है। यदि हम अंधविश्वास की तरफ ना जाकर कुष्ठ रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें तो इस रोग का उपचार संभव है ।

उन्होंने कहा कि हम मानते हैं आज विश्व में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता बढ़ी है लेकिन अभी भी भारत के पिछड़े इलाकों में जहां अभी भी अंधविश्वास है ,कुष्ठ रोग को एक कलंक के रूप में ही देखा जाता है । इसलिए महाविद्यालय की छात्राओं और हम सब का यह कर्तव्य है कि देश के हर क्षेत्र में कुष्ठ रोगों के प्रति जागरूकता फैलाएं ।


जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ भास्कर अग्रवाल ने छात्राओं को कुष्ठ रोग के कारण उनके लक्षणों और उपचारों के बारे में बता कर उनका ज्ञान बढाया। उन्होंने बताया कि यह रोग कभी-कभी कान पर गांठों या ऐसे घावों के होने से होता है जिसमें रोगियों को दर्द नहीं होता यदि इसका उपचार नहीं किया जाता तो यही कुष्ठ रोग हो जाता है। यह रोग छूत का रोग नहीं है । यह माइकोबैक्टेरियम लैप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रो मेट्रोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है । इसका उपचार संभव है ।

डॉक्टर भास्कर ने छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान भी किया । साथ ही यह भी बताया कि मल्टी ड्रग थेरेपी( एमडीटी) से इस रोग का उपचार पूर्णता संभव है । यह थैरेपी सभी सरकारी चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है ।यह उपचार बिल्कुल मुफ्त है । इसलिए जैसे ही कुष्ठ रोग से संबंधित लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करा लें जिसका उपचार हो सके ।

उप प्राचार्या डॉ अंजना दास जी ने छात्राओं को बताया हम सब में यह भ्रांति फैली हुई यह रोग कुष्ठ रोगियों को स्पर्श करने से फैलता है। छात्राओं को इसके प्रति जागरूक होना होगा कि यह रोग स्पर्श करने से नहीं फैलता है। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा कुष्ठ रोग पर एक नारा लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें अलीशा को प्रथम, ऐमन को द्वितीय तथा शाज़ली को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में चीफ प्रॉक्टर प्रो कविता भटनागर भी उपस्थित रही।


कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन वनस्पति विज्ञान प्रभारी डॉ रेनू शर्मा तथा रसायन विज्ञान प्रभारी डॉ सविता अग्रवाल ने सयुक्त रूप से किया।कार्यक्रम में जंतु विज्ञान की प्रवक्ता कु गुलबहार का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में विज्ञान की समस्त छात्राओं ने प्रतिभाग कर के कुष्ठ रोग संबंधी अपने ज्ञान को बढ़ाया।

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