Wakf Amendment Bill: लोकसभा में पेश होने पर विपक्ष का हंगामा

किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया है. किरेन रिजिजू ने कहा कि इससे अधिक संख्या में आजतक किसी भी बिल पर लोगों की याचिकाएं नहीं आईं. 284 डेलिगेशन ने अलग-अलग कमेटी के सामने अपनी बात रखी है. 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड ने अपना पक्ष रखा. पॉलिसी मेकर्स, विद्वानों ने भी अपनी बात कमेटी के सामने रखी हैं. इस बिल का पॉजिटिव सोच के साथ विरोध करने वाले भी समर्थन करेंगे.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो पॉइंट ऑफ ऑर्डर उठाया है. भारत सरकार की कैबिनेट ने एक बिल अप्रूव करके सदन के सामने रखा. सदन की ओर से ये बिल जेपीसी को दिया गया. कमेटी ने सुविचारित रूप से अपना मत प्रकट किया. वह मत फिर से कैबिनेट के सामने गया. कमेटी के सुझाव कैबिनेट ने स्वीकार किए और संशोधन के रूप में किरेन रिजिजू लेकर आए हैं. अगर ये कैबिनेट के अप्रूवल के बगैर आता तो पॉइंट ऑफ ऑर्डर रेज कर सकते थे. ये कांग्रेस के जमाने जैसी कमेटी नहीं है. हमारी कमेटियां दिमाग चलाती हैं.

मौजूदा बोर्ड वक्फ एक्ट, 1995 के तहत गठित

भारतीय वक्फ बोर्ड एक ऐसी संस्था है जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और धर्मार्थ संपत्तियों का प्रबंधन करती है। यह बोर्ड वक्फ एक्ट, 1995 के तहत गठित किया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का संरक्षण और उनका सही तरीके से प्रबंधन करना है।

देश के समस्त राज्यों में राज्य बार कुल कितनी चल-अचल संपत्ति है, इसके आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं:

  • पंजीकृत अचल वक्फ संपत्तियां: सितंबर 2024 तक भारत में 8.7 लाख पंजीकृत अचल वक्फ संपत्तियां हैं ¹।
  • संपत्ति पर मुकदमें: इन संपत्तियों में से 2% पर मुकदमे चल रहे हैं ¹।
  • संपत्ति पर कब्जा: 7% संपत्तियों पर कब्जा है ¹।
  • अनिश्चित स्थिति: 50% संपत्तियों की स्थिति अज्ञात है ¹।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है और ये आंकड़े केवल एक अनुमान हैं।

भारत की केंद्र सरकार मौजूदा वक्फ बिल में कुछ संशोधन करने की तैयारी में है, जिनमें से कुछ प्रमुख संशोधन इस प्रकार हैं:

वक्फ की स्थापना: बिल में कहा गया है कि कम से कम पांच वर्ष तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही वक्फ की घोषणा कर सकता है।

वक्फ का सर्वेक्षण: बिल में जिला कलेक्टर को सर्वेक्षण का अधिकार दिया गया है।

वक्फ के तौर पर सरकारी संपत्ति: बिल में कहा गया है कि वक्फ के रूप में पहचानी गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ नहीं रहेगी।

केंद्रीय वक्फ परिषद: बिल में परिषद में नियुक्त सांसदों, पूर्व न्यायाधीशों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के लिए मुस्लिम होने की आवश्यकता को हटाता है।

वक्फ बोर्ड्स की संरचना: बिल राज्य सरकार को यह अधिकार देता है कि वह उपरिलिखित समूहों में से प्रत्येक के एक व्यक्ति को बोर्ड में नामित कर सकती है।

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