कान्हा के जन्म के साथ ही इंद्रदेव हुए मेहरबान और रिमझिम बूंदों के साथ धोए के पोतड़े
उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। यूं तो उत्तर प्रदेश में 15 जुलाई से ही मानसून आ जाता है लेकिन इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभी तक खास बारिश नहीं हुई है। खासकर मुरादाबाद जिले में बारिश की स्थिति बेहद खराब की है और हालात सूखे से हैं क्योंकि अभी तक सिर्फ दो तीन बार बारिश हुई है और वह भी ऊंट के मुंह में जीरे के समान।
मालूम हो कि पिछले साल अगस्त माह तक मुरादाबाद में भी सामान्य बारिश से 172.2 मिली मीटर कम बारिश हुई है और पिछले सात वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2015 के बाद से वर्ष 2020 में अगस्त माह में सबसे कम बारिश हुई थी।
मौसम विशेषज्ञों की माने तो इस साल भी बारिश मुरादाबाद जनपद में बेहद कम हुई है। सावन में अभी 20 मिली मीटर तक की बारिश हुई है। जबकि अब तक औसतन 150 मिली मीटर वर्षा हो जानी चाहिए थी।
कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो मुरादाबाद में अभी तक मौसम की स्थिति यह थी की कई बार आसमान में काले काले बादल छाए लेकिन वह एक हवा के झोंके से उड़ गए और फिर सूर्य देव चमचमा उठे और अभी तक सूर्य देव अपनी तापिश से लोगों को बेहाल किए हुए हैं। 18 अगस्त को भी दोपहर के बाद से मौसम बदला था और आसमान में काले काले बादल होने लगे थे लेकिन जैसे ही रात के 8 बजे तो हवा के झोंके के साथ बादल भी उड़न छू हो गए ह
19 अगस्त को भी सुबह से यही हाल था आसमान में बादल आ और जा रहे थे। इस सबके बीच सूर्य देव अपना कहर रोजमर्रा की तरह बढ़ता रहे थे लोग तपिश की गर्माहट के बीच चिपचिपाहट से भी परेशान थे लेकिन शाम 4 बजे से आसमान में छाए बादल छाए ही रहे यह स्थिति रात 11 बजे के बाद भी थी और इस सब के बावजूद रात 11 बजकर 52 मिनट पर बिजली भी गुल हो गई और ऐसे में भव्य रुप से सजे मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारियां थम सी गई यह अलग बात है कि कुछ ही पलों में जनरेटर चल गए और मंदिर रोशन हो गए लेकिन अधिकांश घरों की स्थिति यही रहेगी और भगवान श्री कृष्ण का जन्म अंधियारी काली रात में ही हुआ और इसी के साथ इंद्रदेव भी प्रसन्न हो गए और रिमझिम फुहारों के बीच बरसने लगे। यह देख कर मंदिरों में कतारों में लगे बुजुर्ग लोग कहने लगे की इंद्रदेव ने जन्म के साथ ही नन्हे कान्हा के पोतड़े (कपड़े) धो दिए और इंद्रदेव के बरसने का यह सिलसिला रात 1 बज कर 25 बजे तक रिमझिम बूंदों के साथ जारी था।