केशव देव मौर्य से समाजवादी पार्टी ने वापस मांगी गिफ्ट दी हुई फॉर्च्यूनर
लव इंडिया, लखनऊ।उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव हुआ है। जिसमें समाजवादी पार्टी ने अपने किसी भी गठबंधन दल को एक भी सीट नहीं दी। जिसके बाद नाराज गठबंधन दलों ने समाजवादी पार्टी से किनारा करना शुरू कर दिया है। अब इसमें एक रोचक वाक्या सामने आया है।दरअसल, महान दल के गठबंधन तोड़ने से नाराज अखिलेश यादव ने केशव देव मौर्य को चुनाव से पहले गिफ्ट की गई फॉर्च्यूनर गाड़ी अब वापस मांगी ली है। बताया जा रहा है कि फॉर्च्यूनर गाड़ी अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य को गिफ्ट दी थी। अब खबर आ रही है कि अखिलेश यादव ने ये गाड़ी वापस ले ली है।*जब रालोद को राज्यसभा की सीट दिए तो सुभासपा, महान दल को क्यों नहीं?गठबंधन में जो भी दल शामिल हैं,सबके लिए समान मानक होना चाहिए।इन्होंने हमसे भी किराए की गाड़ी को पद से हटाने के बाद अपमानित करते हुए वापस मंगा लिया था।लौटनराम निषाद को समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का परिणाम यह हुआ कि सपा की सरकार नहीं बन पायी।कारण कि अतिपिछडों, दलितों,वंचितों में गलत संदेश गया।जो निषाद पार्टी मेरे चलते समाप्ति की ओर जा रही थी,मुझे हटाते ही उसे मौका मिल गया।
भारतीय पिछड़ा दलित महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौ.लौटनराम निषाद ने केशव देव मौर्य से गिफ्ट दी हुई गाड़ी वापस मांगने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अपमानित करने का गुर किसी को सीखना हो तो अखिलेश यादव से सीखे। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकत अखिलेश यादव जी की बहुत बड़ी कमजोरी है।कहा कि राम में आस्था के सवाल पर जब हमें पदच्युत करने के लिए आज़मगढ़ से लखनऊ वापस बुलाया गया तो यह कहा गया कि गाड़ी के साथ वापस आ जाइये।यह बात बड़ी नागवार गुजरी कि आऊँगा तो गाड़ी से ही न कि उड़कर।हमारे मन में गुस्सा आया कि गाड़ी को वापस भेज देते हैं और शेष 10-15 जिलों में जो सामाजिक न्याय सम्मेलन करने के बाद ही जाऊँगा।उनके एक करीबी दोस्त से यह बात बताया तो उन्होंने सलाह दिया कि आप आ जाइये।25 अगस्त,2020 को हम सपा कार्यालय पहुँचे।सपा सुप्रीमो से देखादेखी हुई।उन्होंने एसआरएस यादव व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को मुझसे बात करने को भेजे।इन लोगो ने कहा,आपके पास जो पद है उसे वापस कर दीजिए।हमने कहा कि ऐसा करने से पार्टी का बहुत बड़ा नुकसान होगा,पिछड़ों, दलितों में गलत संदेश जाएगा।रही बात पद वापस करने की तो यह कोई सामान नहीं है कि वापस कर दें।हमने पद माँगा नहीं था,जिसने दिया था वे हमें बर्खास्त कर दें।हमने पूछा कि जिस गाड़ी से चलता हूँ उसको क्या करें।उत्तम जी अखिलेश यादव जी से अंदर से बात करके आये तो बोले गाड़ी आपके साथ रहेगी।26 अगस्त को तड़के ड्राइवर को फोन कर बुला लिया गया।हमे चलने के लिए पार्टी द्वारा किराए पर गाड़ी दी गयी थी।
निषाद ने बताया कि जब हमें 15 मार्च,2020 को सपा पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। 16 मार्च को राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मिलने कार्यालय पहुँचे।देखते ही वे हमें बुलाकर कहे कि लौटनराम, हम बड़ा सोच विचार कर यह जिम्मेदारी दिया हूँ,2022 में सरकार बनवाने की सबसे बड़ी भूमिका तुम्हारी है।तुम्हारे व तुम्हारे घर परिवार के लिए क्या करना है,बता दो।हमने कहा कि हमारा लक्ष्य 2022 में सपा सरकार बनाने की है।8 जून,2020 को हमसे कहे कि लौटनराम, किराए की गाड़ी से नहीं चलना है।जो गाड़ी पसन्द हो तो बता दो,हम खरीदकर दे देते हैं।हमने कुछ नहीं कहे।हमारे अंदर इस तरह का कोई लालच था नहीं,बस संकल्प था सरकार बनवाने के लिए माइक्रो सोशल इंजीनियरिंग को मजबूत करने का।इन्होंने अंसल गोल्फ सिटी में अपने एक मित्र को एक मकान रहने को दिए थे।इसके बाद उनसे मकान खाली करने के लिए कहते हुए कहे कि एक सप्ताह में खाली कर देना नहीं तो सामान फिकवा दूंगा।
निषाद ने बताया कि महान दल और समाजवादी पार्टी के बीच नाराजगी की खबरें अब खुलकर सामने आ गई है। दो दिन पहले महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने गठबंधन से अलग होने का एलान किया था। इसकी वजह स्पष्ट तौर पर एमएलसी सीट नहीं मिलने को लेकर पैदा हुई है। बताया जा रहा है कि इसके बाद समाजवादी पार्टी के कुछ सलाहकार नेताओं ने अखिलेश यादव को सलाह दिया कि केशवदेव मौर्य से गाड़ी वापस ले लीजिए।जानकारी के अनुसार फॉर्च्यूनर गाड़ी केशव देव मौर्य को आसानी से कैंपेन करने के लिए दी गई थी। अब बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव के एक सलाहकार ने केशव देव मौर्य को फोन करके गाड़ी वापस करने की बात कही है।