80 के दशक में डाक या तार से भेजे जाते थे समाचार, अब कुछ ही मिनट में दुनियाभर में हो जाते हैं वायरल

Uttar Pradesh तेरी-मेरी कहानी

निर्भय सक्सेना, बरेली। बरेली में आजादी के बाद दिल्ली, लखनऊ एवम अन्य शहरों से ही दैनिक पत्रों के बरेली में प्रतिनिधियों के अलावा स्नीय स्तर पर प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक पत्रों के पत्रकारों का ही बोलबाला था। जिनका लेखन भी सीमित दायरे या अपनी विचारधारा को बढ़ाने तक ही होता था। वर्ष 1960 के दशक में आगरा से आए दैनिक अमर उजाला का बरेली से प्रकाशन के बाद ही बरेली में पेशेवर पत्रकारिता की वास्तविक शुरुआत हुई। वर्ष 1995 में दूरदर्शन के बाद कई न्यूज चैनल आने के बाद पत्रकारिता की दिशा भी बदल गई। बाद में बरेली भी देश के प्रमुख समाचार पत्रों का प्रकाशन केंद्र बन गया। जिससे बरेली में पत्रकार भी पूर्णकालिक हो गए। बाहर से आए पत्रकारों ने बरेली में प्रशिक्षण लेकर देश भर में अपना नाम कमाया।

बरेली में स्वतंत्र सक्सेना, राकेश कोहरवाल, निर्भय सक्सेना, नवीन सक्सेना, गीतेश जोली, पवन सक्सेना, महेंद्र मनुज आदि संवाददाताओं की विशेष स्टोरी के साथ ही प्रेस फोटो ग्राफर प्रभात सिंह, अजय शर्मा, उमेश शर्मा, दीप, मोहित, अशोक गुप्ता, विवेक मिश्रा, रोहित, राकेश पांडे, अजय मिश्रा, राकेश कश्यप आदि के कई फोटो काफी चर्चित हुए । वर्ष 1969 में बरेली आए दैनिक अमर उजाला में जे बी सुमन सिटी प्रभारी रहे। हरी शंकर सक्सेना, अशोक वैश्य भी इससे जुड़े रहे।

प्रभात सिंह ने ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में फोटोग्राफी से अपना कैरियर प्रारंभ किया और अपने योग्यता के बल पर सिटी प्रभारी बने। इसके बाद इलाहाबाद चले गये जहां ‘दैनिक अमर उजाला’ के संपादकीय प्रभारी के तौर पर लंबे समय तक कार्य किया। आजकल वह ‘संवाद’ न्यूज एजेंसी के साथ जुड़े हुए हैं। प्रभात जी का जन्म 7 अगस्त 1963 में हुआ और बरेली कालेज से उन्होंने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। आजकल वह बरेली में ही निवास कर रहे हैं। उनके विभिन्न विषयों पर लिये गये फोटोग्राफ हमेशा चर्चा में रहे और उनकी सर्वत्र सराहना भी हुई। राजेश सिंह श्रीनेत ने भी ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में लंबे समय तक कार्य किया। बाद में वह ‘दैनिक जागरण’ से सिटी प्रभारी भी रहे। उन्होंने बरेली में साप्ताहिक समाचार पत्र ‘दीप टाइम्स’ का भी प्रकाशन किया। श्री राजेश जी की गजलों में भी रूचि रही। उनके भाई श्री दिनेश श्रीनेत भी अमर उजाला में कार्यरत रहे।

पवन सक्सेना ने भी अपना कैरियर एक शिक्षक के रूप में प्रारंभ किया। बाद में वह ‘दैनिक अमर उजाला’ में आ गये। लंबे समय तक वह रिपोर्टिंग भी करते रहे। उनकी गिनती भी एक तेज तर्रार रिपोर्टर के रूप में रही। उसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ बरेली में आ गये और ‘दैनिक जागरण’ में सिटी इंचार्ज बने। श्री पवन सक्सेना को कलकत्ता के ‘टेलीग्राफ’ ने बेहतर प्रेस रिपोर्टर के पुरस्कार से भी नवाजा। श्री पवन सक्सेना उपजा के महामंत्री रहने के बाद में वर्तमान उपजा बरेली के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह अपना व्यापार भी कर रहे हैं।

विनीत सक्सेना ने भी अमर उजाला के संपादक के रूप में बरेली में कार्य किया। आजकल वह अमर उजाला के नोएडा के कार्पोरेट कार्यालय में कार्यरत हैं। वह एक अच्छे व्यक्ति भी हैं। अजीत बिसरिया भी बरेली अमर उजाला के बाद अब लखनऊ अमर उजाला में कार्यरत हैं। अजय सक्सेना भी अमर उजाला में हैं। गौतम भी अपराध प्रतिनिधि रहे थे। स्वर्गीय मुंशी प्रेम नारायण जी के सहायक के रूप में भैरव दत्त भट्ट ‘दैनिक उत्तर उजाला’ के प्रतिनिधि बन गये। भट्ट जी भी मुंशी जी के घर पर रहते थे। 11फरवरी 1974 को दैनिक विश्व मानव का बरेली से लक्ष्मण दयाल सिंघल ने प्रकाशन प्रारंभ किया। जिसके संपादक राम गोपाल शर्मा थे। निर्भय सक्सेना, अखिलेश सक्सेना, हरी शंकर शर्मा, राजेंद्र पांडे, अनिल सक्सेना, रमेश गौतम, महेंद्र मनुज भी विश्व मानव से जुड़े रहे। अनिल सक्सेना बाद में दिल्ली प्रेस की सरिता पत्रिका में चले गए। कमल कांत शर्मा शुरूआती दौर में ‘दैनिक विश्व मानव’ में लंबे समय तक संपादकीय विभाग में रहे। अलीगढ़ निवासी कमल शर्मा ने ही विशप मंडल कालेज के बाद बरेली कालेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। ‘दैनिक विश्व मानव’ की बंदी के बाद वह हरिद्वार चले गये और वहां एक दैनिक समाचार पत्र ‘भागीरथ संदेश’ में काम करने के बाद हल्द्वानी आ गये। श्री कमल शर्मा ‘दैनिक उत्तर उजाला’ के प्रभारी बनें। जब ‘दैनिक जागरण’ हल्द्वानी में प्रारंभ हुआ तब श्री शर्मा संपादकीय विभाग की टीम में शामिल हुए और हल्द्वानी ‘दैनिक जागरण’ से ही सेवानिवृत्त हो गये। इसके बाद वह ‘दैनिक उत्तरांचल द्वीप’ से जुड़ गये। 1978 में बड़ी के बाद राम दयाल ने दैनिक विश्व मानव शुरू किया । इसके बाद प्रवीन सिंह एरन ने भी कुछ वर्ष दैनिक विश्व मानव को चलाया।

जे बी सुमन ने वर्ष 1976 में दैनिक दिव्य प्रकाश शुरू किया जिसमे कई पत्रकार बने। उनके निधन के बाद उनके पुत्र प्रशांत सुमन ने संपादक के रूप में कार्य संभाला। प्रशांत सुमन का कोविड से 5 मई 2021को निधन हो गया। अनिल माहेश्वरी हिंदुस्तान टाइम्स के बरेली में विशेष संवाददाता रहे। अखिलेश सक्सेना भी बरेली हिंदुस्तान टाइम्स प्रतिनिधि रहे। नफीस भारती जी आजकल भी पुत्र रईस अहमद के साथ अपना उर्दू दैनिक तर्जुमान निकाल रहे हैं। शहजाद अली भी उर्दू साप्ताहिक निकलते हैं। वी पी गौतम बरेली में ब्लिट्ज के प्रतिनिधि रहे।अजीत सक्सेना ने भी बरेली के प्रेमनगर से भी ‘रफ्तार टाइम्स’ एवं ‘खुशबू मेरे देश की’ सहित कई पत्रिकाओं का प्रकाशन किया। अपनी पत्रिका ‘रफ्तार टाइम्स’ में उन्होंने कई जागरूक पत्रकारों को लेकर एक न्यूज पोर्टल भी शुरू किया जिसमें कई पत्रकार जुड़े रहे। गुडविन मसीह ने बाल साहित्य लेखन में काफी कार्य किया। 8 अगस्त 1966 को जन्मे कहानीकार श्री गुडबिन के लिखे कई नाटक ‘बस्तों की हड़ताल‘, ‘फूल खिलने लगे’ चर्चित हुए। आज कल गुडविन मसीह अजीत सक्सेना जी के साथ ‘खुश्बू मेरे देश की’ का संपादन कर रहे हैं। श्री मसीह को उ.प्र. हिंदी संस्थान ने डा. राम कुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान से भी सम्मानित किया है। करूणा निधि गुप्ता ने बरेली में शुरूआती दौर में प्रेस फोटोग्राफी की और बाद में उन्होंने अपना ‘ईएनआई पोर्टल’ भी प्रारंभ किया। आजकल वह अपना इसी चैनल के माध्यम से कई लोगों को अपने साथ जोड़े हुए हैं। उन्होंने अपनी एक पत्रिका का भी प्रकाशन किया जिसके कुछ ही अंक छप सके। वर्ष 1979 में बरेली से दैनिक जागरण का प्रकाशन शुरू हुआ। बच्चन सिंह के बाद चंद्र कांत त्रिपाठी इसके स्थानीय संपादक बने।चन्द्रकांत त्रिपाठी बनारस में स्वतंत्र भारत दैनिक से ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में आये और यहां सी. के. त्रिपाठी के नाम से उनकी पहचान बनी। इसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ में उन्होंने महाप्रवंधक से लेकर स्थानीय संपादक तक की भूमिका में लंबे समय तक कार्य किया। सी. के. त्रिपाठी ने बरेली में रहकर कई प्रयोग भी किये और दैनिक जागरण मुरादाबाद, हल्द्वानी यूनिट का विस्तार कराने तक कार्य किया। बाद में उनका गोरखपुर तबादला हुआ। ‘दैनिक जागरण’ से सेवानिवृत्त होकर वह पुनः बरेली आ गये। यहां से सांध्य ‘दैनिक नमस्कार’ का प्रकाशन शुरू कराया। पर ये अखबार जल्दी ही दम तोड़ गया। आजकल त्रिपाठी जी ‘नमस्कार पोर्टल’ एवम रुहेलखंड पोस्ट साप्ताहिक पत्र चला रहे हैं।जिसे राजीव शर्मा, गणेश पथिक देख रहे हैं।

दैनिक जागरण में रामधनी जी समाचार बने। निर्भय सक्सेना, पवन सक्सेना, संजीव गंभीर, कंचन वर्मा लंबे समय तक ‘दैनिक ‘दैनिक जागरण’, में रहे। कंचन वर्मा ‘दैनिक अमर उजाला’ में कार्य किया। बाद में वह हल्द्वानी चले गये जहां उन्होंने एक लंबी पारी खेली। आजकल वह रुद्रपुर में ‘फ्रंट लाइन न्यूज’ नेटवर्क के माध्यम से अपना पोर्टल चला रहे हैं। सौरभ शर्मा भी बरेली में आर. जे. न्यूज के नाम से अपना पोर्टल चला रहे हैं। इसके अलावा वह अपना एक न्यूज वैवसाइट भी चलाते हैं। हाल में उन्होंने ‘आर.जे.पत्रिका’ का भी प्रकाशन किया जिसका विमोचन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक सभागार में कराया। दैनिक जागेश्वर न्यूज को मयंक गुप्ता, युवा हस्ताक्षर को शहजाद अली एवम विश्व आई न्यूज को भी गुप्ता निकालते हैं। विशाल गुप्ता ने बरेली में ‘दैनिक आज’, ‘दैनिक जागरण’ में रिपोर्टिंग एवं संपादन का कार्य किया। आजकल वह बरेली में सन् 2010 से ‘बरेली लाइव’ के नाम से न्यूज पोर्टल एवम यात्रा पार्टनर चला रहे हैं। अखबारी पत्रकारिता के साथ उन्होने ‘अजमेरा इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया स्ट्डीज’ के नाम से पत्रकारिता संस्थान की स्थापना 2002 में की। उन्होंने ‘अजमेरा पत्रिका’ का भी प्रकाशन किया। जो कुछ समय के बाद में बंद हो गए। मास कम्युनिकेशन से शिक्षित सचिन श्याम भारती भी बरेली लाइव से जुड़े हुए हैं। वह अच्छे उद्घोषक भी हैं। श्री गजेन्द्र त्रिपाठी जो लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ के संपादकीय विभाग में रहे। बाद में वह हिंदुस्तान में चले गये। उसके बाद वह लंबे समय हल्द्वानी ‘दैनिक जागरण’ रहे और वहीं से सेवानिवृत हुये। अब वह श्री विशाल गुप्ता जी के साथ ‘बरेली लाइव’ पोर्टल में उनके साथ जुड़े हैं। चन्द्रकांत त्रिपाठी बनारस में स्वतंत्र भारत दैनिक से ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली में आये और यहां सी. के. त्रिपाठी के नाम से उनकी पहचान बनी। ‘दैनिक अमर उजाला’ के विज्ञापन विभाग में उन्होंने लंबे समय तक तक काम किया। इलाहाबाद पत्रिका के बाद रामधनी द्विवेदी भी बरेली आ गए। रामधनी जी दैनिक जागरण में समाचार संपादक कई वर्ष रहे। वह होमियोपैथी से उपचार करने में भी दक्ष हैं। आजकल दैनिक जागरण नोएडा में हैं। अनिल के. अंकुर ने भी बरेली ‘दैनिक जागरण’ में लंबे समय तक संपादकीय विभाग में काम किया। वह ‘दैनिक जागरण’ में सिटी इंचार्ज भी रहे। बाद में वह ‘दैनिक हिंदुस्तान’ लखनऊ चले गये। आजकल वह लखनऊ में ही ‘जनता न्यूज चैनल’ में कार्य कर रहे हैं। इलाहाबाद के संजय श्रीवास्तव भी जागरण में रहे। अनिल श्रीवास्तव ने भी ‘दैनिक जागरण’ बरेली में भी सिटी इंचार्ज पद पर रहे। उन्होंने लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ में कई बीटों पर कार्य किया। आजकल वह ‘दैनिक अमर उजाला’ गाजियाबाद में संपादकीय विभाग में कार्यरत हैं। संजीव पालीवाल भी बरेली में ‘दैनिक आज’ के बाद ‘दैनिक जागरण’ में आ गये। उन्होंने बरेली ‘दैनिक जागरण’ में रिपोर्टिंग में लंबी पारी खेली। इसके बाद वह मुरादाबाद ‘दैनिक अमर उजाला’ में चले गये। कुछ समय वहां कार्य करने के उपरांत उन्होंने दिल्ली जाकर न्यूज चैनल की राह पकड़ी। आजकल वह ‘आजतक न्यूज चैनल’ में उच्च पद पर हैं। हाल ही में उन्होंने ‘नैना’ नामक उपन्यास भी लिखा जो काफी चर्चित रहा। उनके पिता जे.सी.पालीवाल शहर के जाने-माने समाजसेवी और नाटककर्मी हैं। जिन्हें कबीर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इकबाल रिजवी ने भी बरेली ‘दैनिक जागरण’ में अपना कैरियर शुरू कर दिल्ली में न्यूज चैनल की राह पकड़ी। वर्तमान में श्री इकवाल रिजवी ‘आजतक’ न्यूज चैनल में कार्यरत हैं। किला निवासी श्री इकवाल रिजवी बरेली में काफी मिलनसार और लोकप्रिय रहे। मो. तस्लीम ने भी अपना कैरियर ‘दैनिक अमर उजाला’ से शुरू किया। इसके बाद वह संजीव पालीवाल के साथ दिल्ली में एक चैनल में कार्य करने लगे। वर्तमान में श्री तस्लीम ‘आजतक’ न्यूज चैनल आर्थिक डेस्क के प्रभारी हैं। इलाहाबाद के श्री अखिलेश शुक्ला जी ‘दैनिक आज के बाद दैनिक जागरण’ में रिपोर्टिंग करते रहे। गीतेश जोली, नवीन सक्सेना, सुनील सक्सेना, प्रशांत रायजादा, भी दैनिक आज में रहे। फिरासत हुसैन ‘दैनिक विश्व मानव’ में कार्य करने के बाद ‘दैनिक जागरण’ की राह पकड़ी और खेल की रिपोर्टिंग के साथ ही खेल पेज का भी काफी लंबे समय तक संपादन किया। आजकल वह ‘दैनिक स्वतंत्र भारत’ के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री फिरासत हुसैन उपजा बरेली के महामंत्री भी रहे। फहीम करार युवा पत्रकार हैं उन्होंने बरेली से बच्चों के लिए तितली पत्रिका भी निकाली। उन्होंने ‘दैनिक जनमोर्चा’ में भी संपादन का कार्य किया वह उपजा के भी कर्मठ सदस्य रहे। श्री फहीम करार ने उपजा के आगरा एवं कोटा सम्मेलन में भी भाग लिया। महबूब आलम ‘दैनिक विश्वमानव’ में रहे इसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ में आ गये। ‘दैनिक जागरण’ में उन्होंने रिपोर्टिंग के साथ संपादन का भी कार्य किया। आजकल वह दैनिक अमर उजाला बरेली में कार्यरत है। श्री महबूब आलम एक रंगकर्मी भी है। अनुपम मार्कण्डेय ने ‘दैनिक बिजनौर टाइम्स’ से अपना कैरियर शुरू किया। इसके बाद उन्होंने वह रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में कार्य करने लगे। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय की नौकरी छोड़ कर ‘दैनिक अमर उजाला’ में आ गये जहां उन्होंने लंबे समय तक जनरल डेस्क पर कार्य किया। ‘’दैनिक अमर उजाला’ छोड़ने के बाद वह ‘दैनिक जागरण’ मुरादाबाद आ गये वहां प्रभारी भी बने। उन्होंने कुछ दिन ‘कैनविज टाइम्स’ में भी कार्य किया। श्री मार्कण्डेय उपजा से लंबे समय तक जुड़े रहे और उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। विनीत सक्सेना ने भी ‘दैनिक जागरण’ बरेली में लंबे समय तक रिपोर्टिंग का कार्य किया। इसके बाद वह ‘दैनिक अमर उजाला’ में चले गये और अलीगढ़ और गाजियाबाद में ‘दैनिक अमर उजाला’ संपादकीय प्रभारी पद संभाला। विनीत सक्सेना ‘दैनिक अमर उजाला’ बरेली के संपादक पद पर कार्यरत रहे। आजकल नोएडा में हैं। संजीव अरोड़ा ने भी ‘दैनिक जागरण’ में विभिन्न डेस्कों पर कार्य करने के बाद ‘दैनिक अमर उजाला’ की राह पकड़ी। आजकल वह अपने सर्जिकल व्यवसाय से जुड़े हुये हैं। संजीव कुमार शर्मा ‘गंभीर’ बरेली कालेज में छात्र परिषद से जुड़े रहे और विवेकानंद के समर्थक रहे। कानून की शिक्षा के बाद श्री संजीव गंभीर ‘दैनिक जागरण’ से जुड़े और लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ में रिपोर्टिंग का कार्य किया। आजकल वह अपना ‘गंभीर न्यूज’ अखबार निकाल रहे हैं। वह उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। अखिलेश सक्सेना, पूरन लाल शर्मा ने भी ‘दैनिक विश्व मानव’ में लंबे समय तक डेस्क पर कार्य किया। इसके बाद ‘दैनिक जागरण’ बरेली आ गये। ‘दैनिक जागरण’ बरेली में अखिलेश सक्सेना कुमायूं डेस्क के प्रभारी रहे। जब दैनिक जागरण हल्द्वानी से प्रारंभ हुआ तो वह दैनिक जागरण हल्द्वानी में चले गये और वहां भी लंबे समय डेस्क पर कार्य किया। गोपाल विनोदी ने ‘दैनिक अमर उजाला’ से अपना कैरियर शुरू किया और लंबे समय तक रिपोर्टिंग एवं संपादन का कार्य किया। श्री गोपाल विनोदी एक कवि भी है और कविता का उनका एक संग्रह ‘मेरी रोटी’ के नाम से प्रकाशित हो चुका है। रस्तोगी जी भी अमर उजाला में रहे। अशोक कुमार वैश्य ने भी अपना कैरियर ‘दैनिक अमर उजाला’ से प्रारंभ किया। श्री अशोक वैश्य नगर के काफी लोकप्रिय पत्रकार रहे। श्री अशोक वैश्य समाज के कई संगठनों से भी जुड़े रहे। अशोक वैश्य जी भारतीय खाद्य निगम के बरेली कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए। कन्हैया लाल बाजपेई ने भी बरेली के ‘दैनिक अमर उजाला’ के संपादकीय विभाग में लंबे समय तक कार्य किया। बाद में वह ‘दैनिक विश्व मानव’ में आ गये। खाद्य निगम में नौकरी लगने के बाद वह अधिकारी बनकर कानपुर चले गये। पवन चन्द पुत्र श्री हरीश गुप्ता ने अपना कैरियर ‘दैनिक अमर उजाला’ से शुरू किया और आजकल भी वहीं कार्यरत हैं। विनोद कापड़ी भी दैनिक जागरण के बाद अमर उजाला में गए। बरेली में उन्होंने इकोनामी पत्रिका भी निकाली। बाद में वह दिल्ली जाकर न्यूज चैनल में कार्यरत हो गए। शंकर दास ने भी अपना कैरियर ‘दैनिक विश्व मानव’ से शुरू कियाऔर विभिन्न विषयों पर लेखन कार्य करते रहे। शंकर दास बाद में ‘दैनिक स्वतंत्र भारत’ एवं ‘दैनिक जनसत्ता’ के बरेली प्रतिनिधि भी हो गये। बरेली उपजा से जुड़े श्री शंकर दास उपजा बरेली के अध्यक्ष भी रहे और उन्होंने आगरा, हरिद्वार आदि उपजा के सम्मेलनों में भाग भी लिया।

महेन्द्र मनुज ने भी ‘दैनिक विश्व मानव’ से अपना कार्य शुरू किया। बाद में वह ‘दैनिक विश्व मानव’ से करनाल एडिशन में चले गये। बरेली में भी उन्होंने अपना एक साप्ताहिक पत्र निकाला। वह उपजा के कर्मठ सदस्य रहे। और उपजा के इलाहाबाद आदि सम्मेलनों में भी भाग लिया। नवीन सक्सेना ने अपना कैरियर ‘दैनिक आज’ से शुरू किया वह दैनिक आज में कई बीटों पर रिपोर्टिंग करते रहे। बाद में वह ‘दैनिक जागरण’ से जुड़ गये और बदायूं में लंबे समय तक कार्य किया। इसके बाद वह हल्द्वानी ‘दैनिक अमर उजाला’ से जुड़ गये और आजकल वहीं कार्यरत हैं। गीतेश जौली ने अपना कैरियर ‘दैनिक आज’ से शुरू किया और लंबे समय तक आज के लिए रिपोर्टिंग का कार्य करते रहे। इसके बाद वह ‘दैनिक अमर उजाला’ से जुड़ गये।अजय सक्सेना भी दैनिक जागरण के बाद आजकल वह अमर उजाला के संपादकीय विभाग में कार्यरत हैं। सुनील सक्सेना ने अपना कैरियर ‘दैनिक आज’ से शुरू किया। सुनील सक्सेना ने अपने साथी प्रशांत रायजादा के साथ मिलकर ‘पत्रकार स्पोर्टस’ का गठन किया। बरेली स्टेडियम में उन्होंने अपनी मां शकुंतला देवी की स्मृति में क्रिकेट टूनामेंट भी कराये जिसमें रणजी खिलाड़ियों ने भी भाग लिया। प्रशांत रायजादा भी ‘दैनिक आज’ में लंबे समय तक जुड़े हुए है। उनका शहर की हर गतिविधयों में उपस्थिति रहती है। खासकर नगर निगम की रिपोर्टिंग में अच्छी पकड़ है। वह उपजा संगठन से भी जुड़े हुए हैं। जनार्दन आचार्य लंबे समय तक ‘आकाशवाणी एवं दूरदर्शन’ के संवाददाता रहे। जनार्दन आचार्य कई सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए है तथा उपजा की प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव पद पर रहे। उन्होंने कई उपजा सम्मेलनों में भाग लिया। सरदार कमल जीत सिंह के निधन के बाद दैनिक जनमोर्चा बरेली को अब सरदार गुरविंदर सिंह संभाल रहे हैं। आशीष सक्सेना एवम सुभाष चौधरी ‘दैनिक जनमोर्चा’ में कार्यरत है। सुभाष चौधरी उपजा के सक्रिय सदस्य भी रहे। उन्होंने इलाहाबाद सहित कई उपजा सम्मेलनों में एवं दिल्ली के प्रदर्शन में भी भाग लिया। कुमुद शर्मा भी जनमोर्चा में ही है। राजेश सक्सेना, शंकर लाल दैनिक शाह टाइम्स से जुड़े हैं। महेश पटेल ‘दैनिक केनविज टाइम्स’ में कई समय तक कार्यरत रहे बाद में वह कई समाचार पत्रों में रहे। श्री महेश पटेल उपजा के भी कर्मठ सदस्य है तथा उपजा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। विनय चौहान ‘सी न्यूज चैनल’ से जुडे़ हुए हैं। श्री चौहान उपजा के सक्रिय सदस्य भी हैं। आर जी शर्मा भी कई पोर्टल से जुड़े हैं। उन्होंने आगरा से कई उपजा सम्मेलनों में भाग लिया। राम भरोसे लाल उर्फ आर. बी. लाल ने भी ‘दैनिक विश्व मानव’ से अपना कैरियर शुरू किया। ‘दैनिक जागरण’ में रहने के बाद वह आजकल ‘अमर उजाला’ से जुड़े हुए हैं। आर. बी. लाल रोडवेज के कर्मचारी भी रहे और वही से सेवानिवृत्त हुए। आर. के. सिंह ने ‘दैनिक जागरण’ से लंबे समय तक जुड़े रहे और उन्होंने कई विभागों की रिपोर्टिंग का कार्य किया। आजकल वह एक न्यूज एजेंसी से जुड़े हुए हैं। हरिशंकर सक्सेना लंबे समय तक ‘दैनिक अमर उजाला’ से जुड़े रहे। मूलतः तिलक इंटर कालेज के अध्यापक रहे हरिशंकर जी शहर के जाने-माने कवि व साहित्यकार भी हैं। अब अपनी ‘निर्झरिणी’ पत्रिका का संपादन करते हैं। हरी शंकर शर्मा ने बरेली में रहकर राधे श्याम कथावाचक पर कुछ पुस्तक भी लिखी। बाद में वह जयपुर में शिक्षक हो गए। सुरेंद्र बीनू सिन्हा, रमेश गौतम भी विश्व मानव से जुड़े रहे।

ब्रजेन्द्र निर्मल बदायूं से आकर ‘दैनिक अमर उजाला’ से जुड़े और लंबे समय तक रिपोर्टिंग का कार्य भी किया। बाद में वह ‘दैनिक केनविज टाइम्स’ में चले गये। अमिताभ मिश्रा ‘दैनिक अमर उजाला’ की विभिन्न डेस्कों पर संपादन का कार्य किया। बाद में वह ‘दैनिक अमर उजाला’ लखनऊ में चले गये। उनके पिता अखिलेश मिश्रा भी ‘दैनिक स्वतंत्र भारत’ लखनऊ में कार्यरत रहे और उपजा संगठन से भी जुड़े रहे। शंभु दयाल बाजपेई काफी समय तक ‘दैनिक जागरण’ में कार्यरत रहे। बाद में वह ‘दैनिक जागरण’ हल्द्वानी के संपादकीय प्रभारी बने। आजकल वह ‘दैनिक अमृत विचार’ के संपादक हैं। वह एक अच्छे लेखक भी हैं। उनके पुत्र दिल्ली में वकालत करते हैं। पूरन लाल शर्मा ने ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’ से अपना कैरियर शुरू किया बाद में वह ‘दैनिक जागरण’ में आ गये। आजकल वह ‘दैनिक संवाद केसरी’ में कार्यरत हैं। के. के. सक्सेना ने भी अपना कैरियर ‘दैनिक जागरण’ से शुरू किया वह ‘दैनिक जागरण’ के बदायूं, पीलीभीत व्यूरों में कार्यरत रहे। उसके बाद वह ‘दैनिक अमृत विचार’ में चले गये। आजकल ‘दैनिक अमर उजाला’ से जुड़े हुए हैं। राकेश उपाध्याय ने अपना कैरियर ‘नवसत्यम’ से शुरू किया और लंबे समय तक ‘दैनिक पंजाब केसरी’ के बरेली संवाददाता भी रहे। संजीव द्विवेदी मुरादाबाद से बरेली आये और ‘दैनिक जागरण’, ‘दैनिक अमर उजाला’ में लंबे समय तक रिपोर्टिंग का कार्य किया। श्री द्विवेदी एक बेहतर एवं लगनशील रिपोर्टर रहे जो समय पर अपनी रिपोर्ट फाइल करने में विश्वास रखते थे। संजीव द्विवेदी आजकल ‘दैनिक दो टूक’ के संपादक हैं। शरद मौर्य बनारस से ‘दैनिक जागरण’ बरेली में आये और लंबे समय तक संपादन का कार्य किया बाद में शरद मौर्य ‘दैनिक अमर उजाला’ में चले गये आजकल आगरा में कार्यरत हैं। रामधनी द्विवेदी दैनिक जागरण में समाचार संपादक रहे। मदन मोहन सिंह अपने बड़े भाई शिव प्रसाद सिंह के साथ ‘दैनिक जागरण’ बरेली में आये और लंबे समय तक रिपोर्टिंग का कार्य किया। मदन मोहन सिंह ‘दैनिक जागरण’ नोएडा में कार्यरत हैं। मोहमद आलम, भी विश्व मानव से जुड़े रहे। प्रवीण शर्मा ‘दैनिक जागरण’ रिपोर्टिंग में रहे और बाद में कानपुर रहे । उनके बड़े भाई विपिन शर्मा भी दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभाग में रहे। आजकल श्री विपिन शर्मा व्यापार कर अधिकारी हैं। विपुल राज सिंह ‘दैनिक अमर उजाला के बाद ‘दैनिक जागरण’ में आ गये उन्होंने प्रशासन वीट पर लंबे समय तक रिपोर्टिंग का कार्य किया। उन्होंने कुछ दिन ‘दैनिक जागरण’ के लिए फोटोग्राफी का कार्य किया। श्री विपुल राज कुछ समय ‘दैनिक जनमोर्चा’ में भी रहे। विनीत सिंह आगरा से बरेली आये ‘दैनिक अमर उजाला’ के बाद लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ में कार्य किया। श्री विनीत सिंह अपनी बेहतर रिपोर्टिंग के लिए शहर में एक अलग पहचान बनाई। बरेली कालेज के मीडिया सेक्शन में भी उन्होंने कुछ दिन कार्य किया। वर्तमान श्री विनीत सिंह ‘दैनिक भास्कर’ के बाद आजकल टी सी आई मीडिया, कोटा में कार्य कर रहे हैं। अनुरोध भारद्वाज बदायूं से ‘दैनिक जागरण’ में आये बाद में वह ‘दैनिक हिंदुस्तान’ चले गये और वहां बरेली सिटी के प्रभारी बने। वह मेरठ में ‘दैनिक हिंदुस्तान’ मेरठ में कार्यरत रहे। आजकल अपना एक पोर्टल ‘खबरची’ भी चला रहे हैं। मोहम्मद वसीम दैनिक जागरण के बाद अब दी लीडर पोर्टल चला रहे हैं। तारिक सईद ‘दैनिक आज’ से जुड़े हुए है और लंबे समय तक क्राइम रिपोर्टिंग का कार्य देख रहे हैं। तारिक सईद को सभी पत्रकारों का सम्मान मिलता है और वह पत्रकारों के बीच में लोकप्रिय हैैं।

धर्मेन्द्र सिंह बंटी ‘दैनिक प्रभात’ के स्थानीय संवाददाता रहे। वर्तमान में धमेन्द्र बंटी ‘उपजा प्रेस क्लब’ के महामंत्री है वह एक अच्छे क्रिकेट खिलाड़ी भी है। आशीष जौहरी वर्तमान में ‘सहारा समय’ चैनल से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में आशीष जौहरी कायस्थ सभा सहित कई संगठनों से भी जुड़े हैं। वह एक अच्छे गायक कलाकार भी हैं।

डा. राजेश शर्मा ‘दैनिक विश्व मानव’ के ‘सिटी न्यूज चैनल’ में कार्यरत रहे और कई लोगों के इंटरव्यू भी प्रसारित कराये आजकल वह आकाशवाणी के साथ महत्वपूर्ण लोगों के इंटरव्यू लेने का कार्य करते हैं। उनके इंटरव्यू यूट्यूब चैनल पर भी देखे जा सकते हैं। विजय सिंह बरेली में ‘दैनिक स्वतंत्र चेतना’ के पत्रकार हैं और उपजा से भी जुड़े हैं। अशोक शर्मा उर्फ लोटा ‘दैनिक विधान केसरी’ से जुड़े हुये हैं और एक अच्छे हास्य कवि भी हैं। शंकर लाल भी शाह टाइम्स सहित कई दैनिक से जुड़े हैं। पुत्तन सक्सेना, रोचानी भी दिव्य प्रकाश से जुड़े रहे। रवि सक्सेना ‘दैनिक वीर अर्जुन’ से जुड़े हैं और एक पत्रकार संगठन बरेली मीडिया क्ल्ब के पदाधिकारी भी हैं। मोहम्मद समी अहमद ‘दैनिक शेखर टाइम्स’ से जुड़े हुए हैं और एक पत्रकार संगठन बरेली मीडिया क्लब के अध्यक्ष भी हैं। समी अहमद खां अच्छे रिपोर्टर है और पत्रकारों के बीचों काफी लोकप्रिय हैं। मोहमद वसीम अब अपना पोर्टल चला रहे हैं। अनुराग उपाध्याय बोल बरेली पोर्टल चला रहे हैं।अशर्फी लाल ‘दैनिक विश्व मानव’ से अपना कैरियर शुरू किया और बाद में लखनऊ से आने वाले ‘दैनिक जागरण’ के बरेली प्रतिनिधि हो गये। आजकल वह ‘दैनिक राष्ट्रीय सहारा’ बरेली में हैं। श्री अशर्फी लाल उपजा से भी जुड़े रहे। मोहम्मद अरशद भी सहारा में रहे। राजीव शर्मा ‘दैनिक राष्ट्रीय सहारा’ कार्यालय में कार्यरत रहे। आजकल श्री राजीव शर्मा दिल्ली में अपना पोर्टल चला रहे हैं। रमेश गौतम भी ‘दैनिक विश्व मानव’ में साप्ताहिक परिशिष्ट के प्रभारी रहे। एस. वी. इंटर कालेज में शिक्षक रहे रमेश गौतम एक अच्छे नवगीतकार भी है। उनके गीतों की दो पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। ध्रुव कुमार निर्भीक ने भी कुछ समय विश्व मानव में कार्य किया। दैनिक विश्व मानव को प्रवीन एरन ने भी कुछ वर्ष चलाया। सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ‘दैनिक अमर उजाला’ दैनिक दिव्य प्रकाश’ से जुड़े रहे। वर्तमान में वह ‘विविध संवाद’ पत्रिका के संपादक भी हैं। वह भारतीय पत्रकारिता संस्थान, बरेली भी चलाते हैं। इसके अलावा वह मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष भी हैं।

रघुवीर चौहान ‘दैनिक आज’ के बाद ‘दैनिक जागरण’ में आ गये और काफी समय तक रिपोर्टिंग का कार्य किया। श्री रघुवीर चौहान आजकल ‘दैनिक अमर उजाला’ में कार्यरत हैं।लक्ष्मण भंडारी, चंद्र प्रकाश शुक्ला, जितेंद्र सिंह भी अमर उजाला के बाद कैनविज या अन्यत्र चले गए थे। राजेश गौड़ भी ‘आकाशवाणी बरेली’ में कार्यक्रम अधिकारी रहे और आकाशवाणी बरेली से सेवानिवृत्त हुये। राजेश गौड़ आजकल भी आकाशवाणी, बरेली पर कुछ कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। वह काफी अच्छे गायक कलाकार भी हैं। रवीन्द्र मिश्रा आकाशवाणी में रिपोर्टिंग का कार्य भी करते हैं उन्होंने अपना एक स्टुडियो भी बना रखा है जहां वह अपने कार्यक्रम तैयार करते हैं। प्रवीण शंखधार, शैलेश शर्मा, मलिक राजपूत, विक्रांत साहू, ए. के. आजाद सांध्य कालीन ‘दैनिक दो टूक’ में कार्यरत रहे हैं। हरी ओम गुप्ता, संजय सक्सेना, सुभाष शर्मा, दैनिक विश्वमानव में रहे। राकेश मथुरिया आंवला में, राजेन्द्र वर्मा आंवला में, नत्थूलाल मीरगंज में, निर्मल कांत शुक्ला, देवेन्द्र देवा, अरूण पाराशरी, श्याम सुन्दर भाटिया, उमेश लव, चन्देक बिष्ट, सुरेश पाण्डेय, संजीव कुमार शर्मा गंभीर, विपुल राज सिंह ने भी लंबे समय तक ‘दैनिक जागरण’ के ब्यूरो कार्यालय में काम किया। अंशुल मिश्रा स्वतंत्र भारत, लक्ष्मण भंडारी, विकल्प कुदेशिया,अनूप मिश्रा, नीरजj आनंद, कृष्ण गोपालराज, भी चैनल में पत्रकार हैं। बरेली में त्रिलोकी उपाध्याय, गोलेश स्वामी, जितेंद्र सिंह ने भी कार्य किया। बरेली में बाद में जनमोर्चा, दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक अमृत विचार आदि समाचार का भी प्रकाशन हुआ। टाइम्स ऑफ इंडिया का भी बरेली संडे प्लस निकल रहा था।

इसके अलावा कई पत्र भी निकल रहे हैं। बरेली में महिला पत्रकारों में पूनम भारत, सुचित्रा डे, सारिका सुमन, शिल्पी गुप्ता, सोनाली, शाईस्ता, नाजिया अंजुम, रक्क्षंदा, दीक्षा आदि महिला पत्रकारों ने लंबे समय तक काम किया। स्वर्गीय मुंशी प्रेम नारायण सक्सेना के घर पर रविवार को शाम के समय अक्सर चाय का दौर चलता था जहां भाभी विद्यावती जी चाय के साथ घर की बनी नमकीन व मठरी का नाश्ता कराती थी। 15 दिसंबर 1985 को मेरी शादी हुई तो मैंने मुंशी जी को कार्ड दिया कि आपको जरूर आना है। मुंशी प्रेम नारायण जी साहूकारा धर्मशाला में बारात आने से पहले ही पहुंच गये थे एवं भोजन कर वहां से चले भी गये थे। कुछ दिन बाद मैंने शिकायत की कि आप शादी में नहीं आये तो उन्होंने तपाक से कहा जब तुम्हारी बारात रास्ते में थी तो हम लोग साहूकारा वाली धर्मशाला में पहुंच गये थे। सबसे पहले भोजन करने वालों में हम थे। जिसकी पुष्टि हमारे ससुराल पक्ष के लोगों ने भी कि एक मोटे से व्यक्ति आये थे।

बरेली के उस समय वरिष्ठ पत्रकारों ने यू पी जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) बरेली इकाई का भी गठन कर लिया जिसमें मुझे भी सदस्य बनाया गया। इसके बाद मुंशी प्रेम नारायण, जे. बी. सुमन, राकेश कोहरवाल, सुरेश शर्मा, रामदयाल भार्गव, बलवंत मिगलानी, ब्रजपाल बिसरिया, के. के. शर्मा, दिनेश पवन आदि ने वर्ष 1975 में ‘उपजा’ का 10 वां प्रांतीय सम्मेलन बरेली में कराने का वीणा उठाया जो बरेली कालेज में हुआ। उपजा के इस प्रदेश सम्मेलन में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी थे। इस कमेटी के अध्यक्ष मुंशी प्रेम नारायण थे। उपजा के इस प्रदेश सम्मेलन में प्रदेश भर के 300 पत्रकारों ने भाग लिया और सम्मेलन कराने में अमर उजाला के मुरारी लाल माहेश्वरी एवं जिलाधिकारी माता प्रसाद जी ने काफी मदद दी। मुंशी प्रेम नारायण ने तब बरेली में ‘उपजा प्रेस क्लब’ एवं ‘प्रेस कालोनी’ बनाने की मुख्यमंत्री जी को ‘उपजा’ के सभी पत्रकारों की तरफ से ज्ञापन दिया गया। जिस पर बाद में भी उपजा की ओर से महामंत्री होने के नाते मैंने (निर्भय सक्सेना) भी कई बार स्मरण पत्र सरकार एवं जिला प्रशासन को दिये। जिस पर बरेली में नावल्टी चौराहे पर सिंघल लाइव्रेरी के एक हिस्से में ‘उपजा प्रेस क्लब’ और एकता नगर में 18 मकानों की पत्रकार कालोनी प्रियदर्शिनी नगर में ‘उपजा’ के कारण मूर्त रूप ले सकी। ‘उपजा’ के पास जब जगह नहीं थी तब मेरे एवं अन्य सदस्यों के घरों पर उपजा के‘ प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम होते थे। बाद में जिला परिषद में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर का भी ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम रखा गया।

उपजा के आई. वी. आर. आई. में प्रदेश सम्मेलन के बाद राम दयाल भार्गव ने आर्थिक आरोपों से घिरकर ‘उपजा’ ने उन्हें अलग कर दिया। बाद में वह में अपनी गलती मानते हुए पुनः ‘उपजा’ में आ गये और उपजा बरेली के अध्यक्ष भी बनें।

बरेली के मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची

अजय शर्मा छायाकार, उमेश शर्मा छायाकार, वसीम अहमद संवाददाता ;दैनिक जागरणद्ध, प्रदीप चन्द्र तिवारी संवाददाता, आमोद कुमार संवाददाता, आशीष दीक्षित, संवाददाता, अवनीश कुमार पाण्डेय, संवाददाता (दैनिक हिन्दुस्तानद्), राजीव रंजन संवाददाता, राकेश कुमार कश्यप छायाकार, राजीव कुमार चौहान (दैनिक आज), कुमुद शर्मा, संवाददाता, प्रदीप कुमार मिश्रा, संवाददाता, विवेक मिश्रा, संवादाता (दैनिक जनमोर्चा), शंकर दास, संवाददाता (दैनिक जनसत्ता), शाहिद हुसैन संवाददाता (दैनिक आवाम ए हिन्द), अनिल चौहान, संवाददाता, रईस अहमद ;दैनिक तर्जुमानद्ध, नफीस अहमद भारती, संपादक साप्ताहिक ;तर्जुमाने उर्दूद्ध, पदमदत्त शर्मा संपादक ;साप्ताहिक टाइटल क्रांतिद्ध, डा. दीप अग्रवाल संपादक ;साप्ताहिक संवाद केसरीद्ध, अक्षत अग्रवाल, संवाददाता ;दैनिक संवाद केसरीद्ध, श्रीमती मीनू अग्रवाल, संवाददाता ;दैनिक शीतल ग्रुप आफ संवाद केसरीद्ध, डा. रोली अग्रवाल, संवाददाता ;दैनिक उर्दू तस्वीरे ए आवामद्ध, सुश्री शीतल अग्रवाल, संवादाता ;दैनिक ब्रज टाइम्सद्ध, आफाक हुसैन संवाददाता ;साप्ताहिक आज का यो(ाद्ध, कुमार विनय संवाददाता, अखिलेश कुमार, संवाददाता, हरीश चन्द्रा, छायाकार ;सहारा समयद्ध, रमेश कुमार सिंह, संवाददाता ;पीटी आईद्ध, अशर्फी लाल, संवाददाता ;दैनिक राष्ट्रीय सहाराद्ध, मुकेश पाण्डेय, अरविंद कुमार, प्रतिनिधि ;दूरदर्शन केन्द्रद्ध, अनूप कुमार मिश्रा ;एबीपी न्यूजद्ध, नीरज आनंद ;न्यूज 24द्ध, सुश्री नाजिया अंजुम ;दूरदर्शन केन्द्रद्ध, दीप चंद तिवारी छायाकार ;दैनिक हिंदुस्तानद्ध, दिव्य अग्रवाल दैनिक शीतल ग्रुप ;संवाद केसरी बरेलीद्ध, शोभित जौहरी उर्दू, दैनिक ;तस्वीर ए आवाम बरेलीद्ध, विकास सक्सेना ;न्यूज 18द्ध, पंकुल शर्मा ;टाइम्स आफ इंडियाद्ध, सुबोध मिश्रा ;जी न्यूजद्ध, दीपक कुमार संवाददाता ;शार्प मीडिया न्यूज एजेन्सी, कृष्ण गोपाल राज यादव ;आज तकद्ध, हरीश शर्मा ;न्यूज 18, निर्भय सक्सेना पूर्व मान्यता प्राप्त पत्रकार ;दैनिक जागरण।

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