तारा मस्ज़िद नया गाँव में हुआ क़ुरआन मुकम्मल
लव इंडिया, मुरादाबाद। मंगलवार को तारा मस्ज़िद नया गाँव मऊ हरथला में 16वीं तरावीह को कुरआन मुक़म्मल किया गया, मस्ज़िद के इमाम जनाब क़ारी गुलाम मोहम्मद साहब ने क़ुरआन सुनाया और हाफ़िज़ मोहम्मद कैफ साहब ने क़ुरआन सुना ।
क़ुरआन मुक़म्मल होने पर मस्ज़िद के इमाम जनाब क़ारी गुलाम मोहम्मद साहब ने बताया कि रमज़ान के महीने में क़ुरआन सुनने की बड़ी फ़ज़ीलत है, प्यारे आक़ा हुज़ूर सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया है कि क़ुरआन सुनना और सुनाना दोनों का सबाब बराबर दिया जाता है, क़ुरआने पाक़ की बरकत से अल्लाह बंदों की तमाम परेशानियाँ दूर फ़रमाता है। साथ ही इमाम साहब ने सभी इस्लामी भाइयों को क़ुरआन की नसीहत पर अमल करने की भी ताक़ीद की।
इस मौक़े पर मस्ज़िद के मुतवल्ली डॉक्टर नजरुद्दीन मलिक ने कहा कि तारा मस्ज़िद में पुर अम्नों सूकून से क़ुरआन मुक़म्मल हो गया है, क़ुरआन सुनना आला दर्जे का सबाब होता है इसीलियें सभी बस्ती वालों ने ख़ुदा की इबादत करते हुए क़ुरआन सुना, क़ुरआन मुक़म्मल होने पर अहले बस्ती, अहले शहर, और मुल्क़ में अम्नों अमान क़ायम होने की दुआ की गई जिसमें बस्ती के तमाम लोग मौजूद रहे, दुआ के बाद नियाज़ और शीरनी का एहतेमाम करके तक़सीम किया गया।
तारा मस्ज़िद में क़ुरआन मुक़म्मल होने के मौक़े पर बस्ती के जो तमाम इज़्ज़त अफ़रोज़ लोग मौजूद रहे उनमें – कलुआ ठेकेदार, अफसर अली, दिलशाद अली, शमशाद अली, डॉक्टर वाहिद अली, रहीस ठेकेदार, एहसान इमाम, मुल्लाजी सहदुल्ला, मुल्लाजी इसरत अली, नोशाद साबिर भाई जफरूद्दीन मिया रफ़ी, राशिद मास्टर, और दीगर अहले बस्ती के तमाम लोग मौजूद रहे।