गोकशी में हिंदू नेताओं को जेल भेजने पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद का चक्का जाम और पुलिस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

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लव इंडिया, मुरादाबाद। यह खबर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से आ रही है, जहां तीन-चार दिन पहले छजलैट पुलिस ने गौवंश सुरक्षा की आड़ में भक्षक बनने पर दो हिंदू नेताओं समेत चार लोगों को जेल भेजा था। इस मामले में एक दिन पहले एक और आरोपी जेसीबी चालक को भी पुलिस जेल भेज चुकी है। इसी दिन बजरंग दल के मेरठ प्रांत के प्रमुख ने मुरादाबाद पहुंच कर जेल में बंद मोनू विश्नोई उर्फ सुमित से मुलाकात की और बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने थर्ड डिग्री देकर जुल्म स्वीकृति कराई। साथ ही, उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा था कि बेगुनाह जेल भेजे गए हिंदू नेताओं को रिहा कराया जाए और पूरे मामले में साजिश का जेल भेजने वाली थाना पुलिस के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही हो।

इसी प्रकार को लेकर शनिवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचे और महिला थाने के पास स्थित डॉक्टर अंबेडकर पार्क में एकत्र हुए यहां पर जमकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान बजरंग दल के वरिष्ठ नेता डॉ राजकुमार गुप्ता ने दो टूक कहा कि अगर पुलिस प्रशासन ने निष्पक्ष कार्रवाई कर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को नहीं किया तो यह आंदोलन पूरे उत्तर प्रदेश में जिला स्तर पर फैल जाएगा। फिलहाल, समाचार लिखे जाने तक बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने डॉ. अंबेडकर पार्क के पास चक्का जाम किया हुआ है और पुलिस प्रशासन में चौतरफा घेरा हुआ है। फिलहाल प्रशासन ने किसी तरह से बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी को समझाया और डॉक्टर अंबेडकर पार्क पर ही संबंधित पुलिस प्रशासनिक अधिकारी ने ज्ञापन लिया और इसके बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने धरना प्रदर्शन और चक्का जाम समाप्त कर दिया लेकिन स्पष्ट किया है कि कार्रवाई न होने पर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पर उतरेंगे।

बाद में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ राजकुमार गुप्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस में सोची समझी साजिश के तहत बजरंग दल के एक ऐसे निष्ठावान कार्यकर्ता को गोकशी के मामले में जेल भेज दिया है जो गौरक्षक है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच और छजलैट थाना पुलिस को सस्पेंड किए जाने की मांग की।

थाना छजलैट में गोकशी के आरोप में बजरंग दल के जिला प्रमुख को गिरफ्तार करने का मामला गर्मा गया है। विहिप व बजरंग दल ने पुलिस अफसरों पर हिन्दू दल के नेताओं को गलत फंसाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस अफसरों के आंदोलनकारियों को अंबेडकर पार्क में रोकने पर धक्का-मुक्की भी हुई। विहिप ने इस मद्दे को लेकर तीखे तेवर अपना लिए हैं। याद रहे कि विहिप ने दो दिन पहले पत्रकारों से वार्ता में एसएसपी समेत पुलिस अफसरों की जांच कराने का एलान करते हुए गिरफ्तारी को गलत करार दिया था।

आंदोलन तेज करने की चेतावनी

ज्ञापन में थाना छजलैट प्रभारी सतेन्द्र कुमार शर्मा को सस्पेंड करने तथा जेल भेजे गए निर्दाेष विहिप कार्यकतार्ओं की जेल से शीघ्र रिहाई कराकर उझूठे मुकदमे को समाप्त कराने, गो तस्करों पर रासुका लगाने, उनकी अवैध सम्पतियों को कुर्क करने की मांग उठाइ गर्ई। प्रदर्शन में डा. राजकमल गुप्ता, प्रवीणण गुप्ता, अमित गुप्ता, अविनाश गुप्ता, जयदेव यादव, अभिनव भटनागर, धीर शान्त दास, विजय, गौरव, करन, विपिन, विनीत भटनागर, अनुराग, नीरज सोलंकी, मनोज ठाकुर, नरेन्द्र चौहान, अमित गुप्ता, पंकज, राजीव, योगेश त्यागी, र्माण यादव, ललित मैत्री, मोहित सक्सैना, सुनील सैनी, सोनू, राजेश दिवाकर, विजय दिवाकर, विनय, जय ठाकुर आदि उपस्थित रहे। इस बीच विहिप नेताओं ने मांगे नहीं माने जाने पर आांदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है।

गूंजते रहे पुलिस के खिलाफ नारे

दरअसल छजलैट थाना पुलिस ने वीएचपी के नेता मोनू विश्नोई और उसके साथ बजरंग दल के सदस्यों को गोहत्या करके थाना प्रभारी को हटाने व एक व्यक्ति को फँसाने की साजिश रचने के आरोप में तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था। इसी के विरोध में शनिवार को प्रदर्शन के दौरान वीएचपी नेता ने अंबेडकर पार्क में तीखी तकरीर की और थाना प्रभारी को निलंबित किए जाने तक आंदोलन करने की चेतावनी दी है। आंदोलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित हुए थे और जोरदार तरीके से पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस मौके पर भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात किया गया। एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया भी मौके पर रहे। आंदोलनकारी जब प्रदर्शन करते हुए कलेक्टेÑट की तरफ बढ़े तो पुलिस ने उन्हें पार्क में ही रोक लिया। मौजूद मजिस्ट्रेट द्वारा यहीं ज्ञापन देने को कहा गया। आंदोलनकारी आगे बढ़ते रहे जिससे पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस का घेरा देख आंदोलनकारी वहीं बैठ गए और सियाराम जय राम जय-जय राम का जाप करने लगे।

.गोकशी का आधार बनाकर छजलैट थानाध्यक्ष सत्येंद्र शर्मा को हटवाने की जिद में विश्व हिंदू परिषद के कथित नेताओं ने हैरतंगेज कारनामा कर डाला। इन लोगों ने दो बार गोकशी कराकर कांवड़ पथ पर गोवंश के अवशेष रखवाए। यही नहीं, थानाध्यक्ष पर गोकशी करने वालों से मिले होने के आरोप में थाना और कांठ तहसील में लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। इनके समर्थकों ने बुधवार को भी छजलैट थाने को घेरा, लेकिन जब पुलिस ने आरोपियों को सुबूत के साथ पकड़ लिया तो धरना देने वाले समर्थक भी थाने से लौट गए। आरोपियों की मदद में लगे दरोगा नरेंद्र कुमार को भी एसएसपी ने निलंबित कर दिया है।

एसएसपी हेमराज मीना ने घटना और साजिशकर्ताओं के राज को सार्वजनिक किया है। उन्होंने बताया कि मोनू विश्नोई उर्फ सुमित, राजीव चौधरी, रमन चौधरी, शाहबुद्दीन, जमशेद और नईम ने मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। इनमें पुलिस ने मोनू, राजीव, रमन व शाहबुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि जमशेद व नईम अभी फरार हैं। गिरफ्तार चारों आरोपियों ने जुर्म भी स्वीकार कर लिया है, जिसकी पुलिस के पास वीडियो रिकॉर्डिंग भी है।

एसएसपी हेमराज मीना ने घटना और साजिशकर्ताओं के राज को सार्वजनिक किया है। उन्होंने बताया कि मोनू विश्नोई उर्फ सुमित, राजीव चौधरी, रमन चौधरी, शाहबुद्दीन, जमशेद और नईम ने मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। इनमें पुलिस ने मोनू, राजीव, रमन व शाहबुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि जमशेद व नईम अभी फरार हैं। गिरफ्तार चारों आरोपियों ने जुर्म भी स्वीकार कर लिया है, जिसकी पुलिस के पास वीडियो रिकॉर्डिंग भी है।

कांठ थाना क्षेत्र के रसूलपुर गुज्जर गांव निवासी मोनू विश्नोई जो अपने आपको विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार विभाग का जिला प्रमुख बताता है और वर्ष 2011 से संगठन से जुड़ा है। छजलैट थाने के गांव चक पचोकरा के राजीव चौधरी के पास विहिप में कांठ तहसील क्षेत्र के प्रखंड अध्यक्ष का दायित्व है। छजलैट के खानपुर का रमन चौधरी विहिप में अपने को कार्यकारी सदस्य बताता है। इन तीनों नेताओं ने चेतरामपुर के शाहबुद्दीन से मिलकर घटना का तानाबाना बुना था। पहले इन लोगों ने 16 जनवरी को समदपुर चौराहा के पास कांवड़ पथ पर मवेशी के अवशेष रखवाए। थानाध्यक्ष पर आरोप लगाकर प्रदर्शन किया। 28 जनवरी को फिर कथित नेताओं के कहने पर शाहबुद्दीन व जमशेद ने चेतरामपुर में विमला देवी पत्नी सुरेश की रात में गाय चोरी की और गोकशी कराई।

तहसील कांठ और थाने का घेराव किया।एसएसपी ने बताई गोकशी की वजहएसएसपी ने बताया कि 15 दिन पहले करीब 32 भैंसा पकड़े गए थे। जिन्हें थानाध्यक्ष से दबाव बनाकर माेनू विश्नोई अपने कार्यकर्ताओं के सुपुर्द करने को कह रहा था। लेकिन, थानाध्यक्ष ने वह मवेशी अन्य के सुपुर्द कर दिए थे। मोनू थानाध्यक्ष पर गोकशी व अन्य अनैतिक कार्य कराने का दबाव बनाता था। इन मामलों में थानाध्यक्ष की सहमति न मिलने से वह उन्हें थाने से हटवाने के लिए साजिश रच रहा था। उधर, शाहबुद्दीन भी अपने भाई रुकसाद की मृत्यु में अपने गांव चेतरामपुर के महमूद से रंजिश रखता है। शाहबुद्दीन महमूद को फंसाना चाहता था, इसलिए उसने 28 जनवरी के दिन हुई गोकशी घटनास्थल पर औजार और एक लोवर की जेब में पर्स रख दिया था। इस पर्स में मिला फोटो व मोबाइल नंबर महमूद का था।

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