स्वयं हैं पत्थर बोल रहे स्वामी भक्त नंदी स्वयंभू, शिव के रहस्य को खोल रहे…!

India Uttar Pradesh टेक-नेट तीज-त्यौहार तेरी-मेरी कहानी नारी सशक्तिकरण

लव इंडिया, संभल। आज 63 वें श्री कल्कि जयंती महोत्सव के अमृतमयी पल कें क्रम में श्री कल्कि सेना (निष्कलंक दल) द्वारा तृतीय दिन प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर (कोट पूर्वी) में धार्मिक संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों द्वारा भगवान श्री कल्कि जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर 11 बार जय कल्कि जय जगत्पते, पद्मावती जय रमापते…का जाप किया गया। तदुपरांत श्री कल्कि सेना (निष्कलंक दल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप कुमार गुप्ता ने धार्मिक संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा भगवान विष्णु के अंतिम अवतार भगवान श्री कल्कि जी का जन्म संभल की इस पवित्र और पावन धरा पर होगा। ऐसा शास्त्रों में विदित है। आज के आयोजन का उद्देश्य यह है कि सत्य सनातन धर्म की पुनः स्थायी स्थापना हेतु भगवान श्री कल्कि कलयुग को मिटाकर सतयुग की स्थापना करें। आगे उन्होंने कहा भगवान श्री कल्कि जी का जन्म अवतार कलयुग में तभी होगा जब भक्तों की पुकार उन्हें पुकारेगी। ऐसा श्रीमद्भागवत पुराण में लिखा हुआ है। भगवान श्री कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होंगे और पापियों का नाश करके पृथ्वी पर फिर से सत्य सनातन धर्म की स्थापना करेंगे।

कार्यक्रम के द्वितीय चरण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय कवियों ने सहभागिता की। साथ ही कवियों ने वीर रस और भक्ति रस से ओतप्रोत काव्य पाठ किया जो निम्नवत् है। शुचि शर्मा जो शेरकोट जिला बिजनौर से पधारी उन्होंने अपने काव्य पाठ में कहा धर्म धारा पर अलख जगा है, स्वयं है पत्थर बोल रहे। स्वामी भक्त नंदी स्वयंभू, शिव के रहस्य को खोल रहे।

मयंक शर्मा जो मुरादाबाद से अपना काव्य पाठ सुनाने आए उनकी काव्य पंक्तियां…भावना जिनके हृदय में रह गई, याचना के शब्द बंधित हो गए, जब अयोध्या से चले श्री राम जी, नैन सारे अश्रुपूरित हो गए। हास्य रस के प्रसिद्ध कवि हुक्का बिजनौरी जो बिजनौर से पधारे उन्होंने अपने काव्य पाठ में हास्य का रस घोलता हुए सुनाया। रात के अंधेरे में एक अधिकारी, एक इंजीनियर और एक ठेकेदार में पता नहीं क्या करार हो गया कि वह सुबह होते ही एक पुल नदी को लेकर फरार हो गया।

व्यंग और वीर रस के कलमकार त्यागी अशोक कृष्णम् जोकरवाली संभल से पधारे उन्होंने अपने काव्य पाठ में कहा आंखों में विश्वास ले, आजादी के बाद ढूंढ रही मां भारती ,एक और आजाद

वीर रस की कवियत्री चौधरी दीक्षा सिंह हाफिजपुर संभल से आई उन्होंने अपनी पंक्तियां इस प्रकार कहीं. जिंदगी की जंग लड़़नी पड़े़गी कोई नई कीमत गढ़नी पड़ेगी यदि अब भी बलन जागा बाजुओं में अपनी कहानी इतिहास में पढ़़नी पड़े़गी।

सुजातपुर संभल से पधारे कवि प्रदीप कुमार दीप ने जोरदार पंक्तियां इस प्रकार कहीं…दूंगा अंजाम आगाज दे तो सही इश्क को अपने परवाज दे तो सही छोड़कर सारी दुनिया चला जाऊंगा तू कभी मुझको आवाज दे तो सही।

भक्ति रस के कवि कुमार कुलदीप गुप्ता ने वातावरण में वीर रस की भक्ति में सुनते हुए कहा सत्य वह युग कब आएगा। धर्म चहुॅं और जब छा जाएगा, मर्यादित आदर्श जब राम से होंगे, लीला प्रकाश जब श्याम से होंगे, राष्ट्रभक्ति प्रबल जब भारत होगा।

कार्यक्रम उपरांत समस्त कविगणों को संगठन की ओर से सम्मानित करते हुए भगवान श्री कल्कि जी का चित्र स्मृति स्वरूप प्रदान किया गया। इस दौरान आचार्य पंडित शोभित शास्त्री, अक्षय शर्मा ,वैभव शर्मा ,कृष्ण प्रसाद मिश्र, विकास कुमार वर्मा, उज्ज्वल सक्सेना, प्रियंक शर्मा ,गगन वार्ष्णेय, राहुल शर्मा, हिमांशु कश्यप, श्याम सक्सेना ,सत्येंद्र सिंह, संजय गुप्ता, संजू आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ० अरविंद गुप्ता व संचालन कवि त्यागी अशोक कृष्णम् ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *