बीमा कंपनी बहाना बनाकर क्लीन देने से मना नहीं कर सकती उपभोक्ता आयोग
लव इंडिया, मुरादाबाद।
बहजोई निवासी मुकेश कुमार गोयल ने स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी से वर्ष 2017 में एक हेल्थ बीमा पॉलिसी ली थी जिसमें परवादी मुकेश गोयल एवं उनकी पत्नी श्रीमती बबीता गोयल सम्मिलित थे वर्ष 2019 में पूरे विश्व में करोना महामारी बीमारी फैल गई और उसी बीमारी में मुकेश कुमार गोयल को अपनी चपेट में ले लिया। जिनका इलाज ब्राइट स्टार हॉस्पिटल मुरादाबाद में 21 सितंबर 2020 से लेकर 25 सितम्बर 2020 तक चला और उन्होंने अपने इलाज पर हुए व्यय की मांग संबंधित बीमा कंपनी से ही तो बीमा कंपनी द्वारा उनका क्लेम यह कह कर देने से मना कर दिया गया कि हमारे सर्वेयर द्वारा हॉस्पिटल में सर्वे किया गया जहां आपका आईपीडी नंबर का मिलान नहीं हो पाया और बिल भी एक ही राइटिंग से बने हैं तो उन्हें काफी दुख हुआ।
मुकेश गोयल ने उक्त संबंध में अपनी सारी जानकारी कंजूमर आयोग के विशेषज्ञ अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय से की और अपनी सारी परेशानी बताई तब लव मोहन वार्ष्णेय एडवोकेट की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग जनपद संभल में एक परिवाद आयोजित किया गया और आयोग के समक्ष अपनी समस्त सबूतों को रखते हुए बताया गया की यदि हम बीमार नहीं हुए तो अस्पताल द्वारा इलाज किस चीज का किया गया जबकि एनटीआरसी रिपोर्ट में कोविड-19 बीमारी का होना पाया गया
इस इलाज के संबंध में अन्य जांच रिपोर्ट और बिलो को भी प्रस्तुत किया गया किसी बिल या रिपोर्ट पर आईडी नंबर ना होने से बीमा कंपनी अपने दायित्वों से नहीं बच सकती तो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा अपनी पुरानी बातें दोहराई गई जिस पर आयोग के अध्यक्ष व सदस्यगण ने परिवादी के अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय की बातों को सुना और यह पाया कि मुकेश कुमार गोयल ने अस्पताल में भर्ती रहकर 6 दिनों में अपना इलाज कराया है और व्यय की धनराशि इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दिए जाने से मना करना उनकी सेवा में घोर लापरवाही को दर्शाता है।
इस पर आयोग ने अपना निर्णय सुनाते हुए बीमा कंपनी स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेशित किया कि वह परिवादी को चिकित्सा बीमा धनराशि मुबलिग 64927 रु उस पर परिवाद संस्थन की तिथि से 7% वार्षिक ब्याज सहित अंदर 2 माह अदा करे। इसके अलावा विपक्षी परिवादी को मुबलिग ₹5000 बाद में के मद में भी अदा करेगी।