गलत इंजेक्शन से ब्रेन हेमरेज का मामला: श्रीराम मूर्ति नर्सिंग होम के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां दर्ज कराई गई शिकायत

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लव इंडिया, मुरादाबाद। दर्द की शिकायत पर महिला को गलत इंजेक्शन लगाने से हुए ब्रेन हेमरेज के मामले में श्रीराम मूर्ति नर्सिंग होम के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत पीड़ित महिला के पिता ने दर्ज कराई है।

सिविल लाइन थाना अंतर्गत हरतला सोनापुर निवासी फरीद ने अपनी विवाहित बेटी फरहा परवीन को प्रसव पीड़ा होने पर आशियाना स्थित श्री राम नर्सिंग होम में भर्ती कराया था जहां बिना डिग्रीधारी चिकित्सक ने ऑपरेशन किया और बाद में दर्द की शिकायत होने पर गलत इंजेक्शन लगा दिया जिससे फरहा परवीन को ब्रेन हेमरेज हो गया और जान पर बन आई। एक दिन पहले शुक्रवार को फरीद ने इस मामले को मीडिया को बताया था और आज शनिवार को फरीद ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। इसमें वही दोहराया गया है जो कल लव इंडिया नेशनल ने अपने ऑनलाइन पाठकों तक पहुंचाया था। आप नीचे खुद देखिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में दर्ज कराई गई शिकायत…

शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में दर्ज कराई गई शिकायत की फोटो कॉपी

…और यह है पूरा मामला

लव इंडिया, मुरादाबाद। श्रीराम मूर्ति नर्सिंग होम में ऑपरेशन के बाद दर्द की शिकायत पर महिला को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया। इससे महिला को ब्रेन हेमरेज हो गया। महिला के पिता ने अफसरों से न्याय की गुहार लगाई है।

और यह सब हुआ सिविल लाइन थाना अंतर्गत हरथला सोनकपुर निवासी फरीद की बेटी फरहा परवीन के साथ जो विवाहित है और उसके शौहर मोहम्मद इनाम इन दिनों विदेश में हैं। बकौल फरीद के, अक्टूबर 2022 माह में पुत्री फरहा परवीन को प्रसव पीड़ा हुई तो आशियाना स्थित श्रीराम मूर्ति नर्सिंग होम में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टर ने बताया कि नार्मल डिलीवरी से बच्चे को पैदा नहीं किया जा सकता क्योंकि बच्चा उल्टा है। इसलिए सिजेरियन की आवश्यकता है तो उन्होंने कहा कि वह ऑपरेशन के लिए एमबीबीएस सर्जन की यदि आपके यहां सुविधा हो तो करा दीजिए। तब नर्सिंग होम की लेडीज स्टाफ ने आश्वासन दिया कि आप घबराए नहीं, प्रशिक्षित चिकित्सक से ही ऑपरेशन कराया जाएगा। लेकिन बाद में गुमराह कर अप्रशिक्षित द्वारा फरहा का सिजेरियन कर दिया।

बालिद फरीद बेटी फरहा परवीन के संग मीडिया को जानकारी देते हुए

इस दौरान, न तो किसी एनेस्थीसिया को बुलाकर नशे का इंजेक्शन लगवाया और न सर्जन द्वारा सर्जरी कराई। इतना ही नहीं, ऑपरेशन के बाद दर्द की शिकायत पर बेटी के गलत इंजेक्शन लगा दिया। बेटी ने बच्चे को तो ऑपरेशन से जन्म दिया लेकिन बेटी 26 घंटे तक नर्सिंग होम में बेहोश पड़ी रही और उसका पूरा शरीर अकड़ कर सूजने लगा। जब स्टाफ से पूछा तो बताया कि ऑपरेशन के बाद कभी कभी ऐसा होता है। जब हालत में कोई सुधार नही हुआ तो फरहा को कुमार नर्सिंग होम में भर्ती कराया लेकिन वहां भी सुधार नही हुआ।

इसके बाद न्यूरो सर्जन डॉ. अस्मत अली की देखरेख में फोटोन अस्पताल कांठ रोड़ में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक के कहने पर बेटी फरहा का सिटी स्कैन और एमआरआई कराया जिसमे ब्रेन हेमरेज होना (रिपोर्ट में) दर्शाया गया। इसके चलते अभी भी बेटी फरहा की दवाई चल रही है। बकौल फरीद के, इस अस्पताल के संचालक डॉ. राज सिंह हैं और उनका नर्सिंग होम मानको के विपरीत ऑपरेशन करवाते हैं। इनके यहां कोई प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ भी नही है।

दूसरी ओर, नर्सिंग होम के संचालक डॉ. राज सिंह का कहना है कि जिस दिन ऑपरेशन हुआ वह बेंगलुरु गए हुए थे लेकिन उनकी नॉलेज में यह पूरा मामला है और ऑपरेशन के लिए ऑन कॉल टीएमयू से डॉक्टर रामकुमार बुलाए गए थे। उन्हीं के साथ नशा देने वाले डॉक्टर आए थे, लेकिन वह नाम नहीं बता पाए। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब प्रसव पीड़िता को नशे का इंजेक्शन दिया गया तो क्या ट्रीटमेंट के बाद सर्जन और एनेस्थीसिया देने वाले डॉक्टर ने नोट्स लिखें थे। वह इस संबंध में भी कुछ नहीं बता पाए।


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