मीट कारोबारी शकील कुरैशी के प्रतिष्ठानों पर छापे, निगम अफसरों में हड़कंप

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लव इंडिया, बरेली। मीट कारोबारी हाजी शकील कुरैशी के प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग की छापेमारी से नगर निगम के अफसरों में खलबली मची है। पीपीपी मॉडल पर देने के बाद भी नगर निगम का नियंत्रण स्लाटर हाउस पर था लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने इसे नियंत्रणमुक्त कर दिया। पशुओं के कटान के पहले उनके स्वास्थ्य के परीक्षण की रिपोर्ट डाक्टर को देनी थी।प्रतिदिन पशु कटान के एग्रीमेंट का कितना पालन हो रहा है, इसे नहीं देखा गया।

इसी का नतीजा था कि तय सीमा से ज्यादा यहां जानवर कटते रहे और निगम ने कभी कोई आपत्ति भी दर्ज नहीं कराई। अब आईटी छापे के बाद यह बात कही जा रही है कि वधशाला में तय सीमा से ज्यादा कटान हो रहा था। कारोबारी के हर मददगार पर नजर रखने की बात सामने आने के बाद लखनऊ से बरेली तक अफसरों में खलबली मची है। नगर आयुक्त ने कहा है कि निगम कर्मियों की संलिप्तता सामने आई तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सूत्रों ने बताया कि वधशाला में प्रतिदिन 300 पशु काटने की अनुमति एग्रीमेंट में हैं। इसकी देखरेख निगम अफसरों को करनी थी। कितने पशु काटे जा रहे हैं उसकी रिपोर्ट तैयार करनी थी।

निगम का केवल यही काम एग्रीमेंट के तहत था लेकिन निगम के जिम्मेदारों ने अपना काम बखूबी नहीं निभाया। वधशाला में कैमरे भी लगे हैं।निगम के अधिकारी कब-कब यहां निरीक्षण को गये उनकी भी गतिविधि इसमें कैद हुए होंगे। सूत्रों ने बताया कि निगम अफसरों को काम नहीं करने के लिए चढ़ावा आता था।

कारोबारी के खिलाफ झूठी शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल पर करवाई गईं। कुछ अब भी लंबित ही हैं।सूत्रों ने बताया कि पर्यावरण अभियंता के जिम्मे वधशाला की चेकिंग करने की जिम्मेदारी थी। अब उनका तबादला लखनऊ हो गया है। माना जा रहा है कि पर्यावरण अभियंता के जाने के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी के वधशाला के पशु कटान व निरीक्षण की जिम्मेदारी थी। इस बारे में जानकारी करने को नगर स्वास्थ्य अधिकारी को फोन मिलाया लेकिन वह उठा नहीं।

सूत्रों ने बताया कि दो शिफ्टों में 300 पशु काटने का एग्रीमेंट कारोबारी से निगम का हुआ था। इसमें 100 पशु शहर के मीट विक्रेताओं के लिए कटने थे। दूसरी शिफ्ट में कटने वाले पशुओं का कारोबार होना था। लेकिन यहां तय सीमा से ज्यादा 700 पशुओं का कटान किया जा रहा था और नगर निगम के अफसर सब कुछ जानते हुए भी मौन रहे।

निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त ने बताया कि आईटी कंपनी की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। वधशाला प्रकरण में नगर निगम के जिम्मेदार अफसरों या कर्मचारियों की लापरवाही सामने आएगी तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। रिपोर्ट का इंतजार है।

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