जेल के ताले टूट गए, हाजी इकराम छूट गए… की जानिए सच्चाई
उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। कहावत है जिसकी उतर गई लोई उसका क्या करेगा कोई… और यह कहावत उन नेताजी पर सटीक बैठती है जो फर्जी बिजली बिल प्रकरण में दोषी ठहराए गए और 7 साल की सजा होने पर जेल गए और अब जमानत हुई तो फूल मालाओं से लद गए और चौतरफा गूंज उठा जेल के ताले टूट गए… हाजी इकराम छूट गए।
महानगर के गलशहीद थाना अंतर्गत भूड़ा चौराहा निवासी हाजी इकराम कुरैशी अखिलेश यादव की सरकार में दर्जा राज्यमंत्री रहे थे। हाजी इकराम कुरैशी बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और हाथ के निशान पर मुरादाबाद देहात विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था लेकिन जनता ने इन्हें नकार दिया जबकि हाजी इकराम 2017 के चुनाव में मुरादाबाद देहात सीट से ही विधायक चुने गए थे।
पिछले महीने 30 नवंबर को पूर्व मंत्री हाजी इकराम कुरैशी को बिजली चोरी के मामले में एसीजेएम फोर कोर्ट ने सात साल की सजा और आठ हजार रुपये का जुर्माना सुनाया और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था। हाजी इकराम के खिलाफ दो जून 2000 में विद्युत विभाग ने फर्जी रसीद बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि हाजी इकराम कुरैशी के ऊपर विद्युत बिल करीब 6 लाख 88 हजार 54 रुपये का था। हाजी इकराम कुरैशी और विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा ने मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बना ली। अदालत ने विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया था।
जेल जाने के बाद हाजी इकराम कुरैशी को बुधवार को जमानत मिल गई थी लेकिन कागजात पूरे नहीं हो पाए थे। लगभग 8 दिन के बाद 8 दिसंबर अर्थात गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे हाजी इकराम कुरैशी के जिला कारागार से बाहर आते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थकों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया और हाजी इकराम जिंदाबाद के नारों के साथ जेल के ताले टूट गए-हाजी इकराम छूट गए के नारे बुलंद किए। नारेबाजी के बीच हाजी इकराम ने पत्रकारों से कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पर उन्हें पूरा भरोसा है। उन्होंने अपील स्वीकार करने और जमानत देने पर अदालत का शुक्रिया अदा किया।
इस सबके बावजूद आवाम को समर्थकों की खुशी और पूर्व विधायक का स्वागत समझ में नहीं आ रहा और खासकर यह नारा भी कि जेल के ताले टूट गए हाजी इकराम छूट गए…? आवाम का कहना है अखिलेश यादव से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हाजी इकराम कुरैशी के लिए कैसे जेल के ताले टूट गए वह तो कोर्ट से दोषी ठहराए जा चुके हैं और सजा हो चुकी है और अब भी वह जमानत पर छूट हैं। यही कारण है कि आवाम का मानना है कि चोरी और सीनाजोरी ही नहीं बल्कि जिसकी उतर गई लोई उसका क्या करेगा कोई…? ऐसे में अपने मुंह मियां मिट्ठू बन जाना ठीक नहीं…।