दुर्गा भाभी के व्यक्तित्व और स्वतंत्रता-संग्राम में योगदान के बारे में बताया बेटियों ने

Uttar Pradesh शिक्षा-जॉब

लव इंडिया, मुरादाबाद। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत गोकुलदास हिंदू गर्ल्स महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. चारू मेहरोत्रा के निर्देशन में महान क्रांतिकारी दुर्गावती बोहरा उर्फ दुर्गा भाभी के जन्मदिवस के अवसर पर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा ‘दुर्गा भाभी का व्यक्तित्व और स्वतंत्रता- संग्राम में उनका योगदान’ विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

निबंध लेखन के माध्यम से छात्राएँ दुर्गा भाभी के नाम से प्रसिद्ध गुमनामी में छिपी महान क्रांतिकारी दुर्गावती देवी के असाधारण व्यक्तित्व और स्वतंत्रता संग्राम में उनके अभूतपूर्व योगदान से परिचित हुईं।7 अक्टूबर, 1907 में इलाहाबाद के शहजादपुर में जनमी दुर्गावती का विवाह दस वर्ष की आयु में भगवतीचरण बोहरा से हुआ।दुर्गावती भारत के स्वतंत्रता संग्राम में क्रान्तिकारियों की प्रमुख सहयोगी रहीं। प्रसिद्ध क्रांतिकारी भगतसिंह के साथ इन्हीं दुर्गावती देवी ने 18 दिसम्बर, 1928 को वेश बदलकर कलकत्ता मेल से यात्रा की थी।

चन्द्रशेखर आज़ाद के अनुरोध पर ‘दि फिलॉसफी ऑफ़ बम’ दस्तावेज तैयार करने वाले क्रांतिकारी भगवतीचरण बोहरा की पत्नी दुर्गावती बोहरा क्रांतिकारियों के बीच ‘दुर्गा भाभी’ के नाम से मशहूर थीं। सन 1927 में लाला लाजपतराय की मौत का बदला लेने के लिये लाहौर में बुलायी गई बैठक की अध्यक्षता दुर्गा भाभी ने की थी। तत्कालीन बम्बई के गर्वनर हेली को मारने की योजना में टेलर नामक एक अंग्रेज़ अफ़सर घायल हो गया था, जिस पर गोली दुर्गा भाभी ने ही चलायी थी।92 वर्ष की आयु में 15 अक्टूबर सन् 1999 को गाजियाबाद में रहते हुए वे काल-कवलित हुईं।

अपने उद्बोधन में छात्राओं को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. डॉ.चारू मेहरोत्रा ने कहा कि वोहरा दम्पत्ति जैसे क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व हमारे राष्ट्र पर, हम पर न्योछावर करते हुए एक क्षण के लिए भी अपने जीवन की परवाह नहीं की। आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, हमें यह अवश्य सोचना चाहिए कि हमने उन देशभक्तों के लिये, उनके सपनों के लिये, और अपने देश के लिये अब तक क्या किया है और आगे हमारी क्या करने की योजना है ?

निर्णायक मंडल में डॉ.सीमा गुप्ता-एसो.प्रो. मनोविज्ञान विभाग, डॉ. शेफाली अग्रवाल-असि.प्रो. मनोविज्ञान विभाग, डॉ. रेनू शर्मा-असि.प्रो.वनस्पति विज्ञान विभाग, शामिल रहीं। प्रतियोगिता में श्रद्धा दुबे -छात्रा बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान लवी अग्रवाल, बी.एड. प्रथम वर्ष की छात्रा को मिला। अरशीना नाज- एम.ए.उत्तरार्द्ध तृतीय स्थान पर रहीं।

बी.ए.प्रथम वर्ष की छात्रा शमा परवीन एवं इकरा आलम-बी.ए.प्रथम वर्ष ने प्रेरक स्थान प्राप्त किया।इस अवसर पर महाविद्यालय की उपप्राचार्या डॉ. अंजना दास ने दुर्गा भाभी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।

इस अवसर पर चीफ प्रॉक्टर डॉ. कविता भटनागर, डॉ. अंशु सरीन, डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ.सुधा सिंह, श्रीमती प्रीति सिंह, डॉ.सविता अग्रवाल, डॉ.रूपाली गुप्ता, डॉ. रितु निर्वाल, डॉ. प्रज्ञा मित्तल, डॉ. प्रेमलता कश्यप, डॉ.अपर्णा तिवारी आदि उपस्थित रहीं। इसी क्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों द्वारा आज विश्व मुस्कान दिवस मनाया गया। प्राचार्या प्रो. चारू मेहरोत्रा ने मुस्कान के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों के विषय में प्रकाश डाला।

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