अपने घर पर तिरंगा फहराने से पहले इन पांच नियमों को जरूर पढ़े अन्यथा…

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लव इंडिया मुरादाबाद । आजादी की 75 वीं सालगिरह पर केंद्र सरकार ने देशभर में अमृत महोत्सव मनाए जाने का आदेश दिया है। इसी के साथ राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को रात में भी कराने की छूट दे दी है लेकिन कुछ बंदिशें भी है इसलिए अगर आप अपने घर या प्रतिष्ठान पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा रहे हैं तो इन नियमों को जरूर पढ़ना अन्यथा.. ?

1. कितना बड़ा तिरंगा फहरा सकते हैं?*-

तिरंगे के साइज को लेकर कोई नियम नहीं है. ये कितना भी बड़ा और कितना भी छोटा हो सकता है. फ्लैग कोड 2002 के मुताबिक, तिरंगा आयताकार ही होना चाहिए. इसका साइज कुछ भी हो सकता है. लेकिन इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा.

2. क्या कागज से बना तिरंगा खरीद सकते हैं?

वैसे तो कागज से बने तिरंगे नहीं बनाए जा सकते. लेकिन स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कागज से बने तिरंगे फहराए जा सकते हैं. – फ्लैग कोड के इन खास दिनों में कागज से बने तिरंगों को फहराया जा सकता है, लेकिन इसे फेंका या फाड़ा नहीं जा सकता. कागज से बने तिरंगों का सम्मान के साथ डिस्पोजल जरूरी है.

3.क्या गाड़ियों पर लगा सकते हैं तिरंगा?*

तिरंगा फहराना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसे आप अपनी गाड़ी पर लगाकर घूम सकें. फ्लैग कोड के मुताबिक, सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ही तिरंगा लगाने की इजाजत है.- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, राज्यों के राज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, विदेशों में नियुक्त भारतीय दूतावासों और कार्यालयों के अध्यक्ष, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और उपमंत्री, राज्य की विधान परिषदों के सभापति और उप सभापति, भारत के चीफ जस्टिस, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज अपने वाहन में तिरंगा लगा सकते हैं.इसके अलावा अगर किसी विदेशी अतिथि को केंद्र सरकार की ओर से कार मुहैया कराई जाती है, तो उस कार की दाईं ओर तिरंगा, जबकि बाईं ओर उस देश का राष्ट्रीय ध्वज लगेगा. अगर राष्ट्रपति किसी विशेष ट्रेन से यात्रा करते हैं तो जब गाड़ी खड़ी रहेगी, तब ड्राइवर के केबिन पर प्लेटफॉर्म की ओर तिरंगा लगेगा. अगर राष्ट्रपति किसी विमान से यात्रा करते हैं तो उस पर भी राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा. इसी तरह प्रधानमंत्री या उपराष्ट्रपति किसी देश की यात्रा करते हैं तो विमान पर राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाता है.

4.तिरंगे का अपमान कब माना जाएगा?*

जब आप घर में तिरंगा फहराएं तो इस बात का खास ध्यान रखें कि वो झुका न हो, वो जमीन से टच न हो रहा हो या फिर पानी न लग रहा हो. अगर ऐसा होता है तो ये तिरंगे का अपमान होगा.- तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया और सबसे नीचा हरा रंग होना चाहिए. किसी भी स्थिति में ऊपर हरा और नीचे केसरिया रंग नहीं होना चाहिए.- झंडे पर कुछ भी नहीं लिखा जा सकता. तिरंगे को किसी ड्रेस या यूनिफॉर्म के किसी हिस्से में भी लगाने की मनाही है. न ही किसी रूमाल, तकिया या नैपकिन में तिरंगे की डिजाइन होनी चाहिए.झंडे को किसी भी रूप में लपेटने, जिसमें किसी व्यक्ति की शवयात्रा भी शामिल है, के काम में नहीं लाया जा सकता. किसी सामान को देने, पकड़ने या ले जाने के तौर पर भी इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता. हालांकि, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समेत खास अवसरों पर तिरंगे के अंदर फूलों की पंखुड़ियां रखी जा सकती हैं.- राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किसी मूर्ति या इमारत को ढंकने के लिए नहीं किया जा सकता. किसी कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल स्पीकर की टेबल को ढंकने या मंच को सजाने के लिए नहीं होगा. किसी वाहन, रेलगाड़ी, नाव या हवाई जहाज में भी इसे नहीं लगाया जा सकता. सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के वाहन में ही इसे लगाने की इजाजत है.- झंडा फटा हुआ या मैला-कुचैला नहीं होना चाहिए. घर पर या किसी भी संस्थान में तिरंगा फहराया जा रहा है, तो उसके बराबर या उससे ऊंचा कोई दूसरा झंडा नहीं होना चाहिए.

*5.अगर ऐसा किया तो क्या हो सकता है?*-

अगर आप घर पर तिरंगा फहरा रहे हैं और वो किसी कारण से फट जाता है या पुराना हो जाता है, तो उसे सम्मानित तरीके से डिस्पोज किया जाएगा. तिरंगे को सम्मान के साथ एकांत में कहीं जलाकर या दूसरे तरीके से नष्ट कर सकते हैं.- तिरंगे का अपमान करने पर 3 साल की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. इसके लिए राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 में प्रावधान किया गया है. इसके तहत किसी सार्वजनिक स्थान पर तिरंगे और संविधान को जलाना, कुचलना, फाड़ना या किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना अपराध होगा.

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