हादिया जावेद नर्सिंग होम में चिकित्सा नियमों के सब कुछ विपरीत है, फिर भी…

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उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। चिकित्सा नियमों के विपरीत हादिया जावेद नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी की सांठगांठ से चिकित्सा की पिच पर ताड़तड़ चौक्के लगा रहा है। जबकि सभी को मालूम है कि हादिया जावेद नर्सिंग होम में कोई भी खिलाड़ी अर्थात डिग्री धारक डॉक्टर नहीं है।

लव इंडिया नेशनल लगातार अपने पाठकों को स्वास्थ्य विभाग के ऐसे काले कारनामों से अवगत कराता रहता है जो कागज की कश्ती पर सवार है और खुद तो डूबते ही है। साथ ही मरीज को भी दुआ देने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इसी तरह का ताजा उदाहरण दलपतपुर में दिखाई दे रहा है यहां ब्लॉक दलपतपुर काशीपुर रोड पर सरकारी स्कूल वाले रास्ते और ग्राम पंचायत के अंदर, गेट नंबर 1, पानी की टंकी के सामने हादिया जावेद नर्सिंग होम है। जो मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कहीं पर भी पंजीकृत नहीं है।

यह अलग बात है कि हादिया जावेद नर्सिंग होम के बोर्ड पर डॉक्टर असलम एमबीबीएस एमएस और डॉक्टर जावेद मुशाहिद बीयूएमएस के नाम लिखे हैं लेकिन खुद को डॉक्टर बताने वाली सीमा गुप्ता और मोहम्मद फैज के नाम के साथ डिग्री डिप्लोमा के स्थान पर मोबाइल नंबर लिखे गए हैं और यही नंबर संदेह को पूरी तरह से शक के घेरे में ले रहे हैं क्योंकि हादिया जावेद नर्सिंग होम में खांसी जुकाम के मरीजों काहे इलाज नहीं हो रहा बल्कि नॉर्मल और सिजेरियन डिलीवरी भी होती हैं और इसकी जानकारी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव बेलवाल को भी है लेकिन उनकी कृपा इस नर्सिंग होम पर है ऐसे में यहां सब कुछ जायज है।

यही कारण है कि क्षेत्र में चर्चाएं हैं कि सांठगांठ की कृपा के चलते कहीं करनपुर गांव के लाइफ लाइन हॉस्पिटल की तरह अनहोनी ना हो जाए। मालूम हो कि लगभग 4 माह पहले लाइफ लाइन हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया था लेकिन बाद में गांधी की कृपा से खोल दिया गया और यहां के झोलाछाप ने ऑपरेशन से डिलीवरी के दौरान जच्चा की जान ले ली थी। इस मामले में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं क्योंकि अब तक की कार्यवाही में मुरादाबाद के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में रही है।

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