सरकारी मेडिकल सेवा देने में बरेली जिला काफी पीछे

खाना-खजाना

निर्भय सक्सेना, बरेली। बरेली बीजेपी का गढ़ रहने के बावजूद सरकारी चिकित्सा क्षेत्र में अभी भी काफी पिछड़ा हुआ ही है।बांसमंडी स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में के पुराने भवन में स्थान का काफी अभाव तो है ही। यहां बड़ा जनरेटर तक नही है। बिजली जाने पर डॉक्टर तक परेशान होते हैं। हॉस्पिटल में हरियाली तो दूर दूर तक नहीं है । वाहन पार्किंग भी यहां एक समस्या है। इसके लिए टी बी हॉस्पिटल एवम उससे सटे पुराने गिरताऊ भवन तोड़कर उस बड़े परिसर में बांसमंडी वाला आयुर्वेदिक हॉस्पिटल बनाया जाए। बरेली में 70 साल बाद भी आज तक बरेली जनपद में सरकारी मेडिकल कॉलेज तक नही खुल सका। एम्स की वर्षो पुरानी मांग भी फाइल में ही दबी पड़ी है। पत्रकार निर्भय सक्सेना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी को मेल भेजकर बरेली की जनता को सरकारी चिकित्सा की बेहतर सेवा देने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, एम्स जैसा हॉस्पिटल देने की मांग की है।           

स्मरण रहे उत्तर प्रदेश में बरेली बी जे पी का गढ़ रहा है। जहां बी जे पी के वर्तमान में 2 सांसद, 7 विधायक, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी हैं। बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा ही कि आम जनता को सरकारी मेडिकल सेवा देने में बरेली जिला काफी पीछे है। यहां एम्स जैसे हॉस्पिटल की भी आज बहुत जरूरत है।                                सपा सरकार ने बरेली के पुराने शहर में एक सरकारी यूनानी कॉलेज को स्वीकृति दी थी।अब तक केवल हजियापुर में ही जगह ही मिली है। यूनानी हॉस्पिटल का कई वर्ष से गति ही नहीं पकड़ पा रहा है। पत्रकार निर्भय सक्सेना ने मुख्यमंत्री को भेजे मेल में कहा ही की मेरा विनम्र सुझाव है की जिला हॉस्पिटल  के टी बी हॉस्पिटल एवम उससे सटे पुराने गिरताऊ भवन तोड़कर उस बड़े परिसर में  100 बेड का एक नया आयुर्वेदिक हॉस्पिटल बनाया जाए ताकि बरेली घनी आबादी को उसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही नया बना कोविड हॉस्पिटल जल्द ही विभाग को हैंडओवर कराया जाए।

बरेली महायोजाना में नए एयरपोर्ट के लिए भी स्थान चिन्हित हो

बरेली की महायोजना 2031 बना ली गई है। इसमें जागरूक नागरिकों ने कुछ सुझाव भी दिया हैं। स्मार्ट सिटी में अब लाइट मेट्रो योजना भी प्रदेश सरकार ने स्वीकृत की है। इसे भी महायोजना में शामिल होना आवश्यक है। इसके लिए बरेली कैंट विधायक संजीव कुमार अग्रवाल ने भी मुख्यमंत्री जी को पत्र भेजा है।स्मार्ट सिटी बरेली में भी एक अत्याधुनिक एयर पोर्ट की जरूरत भविष्य में होगी ।जिसके लिए लखनऊ रोड पर फरीदपुर या दिल्ली रोड पर मीरगंज मे नया एयरपोर्ट बनाने के मेरे सुझाव को भी इस 2031की महायोजना में शामिल किया जाए। इसके लिए बरेली महायोजना 2031 में नए एयरपोर्ट के लिए भी स्थान चिन्हित किया जाए। बरेली शहर में लाइट मेट्रो के लिए कुतुबखाना को केंद्र मानना भी जरूरी है। वर्तमान में यहां उपरिगामी पुल भी प्रस्तावित है। उसको वाईशेप बनाने के लिए अभी तो नक्शा ही खींचतान में फंसा है। लाइट मेट्रो का प्रस्ताव को भी पुल के नक्शे में शामिल हुए बिना वह बेमानी ही होगा। स्मरण रहे बरेली में वायुसेना के त्रिशूल एयरपोर्ट की हवाई पट्टी का वर्तमान में बना बरेली सिविल एयरपोर्ट सेवाएं ले रहा है। जिससे वायु सेना के त्रिशूल हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी खतरे के बादल मंडराते रहते हैं। इस लिए जरूरी है कि लखनऊ रोड पर फरीदपुर या दिल्ली रोड पर मीरगंज या नवाबगंज किसी उचित स्थानों नया एयरपोर्ट बनाने के मेरे सुझाव को भी इस 2031की बरेली महायोजना में शामिल किया जाए। और उस पर गंभीरता से अमल भी हो। आज कल जिस तरह चीन की गतिविधियां चल रही हैं उसको दृष्टिगत रखकर बरेली के वायुसेना के त्रिशूल एयरपोर्ट के समीप बने बरेली सिविल एयरपोर्ट को भविष्य में हटाना भी जरूरी होगा। इसलिए बरेली की 2031की महायोजना में नए एयरपोर्ट की जगह को अभी से शामिल किया जाए।

स्मरण रहे सुरक्षा कारणों से कानपुर में भी चकेरी में वायुसेना के पास बने सिविल एयरपोर्ट को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया गया था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल नो एयरपोर्ट हैं जिसमें से तीन अंतरराष्ट्रीय और छह राष्ट्रीय स्तर के हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के अनुसार उत्तर प्रदेश में 10 एयरपोर्ट की कार्यवाही संचालन में चल रही है। इसके अलावा निकट भविष्य में राज्य में कई और नए हवाई अड्डों के आने की भी संभावना है। उत्तर प्रदेश भारत का एक महत्पूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश में कुल दस एयरपोर्ट हैं, जिसमें से तीन अंतरराष्ट्रीय और छह राष्ट्रीय स्तर के हैं। जेवर, कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

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