चीन पर नकेल कसने के लिए बनाए गए ‘क्‍वॉड’ में भारत का विकल्प बनने की फिराक में दक्षिण कोरिया

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‘क्‍वॉड’ में जगह बनाने की फिराक में है दक्षिण कोरियाचीन पर नकेल कसने के लिए बनाया गया था क्वॉडरूस मामले को लेकर भारत से नाराज है अमेरिका, इसी बात का फायदा उठा रहा दक्षिण कोरिया
भारत के साथ रूस के संबंधों से अमेरिका खुश नजर नहीं आ रहा है और इसका नतीजा ये है कि दक्षिण कोरिया (South अमेरिका के साथ अपनी दोस्ती को बढ़ा रहा है। इस बीच खबर सामने आई है कि चीन पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए ‘क्‍वॉड’ में अब दक्षिण कोरिया, भारत का विकल्प बन सकता है।
दरअसल दक्षिण कोरिया हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के साथ आगे बढ़ने के लिए ज्यादा हाथ पैर मार रहा है और इसके पीछे की वजह हैं दक्षिण कोरिया के नए राष्‍ट्रपति यून सुक येओल। वो भी ये बात जानते हैं कि अमेरिका, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत द्वारा रूस की आलोचना ना करने से नाराज है।
रूस मामले पर भारत से नाराज है अमेरिका
हालही में अमेरिकी अधिकारी दलीप सिंह जब भारत आए थे, तो उन्होंने भी रूस को लेकर भारत के रवैये पर असंतुष्टि जाहिर की थी। दरअसल भारत रूस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने पर जोर दे रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसी मामले को लेकर भारत से तनाव की स्थिति में हैं।
इन्हीं सारी बातों को ध्यान में रखते हुए अब ये कहा जा रहा है कि क्वॉड में भारत के विकल्प के तौर पर दक्षिण कोरिया अपनी जगह बनाने में जुटा है। खबर ये भी है कि दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति हिंद प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण कोरिया के रुख में बदलाव करने के बारे में सोच रहे हैं।
रूस को लेकर अमेरिका और भारत के बीच जो मतभेद पनप रहा है, उसका फायदा दक्षिण कोरिया उठाने में लगा है। कहा जा रहा है कि दक्षिण कोरिया क्‍वॉड प्‍लस और जी-7 प्‍लस में भी ज्यादा ताकत हासिल करने की कोशिश भविष्य में कर सकता है। बता दें कि हालही में दक्षिण कोरिया के नए राष्‍ट्रपति ने ये ऐलान भी किया था कि उनका देश विस्‍तारित क्‍वॉड का सदस्‍य बनने के लिए तैयार हैं।
क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग चार देशों का समूह है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान हैं। इन चारों देशों के बीच 2004 में आई सुनामी के बाद समुद्री सहयोग शुरू हुआ था। पहले चीन के दबाव की वजह से ऑस्ट्रेलिया इस ग्रुप में नहीं था लेकिन बाद में वह ग्रुप में शामिल हो गया।
साल 2017 में जब चीन का खतरा बढ़ा और वह दादागीरी पर उतर आया तो इन चारों देशों ने मिलकर फिर से क्वॉड को जिंदा कर लिया और इसका विस्तार किया। इसके तहत हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर के देशों से लगे समुद्र में फ्री ट्रेड को बढ़ावा मिला।
मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक के समुद्री रास्तों पर किसी भी देश की तानाशाही को रोकना है। इसमें खासतौर पर चीन की दादागीरी को रोकना अहम है। बीते सालों में क्वॉड एक ताकतवर क्षेत्रीय संगठन बनकर उभरा है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में जुटे चीन पर नकेल कसने में सफल रहा है।

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