स्व-रोजगार से युवाओं का सँवरता भविष्य

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सुकमा : अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्गों की स्थिति संवारने के लिए शासन स्कॉलरशिप और मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ ही स्वरोजगार के लिए कई योजनाएं भी चला रही है। सुकमा जैसे धुर नक्सल प्रभावित जिला जहाँ अनुसूचित जाति, अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्गों के ऐसे युवक-युवतियाँ जिन्होंने किसी कारणवश 12 वीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। ऐसे युवाओं हेतु शासन के अंत्यावसायी सहकारी विकास मर्यादित विभाग द्वारा स्वरोजगार के लिए संचालित योजनाएं जैसे टैªक्टर ट्राली योजना, गुड्स कैरियर योजना, स्मॉल विकास योजना, महिला सशक्तिकरण योजना, शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना आदि योजनाओं की बदौलत स्व-रोजगार से जुड़ कर परिवार के भरण पोषण के साथ ही एक बेहतर जीवनशैली जी रहे हैं।
अंत्यावसायी विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित ज.जा. गुड्स कैरियर योजना के अन्तर्गत तहसील कोण्टा ग्राम चिचोरगुड़ा के हितग्राही मड़कम देवा को तीन लाख बयासी हजार तीन सौ पचहत्तर रूपये की राशि ऋण सहायता प्रदाय किया गया। देवा ने बताया कि पूर्व में वह देहाड़ी मजदुरी में दुसरे की वाहन चलाता था। अंत्यावसायी विभाग, जिला सुकमा से संपर्क करने पर उन्हें गुड्स कैरियर योजना के माध्यम से ऋण पर वाहन क्रय करने का पता चला। देवा ने कार्यालय में आकर योजना संबंधी पूर्ण जानकारी लेकर आवेदन किया, चयन समिति द्वारा इन्हें चयन किया गया। अंत्यावसायी विभाग से ऋण सहायता प्राप्त करने के बाद मड़कम देवा द्वारा गुड्स कैरियर योजना का संचालन कर महीने में 14 से 15 हजार तक प्रतिमाह की कमाई कर अपने परिवार के भरण पोषण के साथ की एक सुन्दर जीवनशैली को अपनाया है।

छिन्दगढ़ के तीन व्यक्तियों की कहानी, उन्हीं की जुबानी

छिन्दगढ़ तहसील के ग्राम गंजेनार के निवासी धनसिंह बघेल को विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जनजाति टैªक्टर ट्रॉली योजना के अन्तर्गत टैªक्टर ट्रॉली व्यवसाय हेतु विभाग द्वारा 6 लाख 89 हजार रुपए की राशि ऋण अनुदान प्रदाय किया गया है। धनसिंह बताते हैं कि विभाग से ऋण सहायता प्राप्ति के पूर्व बेरोजगार था। जिस कारण वह रोजगार के लिए इधर-उधर भटकता रहता था। एवं अपने भविष्य के प्रति सदैव चिंतित रहता था। अंत्यावसायी विभाग से ऋण सहायता प्राप्त करने के बाद हितग्राही धनसिंह बघेल द्वारा टैªक्टर ट्रॉली क्रय किया। अब वह ट्रैक्टर चलाकर महीने में 30 से 35 हजार तक प्रतिमाह की कमाई कर रहा है।

बिनोवापारा तहसील छिन्दगढ़ के निवास मानसाय ने विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित ज.जा. शहीद वीरनारायण सिंह स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत किराना दुकान व्यवसाय हेतु एक लाख पचास हजार रूपए आर्थिक अनुदान ऋण सहायता प्राप्त कर स्वयं का किराना दुकान व्यवसाय प्रारंभ किया। पूर्व में मानसाय रोेजी-मजदुरी कर कुछ पैसे कमाते थे, परन्तु निम्न आय होने के कारण अपने परिवार की आजीविका नहीं चला पाता था। अंत्यावसायी विभाग से ऋण सहायता प्राप्त करने के बाद किराना दुकान का संचालन कर उन्हें महीने में 5 से 6 हजार तक की आय होती है। विभाग द्वारा संचालित इन योजनाओं का लाभ लेकर धनसिंह और मानसाय अपने परिवार को एक बेहतर जीवन देने में सक्षम हुए हैं।

अनुसूचित ज.जा. लघु व्यवसाय योजनांतर्गत जिले के छिन्दगढ़ तहसील के ग्राम पेरमारास निवासी चरण ध्रुव को फोटो स्टूडियो एवं स्टेशनरी हेतु अंत्यावसायी विभाग द्वारा वर्ष 2020 को  तीन लाख रूपए ऋण सहायता प्रदाय किया गया है। अंत्यावसायी कार्यालय से ऋण सहायता प्राप्ति के पूर्व चरण किसी अन्य दुकान में फोटो ग्राफी का कार्य कर रहा था जिससे बहुत कम आमदनी हो रही थी। अंत्यावसायी विभाग की योजना से लाभ प्राप्त करने के बाद चरण ध्रुव ने स्वयं का फोटो स्टूडियो एवं स्टेशनरी स्थापित किया। आज की स्थिति में कुशल संचालन कर वह 15 हजार रुपये प्रतिमाह कमाई कर रहा है। इससे ना सिर्फ व अपने परिवार की आजीविका चला रहा है बल्कि गांव के अन्य बेरोजगार युवाओं के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

सुकमा जिला अंतर्गत जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति मर्यादित द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में विभिन्न योजनांतर्गत 15 हितग्राहियों का चयन कर 40 लाख 34 हजार रुपए की अनुदान ऋण राशि वितरित की गई। वहीं वर्ष 2019-20 में 12 हितग्राहियों का चयन कर 34 लाख 34 हजार एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 12 हितग्राहियों का चयन कर 46 लाख 34 हजार की अनुदान ऋण राशि वितरित कर लाभान्वित किया गया है। अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित विभाग सुकमा द्वारा जिला अंतर्गत संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं द्वारा युवाओं को स्व-रोजगार हेतु व्यवसायिक मानसिकता विकसित करने एवं जागरूक बनाने के उद्देश्य से व्यवसाय स्थापन के पूर्व कौशल विकास का प्रशिक्षण एवं स्वावलंबी बनाने हेतु वित्तीय सहायता दिया जाता है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से वर्तमान में सुकमा जिला के युवा स्व-रोजगार से जुड़कर आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ विकास की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

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