यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन और मुरादाबाद के शाखा प्रबंधक पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

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लव इंडिया, संभल। एक ओर सरकार समझौते के आधार पर मुकदमों के निस्तारण पर जोर दे रही है जबकि दूसरी ओर सरकारी मशीनरी समझौते के आधार पर निर्णीत मामलों में भी गंभीर नहीं हैं। मामले को उलझाने और समझौते अनुसार धनराशि जमा ना करने पर जिला उपभोक्ता आयोग संभल (District Consumer Commission Sambhal) ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company) के चेयरमैन एवं शाखा प्रबंधक (Chairman & Branch Manager) को गिरफ्तार करने के आदेश दिए है क्योंकि इन्होंने कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए पहले समझौता किया और फिर खुद ही पालन नहीं किया।

परिवादी के अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय (Advocate Devendra Varshney) के अनुसार आसिफ पुत्र भूरा निवासी देहलापुर, बुलंदशहर (Dehlapur, Bulandshahr)ट्रक संख्या यू पी 13 ए.टी.8696 का पंजीकृत स्वामी चला आता था। 13 नवंबर 2020 को उक्त ट्रक देवरा भूरा रजपुरा गुन्नौर, जिला संभल निवासी चंद्रभान को 7 लाख 70 हजार रुपए में बेच दिया और दोनों ने मिलकर ट्रक के आर सी ट्रांसफर करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण करना प्रारंभ कर दी लेकिन ट्रांसफर संबंधी प्रक्रिया पूर्ण होती इससे पहले ही 21 नवंबर 2020 को ट्रक(truck) रमपुरा पंप के सामने, रजपुरा (Opposite Rampura Pump, Rajpura)से चोरी हो गया, रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की कंपनी बाग, मुरादाबाद शाखा(Company Bagh, Moradabad Branch) को भी सूचित किया गया लेकिन बीमा कम्पनी ने यह कहकर बीमा दावा निरस्त कर दिया कि वहां चोरी के समय किसी भी व्यक्ति का बीमा हित निहित नही था।

इस पर आसिफ व चंद्रभान ने उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate for Consumer Affairs) देवेंद्र वार्ष्णेय के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल में बाद योजित किया मुकदमें के दौरान ही बीमा कम्पनी की ओर से इस आशय का प्रस्ताव किया गया कि बीमा कम्पनी चंद्रभान सिंह को 6 लाख 50 हजार रुपए अदा करने को तैयार हैं। 12 नवंबर 2021को वादी एवं बीमा कंपनी ने जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष एक समझौतानामा प्रस्तुत किया कि बीमा कंपनी (Insurance company) एक सप्ताह के अंदर 6 लाख 50 हजार रुपए जिला आयोग में जमा करा देगी। एक सप्ताह बीतने के उपरांत भी बीमा कंपनी ने समझौते अनुसार धनराशि जमा नहीं कराई।

उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय

इस पर वादी ने जिला उपभोक्ता आयोग (District Consumer Commission) से बीमा कंपनी के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का अनुरोध किया। कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने के उपरांत भी बीमा कंपनी ने गंभीरता से नहीं लिया, जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस बीमा कंपनी के अध्यक्ष एवं शाखा प्रबंधक(Chairman & Branch Manager) के विरुद्ध गैर जमानती वारंट(Non-bailable warrant) जारी कर गिरफ्तारी(Arrest) का आदेश दिया।

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