एचौड़ा कम्बोह स्थित कल्कि धाम में भव्य श्री कल्की धाम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ

India International Uttar Pradesh टेक-नेट तीज-त्यौहार तेरी-मेरी कहानी नारी सशक्तिकरण युवा-राजनीति

संभल/प्रयागराज: एचौड़ा कम्बोह स्थित कल्कि धाम में श्री कल्की धाम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है और यह हुआ है इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद। मालूम हो कि संभल के तत्कालीन जिलाधिकारी ने कानून व्‍यवस्‍था बिगड़ने का हवाला देकर मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी थी क्‍योंकि यह इलाका मुस्लिम बाहुल्य है। इस संबंध में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम शुक्रवार को पत्रकारों से बात करेंगे और मंदिर निर्माण की भावी रणनीति बताएंगे।

The way has been cleared for the construction of Shri Kalki Dham Temple in Kalki Dham located in Echoda Kamboh and this has happened after the decision of the Allahabad High Court. It may be known that the then District Magistrate of Sambhal had banned the construction of the temple by citing deteriorating law and order as this area is Muslim majority. In this regard, Kalki Peethadhishwar Acharya Pramod Krishnam will talk to journalists on Thursday and will tell the future strategy of temple construction.


मालूम हो कि कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी हैं और वह संभल जिले के एचौड़ा कम्बोह स्थित अपनी निजी जमीन पर भगवान श्री कल्कि के भव्य मंदिर का निर्माण करवाना चाहते हैं लेकिन जिला प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी थी इसके खिलाफ कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। It is known that Kalki Peethadhishwar Acharya Pramod Krishnam is also a senior Congress leader and he wants to build a grand temple of Lord Shri Kalki on his private land at Echoda Kamboh in Sambhal district, but the district administration had put a stop to it. Peethadhishwar Acharya Pramod Krishnam had taken refuge in the High Court.


लंबी सुनवाई के बाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश के संभल जिले में कल्कि धाम मंदिर निर्माण के संबंध में बड़ा फैसला सुनाया है और मंदिर निर्माण पर संभल के तत्कालीन जिलाधिकारी की तरफ से लगाई गई रोक को असंवैधानिक करार दिया है। दरअसल कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्‍णम निजी जमीन पर इस मंदिर का निर्माण करवा रहे थे।  अब हाई कोर्ट ने प्रमोद कृष्‍णम से जिला पंचायत में मंदिर का नक्‍शा जमा करवाने का आदेश दिया है। साथ ही मंदिर निर्माण के लिए जिला पंचायत से अनुमति लेने का निर्देश भी दिया है।

After a long hearing, the Allahabad High Court has now given a major decision regarding the construction of Kalki Dham temple in Sambhal district of Uttar Pradesh and declared the ban imposed by the then District Magistrate of Sambhal on the construction of the temple as unconstitutional. Actually Congress leader Acharya Pramod Krishnam was getting this temple constructed on private land. Now the High Court has ordered Pramod Krishnam to submit the map of the temple to the District Panchayat. Along with this, instructions have also been given to take permission from the District Panchayat for the construction of the temple.

संभल के तत्‍कालीन डीएम के फैसले के खिलाफ कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने 30 अक्‍टूबर, 2017 में याचिका लगाई थी। न्‍यायमूर्ति सलिल कुमार राय और न्‍यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने संभल के तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश को अंसैवाधानिक बताया है। कोर्ट ने कहा कि निजी जमीन पर अगर कोई धार्मिक निर्माण करना चाहता है तो कर सकता है क्‍योंकि उसे संविधान में यह अधिकार मिला हुआ है। प्रमोद कृष्‍णम की याचिका के अनुसार, डीएम ने मंदिर बनाने की अनुमति यह कहकर नहीं दी कि यह इलाका अल्‍पसंख्‍यक बाहुल्य है। यहां के मुस्लिम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे। अगर मंदिर बना तो कानून व्‍यवस्‍था को लेकर दिक्‍कतें खड़ी हो जाएंगी। मंदिर के पास ही सरकारी जमीन है जिस पर याची की तरफ से अतिक्रमण किया जा सकता है।
फिलहाल, अपने फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि धर्मस्‍थल निर्माण का अधिकार संविधान के अनुच्‍छेद 25 और 26 के तहत संरक्षित है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन ने ऐसा कोई सबूत नहीं पेश किया जिससे यह साबित हो सके कि इलाके के मुस्लिम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे हैं। साथ ही कानून व्‍यवस्‍था के बिगड़ने से जुड़ी आशंका भी व्‍यर्थ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *