मेघालय सरकार और Sesame Workshop India ने “पूर्व प्रारंभिक बाल विकास परियोजना” के लिए की साझेदारी

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लव इंडिया, शिलांग : मेघालय सरकार और सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने राज्य में पूर्व प्रारंभिक बाल विकास (ईसीडी) परियोजना के लिए अपनी साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी का उद्देश्य मेघालय हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (एमएचएसएसपी) को तकनीकी और कार्यान्वयन सहायता प्रदान करना है ताकि राज्य के ईसीडी मिशन में परिकल्पित परिणामों में सुधार के लिए एक एकीकृत ईसीडी मॉडल विकसित, डिजाइन और कार्यान्वित किया जा सके।

This partnership aims to improve the outcomes of the Meghalaya Health System Strengthening Project (MHSSP) by providing technical and practical support in building and implementing a model for early child development (ECD) – Sesame Workshop India working with children and families The ECD will use its experience with the state to develop comprehensive ECD curriculum, train master trainers and ECD teachers, and conduct concurrent assessments to topicalize the content. This initiative is a collaborative effort in Meghalaya with Sesame Workshop India and various government departments including health, education and social welfare of the state government

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, मेघालय सरकार विभाग संपत कुमार ने इस समझौते पर बात करते हुए कहा, “मेघालय राज्य पूर्व प्रारंभिक बाल विकास (इसीडी) मिशन चला रहा है। मिशन का मुख्य लक्ष्य गर्भावस्था से आठ वर्ष की आयु तक के बच्चों की क्षमता को अधिकतम विकसित करना है। यह पहल सेसमी वर्कशॉप इंडिया और राज्य सरकार के शिक्षा, महिला और बाल विकास, समाज कल्याण सहित विभिन्न सरकारी विभागों के साथ एक सहयोगी प्रयास है। इसका उद्देश्य बच्चों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए सभी आंगनवाड़ी केंद्रोंको ईसीडी केंद्रों के रूप में विकसित करना है।

इसके अतिरिक्त, इस साझेदारी में समुदाय आधारित ईसीडी हस्तक्षेपों पर विशेष ध्यान दिया गया है। समुदाय के भीतर सकारात्मक पालन-पोषण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने की योजना है।

डीओएचएंडएफडब्ल्यू व मेघालय हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट, मेघालय सरकार के परियोजना निदेशक / सचिव रामकुमार एस ने इस साझेदारी के बारे में बताया, “मेघालय राज्य को अपनी बहुत युवा आबादी और उच्च कुल प्रजनन दर के कारण एक अनूठी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए युवा माता-पिता और बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देने की विशेष आवश्यकता है। यह ईसीडी मिशन राज्य के मानव विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने कहा, “इस साझेदारी के तहत सेसमी वर्कशॉप इंडिया राज्य के ईसीडी मिशन में परिकल्पित परिणामों को बेहतर बनाने के लिए एक एकीकृत ईसीडी मॉडल को विकसित, डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए एमएचएसएसपी को तकनीकी और कार्यान्वयन सहायता प्रदान करेगा। इससे जिन लोगों को लाभ पहुंचने का अनुमान है, उनमें देखभाल प्रदान करने वाले, 0 से 8 वर्ष की आयु के बच्चे (दिव्यांग सहित), गर्भवती व स्तनपान करा रही माताओं के साथ-साथ विलेज हेल्थ काउन्सिल्स भी शामिल हैं।”

इसके पूर्व 2020 में भी सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने एसबीआई फाउंडेशन के सहयोग से मेघालय के चार जिलों में “लर्न प्ले ग्रो” नामक एक कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम ने 3000 आंगनवाड़ी केंद्रों में 90,000 बच्चों को लाभान्वित किया। यह कार्यक्रम छोटे बच्चों की शिक्षा में सुधार करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मजेदार और इंटरैक्टिव गतिविधियों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करने में मदद करता है। इस प्रशिक्षण का उपयोग मेघालय में अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सकता है।इस साझेदारी का उद्देश्य विश्व बैंक के सहयोग से गारो हिल्स क्षेत्र में किए गए समुदाय-आधारित पायलट प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना है।

This partnership aims to improve the outcomes of the Meghalaya Health System Strengthening Project (MHSSP) by providing technical and practical support in building and implementing a model for early child development (ECD) – Sesame Workshop India working with children and families ECD will use its experience with the state to develop comprehensive ECD curriculum, train master trainers and ECD teachers, and conduct concurrent assessments to topicalize the content. This initiative is a collaborative effort in Meghalaya with Sesame Workshop India and various government departments including health, education and social welfare of the state government

इस परियोजना के विशिष्ट उद्देश्यों में एक व्यापक एकीकृत ईसीडी सामग्री (ऑडियो, वीडियो, प्रिंट सामग्री और अन्य सीखने वाले खिलौने) को विकसित करना व उसका क्रियान्वयन करना शामिल है। साथ ही प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (प्रासंगिक सामग्रियों सहित,ऑफलाइन और वर्चुअल मोड दोनों) शामिल हैं, जो मेघालय की जरूरतों के मुताबिक विकसित किए गए हैं।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर आधारित यह पहल कोविड के कारण संभावित स्वास्थ्य, पोषण और सीखने के नुकसान को ध्यान में रखते हुए खेल, गतिविधि और अनुभवात्मक शिक्षणआधारित ईसीडी पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए ‘संपूर्ण बाल’ दृष्टिकोण को अपनाएगी। 0-3 वर्ष, 3-6 वर्ष और 6-8 वर्ष के बच्चों और उनके माता-पिता/देखभाल करने वालों के लक्षित समूहों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को भी राष्ट्रीय ईसीसीई नीति (2013), राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के शिक्षण दर्शन और नेशनल एजुकेशन फ्रेमवर्क (2022) और निपुन भारत (2021) के परिणामों के साथ जोड़ा जाएगा।

साझेदारी के बारे में बात करते हुए, सेसमी वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी सोनाली खान ने कहा, “राज्य में पूर्व प्रारंभिक बाल विकास का समर्थन करने के लिए मेघालय सरकार के साथ साझेदारी करना सेसमी वर्कशॉप इंडिया के लिए सम्मान का विषय है। हमारे पास बच्चों के लिए शैक्षिक सामग्री बनाने का बहुत अनुभव है। हम उस अनुभव का उपयोग मेघालय में बच्चों को पढ़ाने के नए तरीके बनाने में करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे द्वारा विकसित शैक्षिक सामाग्री मेघालय के बच्चों की विशेष आवश्यकताओं के अनुरूप हों। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस पहल का राज्य में बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और समग्र कल्याण पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़े।”

मेघालय हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (एमएचएसएसपी)की पहल से मेघालय के छोटे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सुधार होगा, जिसका उन्हें आजीवन लाभ मिलेगा। इसका उद्देश्य लक्ष्य मेघालय में कुछ नया करना है जो माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की परवरिश करने के तरीके में सुधार करेगा और बच्चों के लिए सीखने को और अधिक दिलचस्प व मनोरंजक बना देगा।

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