राजस्व न्यायालय में अनुभवी अधिवक्ताओं की नियुक्ति हो: पांडेय

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लव इंडिया, संभल। राजस्व न्यायलयों विचाराधीन वादों की संख्या बढ़ने, उनके समय पर निस्तारण ना होने पर उत्तर प्रदेश बार कौंसिल ने चिंता जताते हुए राजस्व न्यायालयों मे अनुभवी अधिवताओं की नियुक्ति की मांग की है।

बार कौंसिल प्रतिनिधि एवं उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के अनुसार उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के उपाध्यक्ष जय नारायण पाण्डेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि तहसीलदार, नायब तहसीलदार व उपजिलाधिकारी द्वारा राजस्व वादों की सुनवाई की जाती है लेकिन अधिकांशतया उक्त सभी अधिकारी आमतौर पर प्रशासनिक कार्य मे व्यस्त रहते हैं ओर राजस्व वाद लंबित होते जा रहें हैं 10 वर्ष का अनुभव रखने वाले अधिवक्ताओं को अपने अपने क्षेत्र मे पर्याप्त ज्ञान हो जाता हैं इसलिए तहसीलदार (न्यायिक), नायब तहसीलदार (न्यायिक), उपजिलाधिकारी (न्यायिक) जैसे पदों पर 10 वर्ष का अनुभव रखने वाले अधिवक्ताताओं की नियुक्ति की जाये पत्र की प्रति उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य को प्रेषित की गयी है।

नियमित रूप से 10 वर्ष या उससे अधिक राजस्व न्यायालयो मे कार्य करने वाले अधिवक्ताओं को राजस्व वादों एवं कानून की जमीनी हकीकत का ज्ञान हो जाता है उनके अनुभवों का लाभ जनता को मिलना चाहिए जबकि प्रशासनिक अधिकारी कानून व्यवस्था मे उलझें रहते हैं इस कारण वादों का निस्तारण समय पर नहीं हो पाता हमारी मांग वादकारियों के हित मे हैं।

जय नारायण पाण्डेय, उपाध्यक्ष, राज्य विधिज्ञ परिषद, उत्तर प्रदेश

According to Devendra Varshney, Bar Council Representative and Senior Advocate for Consumer Affairs, Uttar Pradesh Bar Council Vice President Jai Narayan Pandey has written a letter to Chief Minister Yogi Adityanath requesting that Tehsildars, Naib Tehsildars and Sub-Divisional Officers hear revenue claims, but mostly All the above officers are usually busy in administrative work and revenue cases are pending. Advocates having experience of 10 years get enough knowledge in their respective fields, hence Tehsildar (Judicial), Naib Tehsildar (Judicial), Deputy Collector ( A copy of the letter has been sent to Deputy Chief Ministers Brajesh Pathak and Keshav Prasad Maurya to appoint advocates with 10 years of experience on posts like judicial.

देवेंद्र वार्ष्णेय, जिलाध्यक्ष-अधिवक्ता परिषद ब्रज

बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष ने जनता को लाभ एवं अधिवक्ताओं के अनुभवों का लाभ लेने के उद्देश्य से उचित एवं दूरगामी परिणाम रखने वालीं मांग की इसको धरातल पर लाने का कार्य उत्तर प्रदेश शासन का है।

देवेंद्र वार्ष्णेय, जिलाध्यक्ष-अधिवक्ता परिषद ब्रज, जिला इकाई संभल

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