मुरादाबाद के वरिष्ठ रचनाकार योगेन्द्र पाल विश्नोई को मिला कला श्री सम्मान

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लव इंडिया, मुरादाबाद। कला भारती साहित्य समागम की ओर से, महानगर मुरादाबाद के वरिष्ठ रचनाकार श्री योगेन्द्र पाल विश्नोई को आज आयोजित एक समारोह में कलाश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान-समारोह मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ पर हुआ। कवयित्री पूजा राणा द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना एवं अग्रवाल श्रेष्ठ के संचालन से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा संजीव आकांक्षी ने की।

मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. महेश ‘दिवाकर’ तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम मंचासीन हुए। कार्यक्रम का संयोजन आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ तथा राजीव प्रखर ने किया। सम्मानित रचनाकार योगेन्द्र पाल विश्नोई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आलेख का वाचन डॉ. मनोज रस्तोगी एवं अर्पित मान पत्र का वाचन राजीव प्रखर द्वारा किया गया।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने श्री विश्नोई के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 15 जुलाई 1935 को जन्में योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई का प्रथम काव्य संग्रह आकाश भर आनंद वर्ष 2000 में प्रकाशित हुआ। इसके पश्चात उनकी तीन काव्य कृतियां मौन संदेशा, आत्म तृप्ति और संचेतना के फूल पाठकों के समक्ष आईं। उनका संपूर्ण काव्य सृजन सत्य और ज्ञान की साधना है। उनके गीतों में मानव जीवन का यथार्थवादी चित्रण और जीवन के सुख-दुख, हर्ष विषाद आशा निराशा की सहज अभिव्यक्ति है।

श्री योगेन्द्र पाल विश्नोई के रचनाकर्म पर अपने विचार रखते हुए मुख्य अतिथि एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. महेश दिवाकर ने कहा – योगेन्द्र पाल विश्नोई जी की साहित्य साधना एवं समर्पण सभी के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है। विपरीत परिस्थितियों में भी साहित्य व समाज के प्रति उनकी अटूट लगन एवं साधना ने उन्हें आज इस ऊॅंचाई तक पहुॅंचाया है।” कार्यक्रम के द्वितीय चरण में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य पाठ करते हुए सम्मानित रचनाकार योगेन्द्र पाल विश्नोई ने कहा – “प्यार की कल्पना ही करो मित्रवर, प्यार की गंध मौसम में घुल जाएगी। सारे जप-जोग जीवन के जग जायेंगे, ऋद्धियां सिद्धियां फूल बरसायेंगी।”

इसके अतिरिक्त राजीव प्रखर, नकुल त्यागी, आवरण अग्रवाल, राजीव प्रखर, पूजा राणा, रामसिंह निशंक, अमर सक्सेना, अभिव्यक्ति सिन्हा, राघव गुप्ता, उत्कर्ष, पद्म सिंह, योगेन्द्र वर्मा व्योम, डॉ. मनोज रस्तोगी, वीरेन्द्र ब्रजवासी, डॉ. महेश’दिवाकर’ योगेन्द्र पाल विश्नोई आदि ने अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्ति की। राजीव प्रखर द्वारा आभार-अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम समापन पर पहुॅंचा।

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