खांसी-जुकाम में झोलाछाप ने दी एंटीबायोटिक, पहली खुराक में ही मरीज ने पकड़ लिया पेट, जलन के साथ ही बढ़ने लगी बेचैनी
स्वर्ण जयंती नगर के वीके शर्मा (बदला नाम) को तीन दिन पूर्व सर्दी, जुकाम व खांसी हुई। डाक्टर के पास जाने की बजाय एंटीबायोटिक व अन्य दवा खरीदकर खा ली। पहली खुराक ने ही पेट पकड़ लिया। बेचैनी व पेट में जलन बढ़ने पर चिकित्सक के पास पहुंचे। उन्हें समझाया गया कि उन्हें वायरल था, जिसमें एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं थी। एक विशेष प्रकार की एलर्जी से ग्रस्त होने के कारण एंटीबायोटिक ने नुकसान पहुंचाया है। वायरल के ऐसे काफी मरीज चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।
अलीगढ़। मातृछाया क्लीनिक एंड नर्सिंग होम के बाल रोग विशेषज्ञ डा. लवनीश मोहन अग्रवाल ने बताया कि शिशुओं व अन्य छोटे बच्चों को बिना झिझक एंटीबायोटिक सिरप देना ठीक नहीं है। ये जाने बिना कि एंटीबायोटिक की जरूरत है भी या नहीं या कितनी मात्रा में और कौन सा एंटीबायोटिक लेना है। लोग एक बात समझ लें कि मौसमी वायरल में एंटीबायोटिक की कोई भूमिका नहीं होती है। यह बुखार या खांसी की दवा नहीं। अनावश्यक खाने से पेट में गैस, जलन, मितली, उल्टी, दस्त हो सकते हैं। बार-बार सेवन से एंटीबायोटिक काम करना बंद कर देती हैं। वायरल जनित मौसमी बीमारियां गुनगुना पानी व भपारा लेने से तीन से पांच दिन में खुद समाप्त हो जाती है। अधिक एंटीबायोटिक खिलाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। वे बार-बार बीमार होने लगते हैं।