उपभोक्ता पर ही एक लाख रुपए का जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया मुकदमा

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उमेश लव, लव इंडिया, संभल। न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (Court District Consumer Disputes Redressal Commission) ने वाद दायर कर्ता उपभोक्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना कर मुकदमा खारिज कर दिया।

संभल (sambhal) जिले के हयातनगर थाना अंतर्गत गांव अझरा निवासी रवेंद्र कुमार (Ravendra Kumar) ने 17 फरवरी 2022 को न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया। इसमें कहा था कि उसका खाता (संख्या 35976424432) बहजोई स्थित भारतीय स्टेट बैंक शाखा (State Bank of India branch at Bahjoi) में सक्रिय बचत खाता है, जिस पर अनावश्यक रूप में रोक लगा दी गई। जबकि 20 अगस्त 2019 को उसके खाते में 996 रुपए थे। इसी दिन उसके खाते में किसी अज्ञात व्यक्ति ने 40 हजार जमा किए और फिर दो बार में बीस हजार रुपए निकाल लिए। जबकि बचत खाते का आवेदन करते समय Mode of opration में Self Signature द्वारा लेनदेन का option full fill किया था। बावजूद इसके, खाते में किसी अन्य व्यक्ति ने 40 हजार रुपए जमा किये गये और निकाल लिए।

दायर किया गया बाद

जानकारी पर खाताधारक रवेंद्र ने 04 दिसंबर 2020 को पुलिस अधीक्षक, संभल को प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर 17 जनवरी 2021 को धारा 420 आईपीसी मुअसं 34/2021 दर्ज हुआ था। इस बीच खाता सुचारू रूप से चलता रहा। 21 अगस्त 2019 को रवेंद्र ने खाते में से 20 हजार रुपए व 10 हजार रुपए जमा किये। इस तरह कुल 30,925 रुपए जमा थे लेकिन 22 अगस्त 2019 को पहला 20 हजार रुपए निकाले गए और फिर 10 हजार रुपए निकाले गए। इस तरह खाते में दोबारा 925 रुपए शेष रह गए थे। इसके बाद 22 अगस्त 2019 को बैंक द्वारा 60 हजार रुपए पर होल्ड कर दिया।

इससे रवेंद्र अपने खाते से कोई लेन देन नहीं कर सकता था। खाते में होल्ड लगाने के बाबजूद रवेंद्र के खाते से 20 हजार रुपए काट लिये गए और 22 अगस्त 2019 को ही 30 हजार रुपए निकाले गए। 24 अगस्त 2019 को 500 रुपए और 26 अगस्त 2019 को छह हजार रुपए और तीन हजार रुपए निकाले गए। 30 जुलाई 2020 को शाखा द्वारा खाते से 36,800 रुपए काट लिये गए। दायर बाद में रविंद्र ने कहा कि इस तरह बैंक के कारण उसे एक लाख 15 हजार रुपए की हानि हुई है।

इस पर न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में भारतीय स्टेट बैंक जवाब दिया और आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि खाताधारक में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई और उसने खुद ही अपने एटीएम से उपरोक्त रकम निकाली है और जिन 40 हजार रुपए किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जमा और निकासी की बात कही है वह असल में श्यामगंज बरेली की बैंक शाखा से गलत जमा हो गए थे और यह रकम खाताधारक कामिनी सक्सेना की थी।

आदेश की प्रति

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष राम अचल यादव और सदस्य आशुतोष (President Ram Achal Yadav and member Ashutosh) ने इस मुकदमे को सुना और भारतीय स्टेट बैंक शाखा बहजोई की उपभोक्ता सेवा में कोई कमी नहीं पाई और मुकदमे को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 39 (1) ड के तहत समुचित हर्ले पर खारिज (निरस्त) कर दिया। इसके तहत रविंद्र पर एक लाख रुपए का जुर्माना किया गया है और आदेश दिया गया है कि वह दो माह के अंदर जुर्माने की रकम भारतीय स्टेट बैंक को अदा करें।

देवेंद्र वार्ष्णेय

उपभोक्ता न्यायालय का गठन उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण हेतु किया गया है। विधिसगत आदेश पारित करने का अधिकार जिला उपभोक्ता न्यायालयों को है लेकिन वर्तमान मामला मात्र 40 हज़ार रुपये का है। परिवाद निरस्त करना एक अलग विषय है लेकिन मुक़दमा दायर करने वाले व्यक्ति पर ही एक लाख रुपए जुर्माना लगाया जायेगा तो उपभोक्ता स्वयं जिला उपभोक्ता न्यायालय मे वाद योजित करने से बचेगा। मेरी राय में परिवादी के विरुद्ध जुर्माना नियम विरुद्ध है।

देवेंद्र वार्ष्णेय, उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता

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