तीर्थयात्रियों का स्वागत,कहा- केंद्र सरकार रामायण से जुड़े प्रचीन स्थानों के संरक्षण को श्रीलंका से दो टूक करें बात

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लव इंडिया, संभल। पडोसी देश श्रीलंका मे रामायण से जुड़े तीर्थस्थानों के दर्शन कर लौटे तीर्थयात्रियों का श्री वार्ष्णेय सभा संभल ने जोरदार स्वागत किया तथा तीर्थयात्रियों ने रामायण से जुड़े स्थानों के बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए केंद्र सरकार से श्रीलंका मे रामायण से जुड़े स्थानों के संरक्षण हेतु कदम उठाने कि मांग की।

सरायतरीन के मोहल्ला बारहसैनी मे श्री वार्ष्णेय सभा संभल के अध्यक्ष श्री जगतआर्य के निवास पर श्रीलंका स्थित रामायण से जुड़े तीर्थस्थानों के दर्शन कर लौटे यात्री अधिवक्ता परिषद के जिलाध्यक्ष एवं उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय, सोनू कुमार गुप्ता, उमेशचंद सर्राफ व अनुज आर्य का जोरदार स्वागत किया गया।

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने कहा कि पडोसी मुल्क श्रीलंका एक बेहद खूबसूरत देश है। माता सीता को रावण ने श्रीलंका मे भिन्न स्थानों पर बंधक बनाकर रखा जिसमें महत्वपूर्ण स्थान नुबरा एलिया है, जहाँ पर अशोक वाटिका को परिवर्तित कर बॉटनिकल गार्डन बना दिया गया है। सिगिरिया में रावण महल के अवशेष आज भी भी दिखाई देते है जबकि त्रिनकोमाली मे 51 शक्तिपीठ मे से एक माँ शंकरी शक्तिपीठ का मंदिर स्थित है। तीर्थयात्रियों को फूल मालाएं व शाल पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया।

इस अवसर पर संतोष आर्य, सुमित श्याम,विष्णु कुमार,महावीर प्रसाद,डॉ नीरज वार्ष्णेय, नीलाशु वार्ष्णेय, नवरतन वार्ष्णेय, संजय कुमार, गिरिराज किशोर, कुश आर्य, शिव कुमार वार्ष्णेय, मनीष सर्राफ, जयगोपाल, प्रतीक, लोकेश,आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता जगत आर्यने की।

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