UK-MP की तरह UP में भी सरकारी संपत्ति को बेचने में लगे हैं मिशन पदाधिकारी
लव इंडिया, मुरादाबाद। मिशन की अवैध संपत्तियों को अवैध रूप से बेची जाने का यह कोई नया मामला नहीं है। पूर्व में भी मिशन के पदाधिकारियों ने मिशनरीज की संपत्ति को एक फर्जी एग्रीमेंट करा कर लोगों को मोटे मूल्य पर बेच दिया था। ऐसा ही एक मामला आज से लगभग आठ 9 साल पहले हुआ था जिसमें बिजनौर में मिशनरी की बेशकीमती जमीन जोकि सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित है। उसको एक व्यापारी को बेच दिया गया था। वहां के स्थानीय लोगों ने इस बात का विरोध किया और लोग इकट्ठा हुए तो मिशन की संपत्ति बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जिसमें रीजनल कॉन्फ्रेंस के उस समय के तत्कालीन सेक्रेटरी एल्गिन आर सिंह और कोषाध्यक्ष बृजेश मेंसल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था और एल्गिन आर सिंह को जेल की हवा खानी पड़ी थी जबकि जबकि पादरी बृजेश मेंसल को पकड़ने के लिए बिजनौर पुलिस मुरादाबाद पहुंची थी तो वह मौके से फरार हो गए थे। इसके बाद उन्होंने बाहर से जमानत करा ली थी।
ऐसे मामले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भी किए जा चुके हैं जो संपत्ति लीज़ समाप्त हो चुकी थी उन्हें फर्जी एलिमेंट करा कर बेच दिया गया। अभी हाल में मुरादाबाद शहर में मिशन की संपत्ति पर एक और शोरूम का निर्माण हो रहा है जो बिंदल्स के बराबर में टेंप्टेशन का बताया जाता है लेकिन वास्तविकता यह है कि इसमें भी मिशन के पदाधिकारियों ने खेला है। यह सारी संपत्ति अंग्रेजों के शासन काल में एम ई मिशनशन को पट्टे पर दी गई थी अंग्रेजों के भारत से जाने के बाद में मेथाडिस्ट चर्च ऑफ इंडिया ने टेकओवर कर लिया। वर्तमान में मिशन की सभी संपत्तियां मैथाडिस्ट चर्च आफ इंडिया के के अंतर्गत आती हैं।
बता दें कि वर्षों पूर्व मिशनरी की संपत्ति मिशनरियो को जो संपत्तियां सौंपी गई थी उनकी लीज़ वर्षों पहले समाप्त हो चुकी हैं जिसके बाद भी मिशन के पदाधिकारी अपने काले कारोबार में लगे हुए हैं और स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो सरकारी जमीन को बेचने वाले यह छुपेरुस्तम भूमाफिया हैं जिनका नाम ना तो अखबार की सुर्खियों में आता है ना ही इनके विषय में कोई जानकारी आम लोगों तक पहुंच पाती है। यही कारण है कि लगातार यह संपत्ति को बेचने में लगे हुए हैं। यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन इसे गंभीरता से लें तो सरकारी संपत्ति को बेचने के लिए झूठे प्रपत्र तैयार करने का अपराध साबित होगा लेकिन प्रशासनिक हीलाहवाली के चलते अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है और सबसे खास यह है कि इस सबका मास्टरमाइंड एक पादरी भी है जो अब फिर से बिशप पद की दावेदारी कर रहा है।