बैकुंठ चतुर्दशी 6 अक्टूबर को, जाने क्या है महत्व और शुभ मुहूर्त

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मुरादाबाद। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चतुर्दशी मनायी जाती है। इस वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी 6 अक्टूबर 2022, रविवार को है।

मानव कल्याण मिशन के संस्थापक स्वामी अनिल भंवर ने बताया कि इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीहरि विष्णु और देवादिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करना बहुत ही शुभकारी और फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि, इस दिन भगवान विष्णु और महादेव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन श्राद्ध और तर्पण का भी विशेष महत्व होता है। गंगा में दीपदान करने से दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत काल में वीरगति को प्राप्त हुए सभी वीरों और महावीरों का श्राद्ध भी बैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही कराया था।
वहीं मान्यता है कि वैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही महादेव ने श्रीहरि भगवान विष्णु को उनका प्रिय आयुध सुदर्शन चक्र प्रदान किया था। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान श्रीहरि विष्णु महादेव के दर्शन करने को बहुत उत्सुक हुए और उनसे मिलने को आतुर होकर काशी नगरी पहुंच गए। वहां उन्होंने मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने के बाद एक हजार स्वर्ण कमलों से भगवान शिव के पूजन का संकल्प लिया। वहीं भगवान विष्णु का ऐसा संकल्प देखकर भगवान शिव ने उन स्वर्ण कमलों में से एक कमल कम कर दिया। एक कमल कम होने पर श्रीहरि विष्णु ने महादेव को अपना एक नयन अर्पित करने का विचार किया और जैसे ही अपना नयन निकालने के लिए शस्त्र उठाया, तभी भगवान शिव प्रकट हुए और भगवान श्रीहरि की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें सुदर्शन चक्र अर्पित कर दिया। पूरे सालभर में ये ही एक ऐसी तिथि है, जिस दिन आप भगवान श्रीहरि विष्णु और देवादिदेव महादेव का एक साथ पूजन कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

—————–वैकुंठ चतुर्दशी शुभ मुहूर्त—————-

वैकुंठ चतुर्दशी 06 नवंबर, दिन रविवार को है।

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ 06 नवंबर, दोपहर 12:58 बजे से।

चतुर्दशी तिथि समापन 07 नवंबर , दोपहर 12:45 बजे।

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