‘कलयुग में केवल हरे कृष्ण मंत्र का कीर्तन करने से मनुष्य भवबंधन से हो जाता मुक्त’

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लव इंडिया, मुरादाबाद। एकादशी(Ekadashi) के पवित्र अवसर पर एम डी ए, रामगंगा विहार में हरि कथा एवं संकीर्तन (Hari Katha and Sankirtana at MDA, Ramganga Vihar) का आयोजन हुआ जिसमें कथा व्यास एवं भजनोपदेशक धीरशान्त दास अर्द्धमौनी( Katha Vyas and hymn preacher Dhirshant Das Ardhmauni) ने भजनों एवं प्रवचनों की अमृतवाणी(nectar of hymns and discourses) से भाव-विभोर कर दिया।    

उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करने से मनुष्य तुरन्त ही अहैतुक ज्ञान तथा संसार से वैराग्य प्राप्त कर लेता है। यमराज ने अपने दूतों से कहा कि तुम लोग केवल उन्हीं पापी पुरुषों को मेरे पास लाना जिनकी जीभ कृष्ण के नाम तथा गुणों का कीर्तन नहीं करती, जिनके हृदय कृष्ण के चरणकमलों का एक बार भी स्मरण नहीं करते तथा जिनके सिर एक बार भी भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष नहीं झुकते। मेरे पास उन लोगों को भेजना जो भगवान विष्णु के प्रति अपने उन कर्तव्यों को पूरा नहीं करते जो मानव जीवन के एकमात्र कर्तव्य हैं। ऐसे सभी मूर्खो तथा धूर्तो को मेरे पास लाना।    

कहा- कृष्णभावनामृत इतनी दिव्य सुन्दर वस्तु है कि इसके प्रभाव से भौतिक भोग स्वतः नीरस हो जाता है | यह वैसा ही है जैसे कोई भूखा मनुष्य प्रचुर मात्रा में पुष्टिदायक भोजन करके भूख मिटा ले | महाराज अम्बरीष भी परम योगी दुर्वासा मुनि पर इसीलिए विजय पा सके क्योंकि उनका मन निरन्तर कृष्णभावनामृत में लगा रहता था।     कलियुग दोषों का सागर है फिर भी इस युग मे एक अच्छा गुण है-केवल हरे कृष्ण मन्त्र का कीर्तन करने से मनुष्य भवबन्धन से मुक्त हो जाता है और दिव्य धाम को प्राप्त होता है।    

संकीर्तन में सुधांशु कौशिक, नीलम कौशिक, ईश्वर चन्द्र अग्रवाल, नारायण तोदी, बनवारी लाल तोदी’बन्टी”, आनन्द अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, अमित अग्रवाल, केशव तोदी, आशुतोष तोदी, अर्पित तोदी, आदित्य तोदी, उज्जवल तोदी, आर्य, शौर्य, खुश, धैर्य, योहांश, अक्षय, राज, जितेन्द्र, हिमांशु अग्रवाल एवं यश अग्रवाल में उपस्थित रहे।आदि ने सहभागिता की।

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