ईश्वर का अनमोल उपहार है मानव जीवन, इसे श्रेष्ठ से श्रेष्ठ कार्यों में लगाएं : अर्द्धमौनी
लव इंडिया, मुरादाबाद। रेनूका भवन, नवीन नगर में आयोजित अन्नदा एकादशी संकीर्तन एवं श्री गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज जी का व्यास पूजा महोत्सव आयोजित किया गया। जिसमें कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि मनुष्य शरीर का समय बड़ा मूल्यवान है। इसे श्रेष्ठ-से-श्रेष्ठ कार्यों में लगाना चाहिए। मनुष्य जन्म का समय निरर्थक जाना बहुत बड़ी हानि है। साधक यदि भगवत्प्राप्ति भी कर ले, तब भी जो समय व्यर्थ चला गया, उसकी पूर्ति नहीं हो सकती।
कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि सांसारिक कार्य यदि बाकी रह जायेंगे, तो बेटे-पोते सँभाल लेंगे, लेकिन परमात्म प्राप्ति तो स्वयं को ही करनी पड़ती है, इसे कोई दूसरा नहीं कर सकता है। मनुष्य में यह योग्यता है कि यह जीव-मात्र का कल्याण कर सकता है, लेकिन यह खुद का भी कल्याण नहीं कर रहा है, यह कितने नुकसान की बात है।
उन्होंने कहा कि संत और शास्त्रों ने संसार का मूल परमेश्वर भगवान श्री कृष्ण को कहा है, लेकिन परमात्म-तत्त्वका अनुभव करने की दृष्टि से संसार का मूल कामना, इच्छा, आसक्ति है। नाशवान् में आकर्षण और मेरे मन की हो जाय—यह कामना है। कामना के त्याग के बिना देह-भाव का नाश होना मुश्किल है।
कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि साधकों के लिए कामना का त्याग मुख्य है। अपना कल्याण कैसे हो, इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है। साधकों को मुमुक्षुता पूर्वक सत्संग सुनना चाहिए, स्वाध्याय करना चाहिए अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए नहीं। परोपकार रहित मानव के जीवन को धिक्कार है। वे पशु धन्य है, मरने के बाद जिनका चमड़ा भी उपयोग में आता है।
कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि प्सरेम, सम्मान और अपमान ये एक निवेश की तरह हैं, जितना हम दूसरो को देते है वो हमें जरूर ब्याज सहित वापस मिलता है।मीरा की महिमा क्यों है क्योंकि उसे दृढ़ विश्वास था मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई। भगवान के श्रीचरणों में ही शरणागति हो। विश्वास रखें, भगवान के सिवा कोई अपना नहीं।
व्यवस्था में रेनू चावला, राजू चावला, साहिल चावला, पूनम चावला, सोनाली सरोज, मीनू वासुदेव, नैना गुप्ता, कुसुम उत्तरेजा, प्रभा बब्बर, पायल मग्गू, सुधा शर्मा, सपना चौधरी, किरन सिंह, नीलम कौशिक, शोभा अग्रवाल, पारुल अग्रवाल, कुशल कुकड़ेरिया आदि उपस्थित रहे।विशेष : वृक्ष लगाओ, जल बचाओ एवं पोलीथीन हटाओ।