भगंदर, बवासीर, मधुमेह, गठियावाय, पीलिया, ज्वर, दमा और खांसी में बेहद लाभदायक है गेहूं का रस

Uttar Pradesh


डॉ अमरजीत सिंह जस्सी, आयुर्वेद और योगा आचार्य।
यह हमारे दैनिक आहार के प्रयोग में आने वाला सबसे पहला और अत्यंत आवश्यक धान्य है| इसमें शरीर का शोधन करने और उसे स्वस्थ रखने की अद्भुत शक्ति है| गेहूं के छोटे-छोटे पौधों में एक प्रकार का रस होता है, जो असाध्य और कैंसर जैसे भयंकर रोगों को भी दूर कर सकता है| भगंदर, बवासीर, मधुमेह, गठियावाय, पीलिया, ज्वर, दमा और खांसी जैसे रोग भी इस रस से दूर किए जा सकते हैं|
1. निरोगता
गेहूं का शर्बत शारीरिक स्फूर्ति और शक्ति देता है| फार्म का गेहूं एक बर्तन में डालें और इससे दुगना पानी डालकर बारह घण्टे तक भीगने दें| फिर इसे छानकर पानी में शहद मिलाकर पिएं| इस प्रकार गेहूं का पानी नित्य पीने से कोई रोग पास नहीं आएगा|
2. मूत्र की जलन
रात को 12 ग्राम गेहूं 250 ग्राम पानी में भिगो दें| प्रात: छान कर उस पानी में 25 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है|
3. पथरी
गेहूं और चनों को औटाकर उसका पानी पिलाने से गुर्दों और मूत्राशय की पथरी गल जाती है|
4. हड्डी का टूटना
हड्डी टूटने पर 12 ग्राम गेहूं की राख इतने ही शहद में मिलाकर चाटने से टूटी हड्डियां जुड़ जाती हैं| कमर और जोड़ों के दर्द में भी आराम होता है|
5. चोट, मोच
चोट, मोच लगने पर गुड़ में गेहूं का हलवा, सीरा बनाकर खाएं| इससे दर्द में लाभ होगा|
6. कीड़े
गेहूं के आटे में समान मात्रा में बोरिक एसिड पाउडर मिलाकर पानी डालकर गोलियां बना लें और गेहूं में रखें| कीड़े, काक्रोच नहीं रहेंगे|
7. चर्मरोग
खर्रा, दुष्ट अकौता तथा दाद की तरह कठिन, गुप्त एवं सूखे चर्म रोगों में, गेहूं को गर्म तवे पर खूब अच्छी तरह भून कर, जब तक कि वो राख की तरह न हो जाए, तो उसे खरल में खूब अच्छी तरह पीस कर शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर सम्बन्धित स्थान पर लगाने से कई वर्षों के असाध्य एवं पुराने चर्म रोग भी ठीक हो हैं|
8. खुजली
गेहूं के आटे में पानी मिलाकर लेप करने से चर्म की दाह, खुजली, टीस युक्त फोड़े, फुन्सी और अग्नि से जले हुए पर लगाने से लाभ होता है|
9. खांसी
20 ग्राम गेहूं, 9 ग्राम सैंधे नमक को पाव भर पानी में औटाकर एक तिहाई पानी रहने पर छानकर पिलाने से सात दिन में खांसी मिट जाती है|
10. दर्द
गेहूं की रोटी एक ओर से सेंक लें, एक ओर कच्ची रखें| कच्ची की ओर तिल का तेल लगा कर दर्द वाले अंग पर बांध दें| इससे दर्द दूर हो जाएगा|
11. नपुंसकता, बांझपन
आधा कप गेहूं को बारह घण्टे पानी में भिगोएं, फिर गीले मोटे कपड़े में बांध कर चौबीस घण्टे रखें| इस तरह छत्तीस घण्टे में अंकुर निकल आएंगे| इन अंकुरित गेहूंओं को बिना पकाये ही खाएं| स्वाद के लिए गुड़ या किशमिश मिलाकर खा सकते हैं| इन अंकुरित गेहूंओं में विटामिन-ई भरपूर मिलता है| यह स्वास्थ्य एवं शक्ति का भण्डार है| नपुंसकता एवं बांझपन में यह लाभकारी है| केवल संतानोत्पत्ति के लिए 25 ग्राम अंकुरित गेहूं तीन दिन और फिर तीन दिन इतने ही अंकुरित उड़द पर्यायक्रम से खाने चाहिए| यह प्रयोग कुछ महीने करें| गेहूं के अंकुर अमृत हैं| इनमें शरीर की रक्षा के लिए आवश्यक सभी विटामिन प्रचुर मात्रा में मिलते हैं| गेहूं के अंकुर खाने से सभी रोग दूर हो जाते हैं|
12. पाचक
गेहूं का आटा रोटी बनाने हेतु पानी डाल कर गूंध लें तथा एक घंटा पड़ा रखें और फिर इसकी रोटी बना कर खाएं| यह रोटी शीघ्र पच जाती है|
13. चोट
गेहूं की राख, घी और गुड़ तीनों समान मात्रा में मिलाकर एक चम्मच सुबह-शाम दो बार खाने से चोट का दर्द ठीक हो जाता है|
14. पेशाब के साथ वीर्य जाना
सौ ग्राम गेहूं रात को पानी में भिगो दें| सवेरे उसी पानी में उन्हें पत्थर पर पीसकर लस्सी बना लें| स्वाद के लिए चीनी मिला दें| सात दिन पीने से आराम हो जाता है|
15. कुत्ते काटे की पहचान
गेहूं के आटे को पानी में भिगो दें| सवेरे उसी पानी में उन्हें पत्थर पर पीसकर लस्सी बना लें| स्वाद के लिए चीनी मिला दें| सात दिन पीने से आराम हो जाता है|
16. कुत्ते काटे की पहचान
गेहूं के आटे को पानी में गूंदकर, ओसण कर, उसकी कच्ची रोटी (बिना तवे पर सेंकें) कुत्ता काटे स्थान पर रख कर बांध दें| थोड़ी देर बाद उसे खोलकर किसी अन्य कुत्ते को खाने को दें| यदि उसे कुत्ता खा ले तो समझें कि जिस कुत्ते ने काटा है, वह पागल नहीं है|
17. दस्त, अमातिसार
सौंफ को पीसकर पानी में मिलाकर, छान कर इस सौफ के पानी में गेहूं का आटा औसण कर रोटी बना कर खाने से लाभ होता है|
लाभ
गेहूं के आटे का मैदा की छलनी से छान लें और जो चोकर यानी चापड़ या भूसी निकले उसे तवे पर सेंक लें। उसे इतना सकें कि वह लाल हो जाए परन्तु कच्ची न रहे और जले भी नहीं फिर इस सिकी हुई चोकर को दूध-शक्कर पानी में डालकर खूब उबालें व छानकर पिएं। इसका स्वाद कॉफ़ी के समान होगा और तुरन्त स्फूर्ति मालूम होगी क्योंकि इसमें प्रोटीन अधिक है। इससे ब्लडप्रेशर, हार्टअटैक, कब्ज व वायु-रोग में फायदा होगा और शारीरिक कमजोरी दूर करने में तो इसका कोई जवाब ही नहीं है।

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