विधानसभा के 17 साल के सफर के बावजूद नहटोर को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला संपर्क मार्ग अधर में

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बिजनौर। वर्ष 2010 में बिजनौर विधानसभा का एक बहुत बड़ा हिस्सा काटकर नए परिसीमन के अनुसार नई विधानसभा नहटोर (सुरक्षित) को अस्तित्व में लाया गया है। नहटोर विधानसभा (सुरक्षित) सीट से प्रथम बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधायक ओम कुमार विजयी हुए थे। उसके बाद विधायक ओम कुमार ने पाला बदलते हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राम लहर के चलते नहटोर (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखा था। तीसरी बार भी नहटोर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से विधायक चुने गए।

उन्होने लोकदल के मुंशीराम पाल को मामूली अंतर से हराकर तीसरी बार भी अपना कब्जा बरकरार रखा। लेकिन 17 सालों के विधानसभा के सफर के बावजूद भी विधायक ओम कुमार ने नवसृजित इस विधानसभा के मुख्य एवं महत्वपूर्ण मार्ग जो जिला मुख्यालय को विधानसभा मुख्यालय नहटोर से जोड़ने का कार्य करता है, के चौड़ीकरण एवं पुनर्निर्माण के संबंध में कोई भी विचार नहीं किया। जिसके चलते बिजनौर विधानसभा से कटकर नहटोर विधानसभा में शामिल हुए ग्रामीणों को क्षेत्र के विकास का लंबे समय से इंतजार है। लेकिन नए परिसीमन में नई विधानसभा में शामिल हुए क्षेत्रवासियों के लिए नहटोर सुरक्षित विधानसभा सीट से तीसरी बार निर्वाचित हुए विधायक ओमकुमार ने कुछ भी नहीं किया। और ना ही नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनकर गए तीनों सांसदों ने भी इस नए परिसीमन के बाद इस क्षेत्र में कुछ नहीं किया। इससे ग्रामीणों में रोष है।

बिजनौर विधानसभा से कटकर नहटोर विधानसभा में शामिल हुए न्याय पंचायत मंगोलपुरा, न्याय पंचायत चांदा नंगली, न्याय पंचायत बरूकी आदि के सैकड़ों गांवों के ग्रामीणों ने अपनी उपेक्षा के चलते, अपने क्षेत्र की उपेक्षा के चलते प्रदेश एवं केंद्र सरकार से मांग की है कि इस बहुत बड़े क्षेत्र को पुनः बिजनौर विधानसभा में शामिल किया जाए ताकि क्षेत्र का अपेक्षित विकास हो सके और ग्रामीणों के दुख दर्द की जनप्रतिनिधि आवाज सुन सके।

भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक मोहम्मदपुर देवमल अध्यक्ष विजय सिंह एवं भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता प्रवीण सिंह त्यागी ने बताया की बिजनौर विधानसभा से कटकर नेहटोर सुरक्षित विधानसभा में शामिल हुए क्षेत्र के लोगों से सैकड़ों बार मिलने का मौका प्राप्त हुआ लेकिन उन्होंने क्षेत्र की उपेक्षा का रोना रोया और क्षेत्र के विकास के लिए जनप्रतिनिधियों को दोषी करार देते हुए क्षेत्र के विकास की मांग की। साथ ही इस बहुत बड़े क्षेत्र को विधानसभा बिजनौर में पुनः शामिल करने की भी मांग की है।

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