जिंदगी तो कहेगी मुहब्बत तो कर, फिर मुहब्बत में मरना पड़ेगा तुम्हें…

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तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में बही देर रात तक श्रृंगार, हास्य, वीर और व्यंग्य की बयार

लव इंडिया,मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन-2023 में श्रृंगार के कवियों ने जिंदगी में प्रेम की अहमियत को परिभाषित कर युवा दिलों को धड़का दिया। बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट, सीटियों की गूंज से पंडाल गुंजायमान हो गया। देर रात तक श्रृंगार, हास्य, वीर और व्यंग्य की ऐसी बयार बही, युवा दिल धड़कते रहेे। कवियों के ओज, जोश, प्रेमवाणी को अपने-अपने मोबाइल में कैद करने की होड लगी रही। खचाखच भरे पंडाल में छात्रों का जोश देखते ही बनता था।

कवि सम्मेलन का शंखनाद मां सरस्वती की स्तुति के बीच मुख्य अतिथि एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, कुलाधिपति सुरेश जैन, जीवीसी मनीष जैन अनिल जैन ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस मौके पर कवि- डॉ. विष्णु सक्सेना सर्वेश अस्थाना, हेमंत पाण्डेय, अमन अक्षर, अर्जुन सिसौदिया, श्रीमती श्वेता सिंह की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। संचालन हास्य के कवि सर्वेश अस्थाना ने संभाला।

मुख्य अतिथि एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने कहा, मुरादाबाद साहित्य की सांस्कृतिक नगरी है। साहित्य का यहां से गहरा नाता है। कुलाधिपति सुरेश जैन ने हाउ द जोश कहकर पंडाल में मौजूद हजारों युवाओं का उत्साहवर्धन किया। कवि अस्थाना ने माहौल को और रंग देते हुए चुटकी ली, कल योगी आए थे, आज वियोगी आए हैं। पंडाल योगी-योगी से गूंज उठा। कवियों का मल्यापर्ण कर और अतिथियों को बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्होंने कहा, आठ साल पहले टीएमयू आया था, इससे अच्छे श्रोता कहीं नहीं देखे। टीएमयू देश की श्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज़ मे से एक है, जहां के कुलाधिपति सुरेश जैन फ्रैंडली हैं। उन्होंने युवाओं में जोश भरते हुए कहा, जंजीरों की झंकारों में जंगे आजादी पलती है, उस ओर जमना चलता है जिस ओर जवानी चलती है। उन्होंने कवि सम्मेलन को आनन्द का उत्सव बताया।

Chief guest MLC Dr. Jaipal Singh busy said, Moradabad is a cultural city of literature. There is a deep connection with literature here.

सम्मेलन की शुरूआत मां सरस्वती की वंदना से कवियत्री श्वेता सिंह ने कुछ इस तरह से की- दे आशीष कर उपकार शारदे, तेरी बेटी खड़ी है तेरे द्वार शारदे। प्रेम के कवि इंदौर के अमन अक्षर को युवा दिलों को दस्तक देने के लिए सबसे पहले आमंत्रित किया गया। कवि अक्षर बोले- आग पर हाथ धरना पड़ेगा तुम्हें… खुद को लाचार करना पड़ेगा तुम्हें, जिंदगी तो कहेगी मुहब्बत तो कर, फिर मुहब्बत में मरना पड़ेगा तुम्हें। खचाखच भरे पंडाल में युवाओं को अपने को जोड़ते हुए कहा- हमने जितने बरस बिताएं हैं, सब तेरी याद के साए हैं। अपने सपनों का घर जलाया है, पर तेरे ख़त नहीं जलाए हैं। प्रेम गीतों के राजकुमार डॉ. विष्णु सक्सेना ने अपने मशहूर गीत- तन-मन है पास बहुत, फिर सोच-सोच में क्यों दूरी है… हम बदले तो कहा बेवफा वो बदले तो मजबूरी है… सुनाई तो सभी श्रोताएं ताली बजाने पर मजबूर हो गए। ऐसे में पूरा पंडाल तालियां की गड़गड़ाहट और कवियों की रचनाओं से गूंज उठा।

Moradabad. In the All India Kavi Sammelan-2023 of Tirthankar Mahaveer University, the poets of Shringar set the young hearts beating by defining the importance of love in life.

हास्य कवि हेमंत पाण्डेय ने एक-एक प्रेमिका को बांटकर ले गए.. जो नहीं माना उसे डांट कर ले गए.. जिस पेड़ पर बांधा था मुहब्बत का धागा, नगर निगम वाले उसे भी काट कर ले गए… कविता पढ़कर सभी श्रोताओं को खूब हंसाया।श्रृंगार कवियत्री श्वेता सिंह ने प्रेम की कविता- तुम्हें प्रस्ताव नैनों का अगर स्वीकार हो जाए.. अंधेरे कोष्ठ में मेरे दिल के उजियार हो जाए… सुनाई तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वीर रस के अर्जुन सिसौदिया ने अपनी भावनाओं को कुछ यूं व्यक्त किया- हम फिर भारत का बल, विक्रम, पौरुष बतलाने निकल पडे़.. हम अश्व मेघ वाले घोडे़ फिर से दौड़ाने निकल पडे़… सुनाकर श्रोताओं में नया जोश भर दिया।

कवि सम्मेलन में टीएमयू फर्स्ट लेडी श्रीमती बीना जैन, श्रीमती ऋचा जैन, कुलाधिपति की पौत्री सुश्री नंदिनी जैन, वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन प्रो. मंजुला जैन, निदेशक प्रशासन अभिषेक कपूर, निदेशक एचआर मनोज जैन, डॉ. नीलिमा जैन, टिमिट निदेशक प्रो. विपिन जैन, निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह, हॉस्पिटल के निदेशक विपिन जैन, डॉ. सीमा अवस्थी आदि की भी गरिमामयी मौजूदगी रही।

देर तक चला वाह-वाह का सिलसिला

In Kavi Sammelan, TMU First Lady Mrs. Bina Jain, Mrs. Richa Jain, Grand Chancellor Ms. Nandini Jain, VC Pro. Raghuveer Singh, Registrar Dr. Aditya Sharma, Dean Pro. Manjula Jain, Director Administration Abhishek Kapoor, Director HR Manoj Jain, Dr. Neelima Jain, TIMIT Director Prof. Vipin Jain, Director Student Welfare Prof. MP Singh, Director of the hospital Vipin Jain, Dr. Seema Awasthi etc. also had a dignified presence.

तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में आयोजित कवि-सम्मेलन में कवियों की रचनाओं पर देर तक वाह-वाह का सिलसिला जारी रहा। संचालन करते हुए हास्य-व्यंग्य के कवि सर्वेश अस्थाना ने जहां अपने चुटीले अंदाज से सभी को गुदगुदाया, तो वहीं हेमंत पांडेय ने कनपुरिया रंग दिखाया। वरिष्ठ कवि, डॉ विष्णु सक्सेना ने मोहब्बत का रंग बिखेरा। अमन अक्षर ने भावपूर्ण श्रीराम पर आधारित लोकप्रिय रचना से सभी को भक्ति भाव के रंग में रंगा। अर्जुन सिसौदिया ने राष्ट्र प्रेम को समर्पित कविता पाठ किया। देर तक चले कवि-सम्मेलन में आमंत्रित कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सभी की तालियां बटोरीं।

पंडाल में गूंजती रहीं तालियां

तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कवि-सम्मेलन का आकर्षण सैकड़ों विद्यार्थियों के सिर चढ़कर बोला। कवियों की रचनाओं को छात्र-छात्राओं ने संग गुनगुनाकर साहित्यिक अभिरुचि का परिचय दिया। कवियों की कालजयी रचनाओं पर जमकर तालियां बजाईं। मोबाइल में कैद होते रहे पलहजारों विद्यार्थियों द्वारा कवि-सम्मेलन के सभी महत्वपूर्ण पलों को कैमरों में कैद करने की होड़ रही। इस दौरान पंडाल में मौजूद अभिभावक भी कविताओं के रंग में सराबोर नजर आए।

देखते ही बना छात्र-छात्राओं का उत्साह

तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दूसरे दिन आयोजित कवि-सम्मेलन में सैकड़ों छात्र-छात्राओं का उत्साह दूसरे दिन भी पूरी तरह उत्सवधर्मिता के रंग में सराबोर दिखाई दिया। उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व ही विश्वविद्यालय में सूबे के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ ने छात्र-छात्राओं को डिग्रियों का वितरण किया था। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विद्यार्थियों का उत्साह जिस तरह चरम पर रहा, उसी तरह शनिवार को दूसरे कवि-सम्मेलन में भी बरकरार जारी दिखाई दिया।

समय से पहले भरा पंडाल

कवि-सम्मेलन की शुरुआत से पहले ही सारा पंडाल छात्र-छात्राओं की उपस्थिति से भरा नजर आया। छात्र-छात्राओं में कवियों की रचनाओं को सुनने का उत्साह ऐसा रहा कि निर्धारित समय से करीब एक घंटा पहले ही पूरा पंडाल विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से भरा नजर आया। आज रॉक ऑन का जलवातीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में जारी दीक्षांत समारोह के तीसरे दिन आज रविवार को लोकप्रिय गायक गुरु रंधावा के सुरों का रंग बिखरेगा। सुरों के इस जादू में गुरु रंधावा के साथ ही अफसाना खान एंड साज भी अपनी प्रस्तुति से रॉक ऑन के आठवें आयोजन में अपनी प्रतिभा का रंग बिखरेंगे। रॉक ऑन को लेकर भी तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय पूरी तरह तैयार है।

मुहब्बत का काम दिलों को जोड़नाः डॉ. विष्णु सक्सेना

डॉ. विष्णु सक्सेना

प्रेम गीतों के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. विष्णु सक्सेना का साफ मानना है कि मुहब्बत का काम दिलों को जोड़ना है। कविता का सृजन लोगों में प्रेम के रंग भरना है। उन्होंने कहा, कवि को निष्पक्ष और निर्विकार होना आवश्यक है। डॉ. सक्सेना ने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन से पूर्व कहीं। डॉ. सक्सेना बोले, जब पतन होता है तो सभी क्षेत्रों में होता है। सोशल मीडिया पर बोले, समय के साथ हमें भी बदलना होता है। सोशल मीडिया के कवि क्षणिक होते हैं। यह एक आभासी दुनिया है। वास्तविक अनुभव मंचों पर ही मिलता है। युवाओं को अपने संदेश में उन्होंने कहा, पहले नौजवान खूब पढ़ाई करें। नई पीढ़ी पढ़ना नहीं चाहती हैं। वह सफलता के लिए शॉर्टकट अपनाती है, लेकिन सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। कवि बनने के लिए जल्दबाजी न करें। अपने कल्चर को न भूलें। कभी भी किसी का दिल न दुखाएं।

व्यंग्य विधा डायग्नोसिस की मानिंद: सर्वेश अस्थाना

सर्वेश अस्थाना

हास्य और व्यंग्य के जाने-माने कवि सर्वेश अस्थाना कहते हैं, व्यंग्य समाज के लिए डायग्नोसिस की मानिंद है। व्यंग्य समाज में व्याप्त किसी कुरीति, भ्रष्टाचार आदि पर होता है। विदेश में हिन्दी कवि सम्मेलनों पर बोले, भारतीयों में हमारे लिए आकर्षण होता है। जो हमारे लिए भी गर्व की बात है। हास्य व्यंग्य में भाव की प्रमुखता होती है। कवि माहौल को देखकर काव्य पाठ करता है। आज का युवा बहुत जल्दबाजी में है। उसमें धैर्य की कमी है। अतः युवाओं को सुखी जीवन जीने के लिए कदम-दर-कदम संभल कर चलना होगा, तभी आगे आने वाली पीढ़ी अच्छी रचनाकर बन सकेगी। टीएमयू के कवि सम्मेलन में अस्थाना बोले, भाव दिल के करीब होते हैं। भाव किस विधा में निकलकर आते हैं, यह निश्चित नहीं है। सभी विधाएं मेरे दिल के करीब हैं, लेकिन मेरी पहचान हास्य और व्यंग्य है।

नवगीत विधा अपने आप में एक आन्दोलन: अमन अक्षर

अमन अक्षर

युवा दिलों की धड़कन, प्रेम गीतों के धनी कवि अमन अक्षर का कहना है, नवगीत विधा अपने आप में एक आन्दोलन है। पारंपारिक गीतों में जो छूट गया था, नवगीत ने उसे पूरा किया है। कुछ बड़े रचानकारों ने इस आन्दोलन को विस्तार दिया है। इससे छंदबद्ध कविता का और अधिक विकास हुआ है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कवि सम्मेलन में पधारे अमन अक्षर ने कहा, समय के साथ श्रृंगार विधा का स्वरूप बदला है। ये बदलाव कलाकारों के माध्यमों से आए हैं, लेकिन कविता का भाव वही है, सिर्फ शब्दावली बदलती रही है। पहले किताबें थीं, तो अब सोशल मीडिया इसका बड़ा प्लेटफार्म बना है। भाव समाज के परिस्थिति के अनुरूप बदलते रहते हैं।

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