कड़वा सच: ताज हेल्थ केयर के झोलाछाप बने हैं साहब के सरताज
लव इंडिया, मुरादाबाद। यह गांव देहात के ऐसे मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ की कड़वी सच्चाई है, जहां के राज अगर तहकीकात में पूरी तरह खोल दिए जाएं तो स्वास्थ विभाग के आला अधिकारियों की साख भी खराब हो जाएगी क्योंकि यहां सब कुछ फर्जी है और असली है तो सिर्फ मरीज। जी हां! हम बात कर रहे हैं डींगरपुर स्थित हाफिज सईद की मार्केट में संचालित ताज हेल्थ केयर की।
डींगरपुर स्थित हाफिज मुस्लिम की मार्केट में ताज हेल्थ केयर बिना पंजीकरण के लम्बे समय से संचालित है। जिसके संचालक डाक्टर कासिम और डाक्टर मुनशाद बताए जा रहें है। दोनों ही झोलाछाप डाक्टर है क्योंकि इन्होंने किसी भी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी नहीं की है। यह ना एमबीबीएस है और ना ही बीएएमएस।
दोनों ने कहीं कम्पाउंडरी का अनुभव लेकर ये किराए के मकान में 10 बैडों का अस्पताल खोला है जहां पर ऑपरेशन थियेटर और एनआईसीयू की सुविधा मरीजों को झोलाछाप डाक्टरों की निगरानी में दी जा रही हैं। गर्भवती महिलाओं की नार्मल डिलीवरी और सिजेरियन यहां बड़े पैमाने पर बाहरी टेक्नीशियन आकर कर रहे है जो अप्रशिक्षित है। ऐसे में ताज हेल्थ केयर में कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है।
ऐसा नही है कि इस अवैध हेल्थ केयर की जानकारी नोडल अधिकारी डा. संजीव बेलवाल को नहीं है। सबकुछ जानकर भी साहब अंजान है। तभी तो साहब के आर्शीवाद से झोलाछाप डाक्टर कासिम बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज कर रहा है और डाक्टर मुनशाद जनरल मरीजों को ट्रीटमेंट देकर खुद को किसी प्रशिक्षित डाक्टर से कम नही समझ रहा। इस अवैध हेल्थ केयर में विभिन्न प्रकार के ऑप्रेशन और बीमारियों का इलाज झोलाछाप डाक्टरों के द्वारा किया जाता है। इतना ही नही एक महिला चिकित्सका अरमीन खुद को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताकर गर्भवती महिलाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। यह झोलाछाप महिला डॉक्टर गर्भपात कराने में माहिर है।
भ्रूण हत्याओं का कारोबार बड़े पैमाने पर ताज हेल्थ केयर किया जा रहा है तभी दवाइयों के जरिए तो कभी औजारों के जरिए नवजात शिशु की हत्या की जा रही है। जब इस संबंध में सीएमओ डा. एमसी गर्ग से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि समय समय पर अस्पतालों की चैंकिग की जाती है अवैध अस्पतालों को सीज कर संचालक के खिलाफ मुकदमा भी लिखाया जाता है यदि इसका पंजीकरण नही है तो जल्द इसको सील कर संचालकों के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।