साठगांठ : स्वास्थ्य विभाग के कागजों में सील लेकिन मौके पर मखदूमी अस्पताल और निशा नर्सिंग होम खुला है और भर्ती हैं मरीज भी…

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लव इंडिया, मुरादाबाद। आपको याद होगा कि 27 अक्टूबर को इलाज के दौरान एक महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पाकबड़ा थानाक्षेत्र में 27 अक्टूबर को छापामार कार्रवाई करके तीन अस्पतालों को सील किया था लेकिन यह सब दिखावा था क्योंकि एक अस्पताल को समझौते के बाद खोल दिया गया जबकि अन्य दो को साठगांठ करके खुलवा दिया गया।

हम पाठकों को बता दें स्वास्थ विभाग के आला अधिकारियों की सांठगांठ के चलते जिले भर में बड़ी तादाद में अति आधुनिक झोलाछाप अस्पताल चल रहे हैं। इन पर बड़े-बड़े डॉक्टरों के नाम और डिग्रियां लिखी होती है लेकिन इलाज जो लोग करते हैं वह झोलाछाप होते हैं। यह बात हम इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि यहां दिनभर सुबह से शाम तक भर्ती मरीजों को देखने वाले अधिकांश लोग डॉक्टर नहीं बल्कि कंपाउंडर होते हैं। यही कारण है कि इन अस्पतालों में आए दिन मरीजों की मौतें और हंगामे होते हैं। कुछ ऐसा ही एक हंगामा महिला की मौत के बाद समाथल रोड स्थित न्यू इंडियन हॉस्पिटल में 27 अक्टूबर को हुआ था।

सूचना के बाद पुलिस और स्वास्थ विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और किसी तरह मामले को निपटाया। इसमें सबसे खास था न्यू इंडियन हॉस्पिटल, मखदूमी हॉस्पिटल और निशा नर्सिंग होम को स्वास्थ विभाग सील कर दिया था और पाकबड़ा थाने में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव बेलवाल ने तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

फिलहाल, एक तथाकथित समझौते के बाद न्यू इंडियन हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग ने इशारा करके खुलवा दिया जबकि मखदूमी हॉस्पिटल और निशा नर्सिंग होम सील ही हैं। मगर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा और दांतो तले आप उंगली दबा लेंगे कि यह दोनों अस्पताल सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही सील है क्योंकि मौके पर वास्तव में यह दोनों अस्पताल चल रहे हैं अर्थात खुले हुए हैं और इनमें मरीज भी भर्ती हैं। इस संबंध में मखदूमी हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर राहिल खान से जब जानकारी की गई तो उन्होंने दावा किया कि उनका अस्पताल पूरी तरह से बंद है और सील किए जाने के बाद से अभी तक कोई मरीज भर्ती या फिर किसी का उपचार नहीं हो रहा लेकिन वास्तविकता इससे अलग है।

सोमवार को मीडिया कर्मियों को कवरेज के दौरान मखदूमी अस्पताल और निशा नर्सिंग होम खुले मिले। बस अंतर सिर्फ इतना था कि बराबर की साइड में मरीज भर्ती थे और वही स्टॉप मौजूद था जो आज से लगभग डेढ़ माह पहले सील की कार्रवाई के दौरान था। इतना ही नहीं, पूछताछ के दौरान मखदूमी हॉस्पिटल के स्टाफ ने पहले अस्पताल को मखदूमी हॉस्पिटल ही बताया लेकिन जैसे ही उसे मीडिया से होने की जानकारी हुई तो वह हड़बड़ा गया और बोला यह नया हॉस्पिटल वीनस खुल रहा है और अभी इसका पंजीकरण कराया जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि अगर यह वीनस अस्पताल है और अभी पंजीकरण नहीं हुआ है तो फिर यहां मरीज कैसे भर्ती हैं। यही स्थिति चंद कदमों की दूरी पर स्थित है निशा नर्सिंग होम की है जो स्वास्थ विभाग के कागजो में बंद है।

इस संबंध में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव बेलवाल से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया हमारी तरफ से कोई भी अस्पताल नहीं खोला गया है अगर वह मौके पर खुला है तो यह पुलिस बताएगी जबकि पाकबड़ा थाने के एसएसआई उमाशंकर ने बताया कि मरीज की मौत के मामले में मरीज के परिजनों और अस्पताल के बीच समझौते की जानकारी मिली है लेकिन अभी हमारे स्तर से विवेचना जारी है।

मुरादाबाद

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