सस्ता होगा खाने का तेल? निर्मला सीतारमण ने बताया सरकार उठा रही है ये बड़ा कदम

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सस्ता होगा खाने का तेल? निर्मला सीतारमण ने बताया सरकार उठा रही है ये बड़ा कदम
रूस एवं यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहा है।
2 महीने में ​कच्चा तेल ही नहीं बल्कि खाने के तेल के दाम भी आम आदमी का तेल निकाल रहे हैं। वहीं इंडोनेशिया द्वारा तेल का निर्यात रोकने के बाद भारत में कीमतों की आग आम लोगों को झुलसा रही है।
इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि रूस एवं यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहा है। सीतारमण ने यहां विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक कार्यक्रम में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से भारत को खाद्य तेलों के आयात में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘खाद्य तेल के आयात में कई बाधाए हैं। हम खाद्य तेलों का आयात नहीं कर पा रहे हैं। हमें सूरजमुखी तेल मिल रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है।’’ भारत यूक्रेन से बड़े पैमाने पर सूरजमुखी तेल का आयात करता रहा है लेकिन मौजूदा हालात में ऐसा नहीं हो पा रहा है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में हम कई दूसरे बाजारों से खाद्य तेलों का आयात कर रहे हैं और कुछ नए बाजारों पर भी हमारी नजर है।’’ इसके साथ ही उन्होंने घरेलू कारोबारियों से इस मौके का फायदा उठाते हुए तेल निर्यात की संभावनाओं पर गौर करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘उद्योगपतियों को हरेक चुनौती को अवसर में बदलने का मौका देखना चाहिए। केंद्र सरकार अपना समर्थन देने के लिए हमेशा ही तैयार है।’’
सीतारमण ने भारतीय उद्योगों से ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में साझा उद्यम लगाने के लिए भागीदार तलाशने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘इन दोनों देशों में साझा उद्यम साझेदार का चयन करने से घरेलू उद्यमियों के लिए अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी।’’

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