दिसंबर 2023 तक अयोध्या के श्रीराम मंदिर को आमजन के लिए खोलने का लक्ष्य
निर्भय सक्सेना, बरेली। अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राममंदिर निर्माण का कार्य आजकल तेजी पर चल रहा है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार अब तक मंदिर निर्माण का 45 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। राममंदिर की प्लिंथ का भी काम भी अब अंतिम चरण में जा पहुंचा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने विगत दिनों श्री राम मंदिर निर्माण के चित्र सोशल मीडिया व ट्विटर हैंडल पर जारी करते हुए देश-दुनिया के भक्तों को राममंदिर की भव्यता से अवगत भी कराया था। गर्भगृह कमल के आकार का बनाया जाना है।
महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया था कि प्लिंथ निर्माण का काम अंतिम चरण में है। मंदिर के गर्भगृह में भी अब तक 250 पत्थर बिछाए जा चुके हैं। अब कुछ ही पत्थर लगने को बाकी रह गए हैं। मंदिर की रिटेनिंग वाल का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। बताया कि बहुत जल्द ही चार दरवाजे वाले परकोटे के निर्माण का भी काम शुरू हो जाएगा। निर्माणाधीन भगवान श्री राममंदिर भव्य ही नहीं तकनीक के मामले में देश के मंदिरों में अति आधुनिक भी होगा। इसके लिए देश के नामी गिरामी वेगयानिको की राय भी ली जा रही है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास राम मंदिर के निर्माण में अब वैज्ञानिक पद्धति का भी प्रयोग कर रहा है जिससे राम मंदिर कम से कम 1 हजार साल तक पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे। देश भर के नामी वैज्ञानिकों की भी राय न्यास ले कर उस पर मंथन कर रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने राम मंदिर निर्माण को वर्ष 2023 तक पूर्ण कर लेने का लक्ष्य रखा है।
राममंदिर निर्माण कर रही देश की दो बड़ी कंपनियां लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर राममंदिर निर्माण की समीक्षा भी करते रहते हैं और तय समय के अनुसार काम पूरा करने के लक्ष्य पर ही आगे बढ़ रहे हैं।लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर के अनुसार पंजाब के चंडीगढ़ से उच्च गुणवत्ता वाली ईंटें मंगवाई जा रही हैं। इन ईट में तीन छेद है। यह ईंटें मंदिर की बाहरी और भीतरी दीवार के बीच में लगाई जाएगी। इससे मंदिर के भीतर गर्मी का एहसास कम होगा।
उन्होंने ये भी कहा कि इस कड़ी में ईंटों में छेद किया गया है जिससे मंदिर की मजबूती को और बल मिले। इसे एलमुनियम की पत्ती से जोड़ा जाएगा जिससे इन ईंट की पकड़ भी मजबूत बनी रहेगी।श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि दिसंबर 2023 तक मंदिर को आम जनता के लिए खोल दिया जाने का लक्ष्य है।रामभक्त भी राम मंदिर निर्माण पूरा होने की अभी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अयोध्या में राममंदिर जाने वाले तीनों मार्गो को भी नए रूप में विकसित करने की योजना को आकार देने का काम शुरू होने वाला है। राममंदिर के तीनों मार्गों को रामपथ, जन्मभूमि पथ व भक्ति पथ के रूप में विकसित किया जाना है। सहादतगंज-नया घाट मार्ग को रामपथ, सुग्रीव किला से रामजन्मभूमि को जन्मभूमि पथ व श्रृंगारहाट से श्रीरामजन्मभूमि को भक्ति पथ का नाम दिया गया है। अयोध्या के जिलाधिकारी नितीश कुमार ने मीडिया को बताया था कि तीनों मार्गों के लिए लगभग 120 करोड़ रुपये की धनराशि प्रशासन को मिली है। जल्द ही उसके मार्ग के टेंडर प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू करा दिया जाएगा।
रामनगरी अयोध्या की सीमा में प्रवेश करते ही भक्तों को रामजन्म भूमि की भव्यता का अहसास हो इस आशय से अयोध्या को जोड़ने वाले सभी 6 हाईवे पर भी प्रवेश द्वार बनाए जाने हैं। इनकी ड्राइंग भी स्वीकृत हो चुकी है। सभी प्रवेश द्वार रामायणकाल के समय को दृष्टिगत रखकर बनाए गए हैं। यह आधुनिकतम तकनीक के साथ पौराणिक छवि को दिखा पाएंगे ।इस योजना के अनुरूप प्रवेश द्वार के निकट यात्री सुविधा केंद्र, वाहन पार्किंग स्थल सहित अन्य निर्माण कार्यों को किया जाना है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को अब तक 3350 करोड़ से अधिक रुपए की धनराशि मिलने की सूत्रों से जानकारी मिली हैं पर उसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हो सकी।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की ओर से विगत माह प्रस्तुत व्यय विवरण के अनुसार मंदिर निर्माण में अब तक 195 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं। वित्तीय सत्र 2020-21 में मंदिर निर्माण में कुल 12 करोड़, जबकि 2021-22 में मंदिर निर्माण में 180 करोड़ रुपए खर्च हुए थे । इससे इस बात की भी पुष्टि होती है कि 2021 – 2022 में मंदिर निर्माण में काफी प्रगति हुई है।वित्तीय वर्ष 2020-2021 में इस मद से ट्रस्ट को 20 करोड़, जबकि 2021- 2022 में इस मद से 110 करोड़ की आय हुई थी। हालांकि इस बीच श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का व्यय भी करोड़ों में हुआ था।
निधि समर्पण अभियान के कारण वर्ष 2020 – 2021 में न्यास को लगभग 24 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े थे, लेकिन 2201 -2022 में यह खर्च घटकर 5 करोड़ ही रह गया था। यह राशि न्यास के कार्यालय एवं मंदिर प्रबंधन में खर्च हुई थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास राम मंदिर के लिए निर्माण तय समय समय से पूरा करने को प्रयासरत है। श्री राम मंदिर समय-समय पर मंदिर निर्माण की फोटो भी जारी करता रहता है।