नेशनल लोक अदालत: राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से किए गए निराकृत

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बालोद :  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में माननीय  न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं माननीय  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार 12 मार्च को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपकी सुलह समझौता से निराकृत किये गये है उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी आॅफेन्स के प्रकरणों को निराकृत किये गये है।

माननीय  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा इस संपूर्ण लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु निरंतर प्रयास करते हुए विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भी लगातार अधिक से अधिक मामलों को निराकृत किये जाने हेतु प्रेरित किया गया तथा आज भी स्वयं राजनांदगांव एवं बालोद जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत की स्वयं समीक्षा कर पक्षकारों तथा बार एवं न्यायाधीशगणों से चर्चा की गई।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत की गठित खण्डपीठों का निरीक्षण किया गया तथा इसी अनुक्रम में माननीय  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्र्ेट बालोद पीठासीन अधिकारी  श्यामबती मराबी के न्यायालय में वर्ष 2019 से लंबित फौजदारी के मामले में समझौता की कार्यवाही का जायजा लिया गया जिसमें एक पक्षकार जो कि पेशे से शल्य चिकित्सक है इस कारण वह आज नेशनल लोक अदालत में कार्य की अधिकता के कारण उपस्थित होने में असमर्थ है जिनका उनके कार्य स्थल से जिस्टी मीट के माध्यम से विडियो कान्फ्रेसिंग से माननीय न्यायमूर्ति के समक्ष कराया गया माननीय के द्वारा पक्षकार से राजीनामा के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से राजीनामा हो जाने से उन्हें अपने कार्य स्थल पर ही न्याय प्राप्त हुआ है। इसी दौरान पीठासीन अधिकारी द्वारा माननीय न्यायमूर्ति को अवगत कराया गया कि उनके यहां लंबित एक मामले में प्रार्थी बिसनाथ साहू जो काफी वृद्ध है न्यायालय तक पहुंचने में असमर्थ है जिस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मोबाईल वैन को प्रार्थी के गांव रवाना किया गया है माननीय न्यायमूर्ति के समक्ष पीठासीन अधिकारी से वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से मोबाईल वैन टीम के द्वारा प्रार्थी से राजीनामा के संबंध में सहमति व्यक्त कराया गया और इस दौरान माननीय न्यायमूर्ति के द्वारा दोनों ही पक्षों को राजीनामा करने की बधाई दिया एवं भौतिक रूप से न्यायालय में उपस्थित पक्षकारों को अपने मामले आपसी सुलह समझौता कराने व उसके फायदे के बारे में बताते हुए प्रकरण निराकरण हेतु प्रेरित करते हुए पौधा देकर सम्मानित व प्रोत्साहित किया गया।

माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय के खण्डपीठ से बालोद जिला के तालुका गुण्डरदेही व डौण्डीलोहारा में स्थापित खण्डपीठों के पीठासीन के साथ राजीनामा प्रकरणों के संख्या के बारे में चर्चा किया इसी अनुक्रम में गुण्डरदेही खण्डपीठ के समक्ष एक मार्मिक मामला उपस्थित हुआ जो कि पति-पत्नि के आपसी संबंधों के बारे में था इस मामले में माननीय  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा दोनों दंपत्ति से वर्चुअल माध्यम से बातचीत कर उन्हें राजीनामा करने की बधाई दिया और भविष्य में खुशहाल जीवन जीने के लिए आशीर्वचन कहा ।

इसके पश्चात् माननीय  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के सम्मान में अधिवक्ता संघ बालोद के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा  छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा ’’बिना देरी निःशुल्क उपचार न्याय आया आपके द्वार’’ अभियान ’’अनुतोष’’ का शुभारंभ पोस्टर का विमोचन कर किया गया । उक्त अभियान जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित है जिसमें स्थायी लोक अदालत की स्थापना जनोपयोगी सेवाएं के लिए 05 संभागीय मुख्यालय बिलासपुर, रायपुर, बस्तर और दुर्ग में किया गया है। इस अभियान के तहत् आवास, भू संपदा से संबंधित, परिवहन सेवा, जिसमें यात्री एवं माल ढुलाई, हवाई, सड़क एवं जल मार्ग, डाक, टेलीग्राफ, टेलीफोन सेवा, किसी संस्था के द्वारा जनता को बिजली, प्रकाश या पानी की आपूर्ति, सार्वजनिक संरक्षण या स्वच्छता प्रणाली, अस्पताल या औषधालय में सेवा, बीमा सेवा, बैकिंग और वित्तीय संस्थानों की सेवा, किसी भी प्रतिष्ठान के द्वारा जनता को इंधन की आपूर्ति, शिक्षा शिक्षण संस्थान आदि की कोई भी समस्या से यदि कोई व्यक्ति जूझ रहा है तो वह छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पुराना उच्च न्यायालय भवन बिलासपुर, छ.ग. व संबंधित जिले के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में गठित हेल्प डेस्क से संपर्क या पत्राचार कर सकता है। स्थायी लोक अदालत की क्षेत्राधिकारिता 01 करोड़ रूपये तक निर्धारित की गई है । जहां पर पक्षकार स्वयं आवेदन कर सकता है या फिर अपने अधिवक्ता के माध्यम से आवेदन पेश कर सकता है। इस संबंध में मामला पेश करने के लिए पक्षकार को कोई न्यायालय शुल्क अदा नहीं करना होगा और यहां पारित अवार्ड सिविल न्यायालय की डिक्री के समकक्ष प्रभावशील माना जाएगा। उक्त अवार्ड के विरूद्ध कोई अपील स्वीकार नहीं की जाएगी। समझौता नहीं होने पर गुण व दोषों के आधार पर शीघ्र निर्णय किया जाएगा। स्थायी लोक अदालत में साक्ष्य अधिनियम एवं व्यवहार प्रक्रिया संहिता के प्रावधान लागू नहीं होंगे।  

इसी अनुक्रम में माननीय  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा श्रम विभाग की योजना के अंतर्गत मृत श्रमिक की विधवा को शासकीय योजना के तहत् 1,00,000 रूपये का चेक अपने कर कमलों से दिया गया।
इसी अनुक्रम में माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा जिला न्यायालय परिसर बालोद में जिला प्रशासन द्वारा लगाए गये विभिन्न शासकीय योजनाओं के स्टालों का अवलोकन कर उनके कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें प्रोत्साहित किया।

माननीय न्यायमूर्ति  गौतम भादुड़ी ने प्रेस कान्फ्रंेस में बताया कि लोक अदालत के माध्यम से आपसी राजीनामा से समझौता कर प्रकरण निराकृत किया जाता है। इसकी अपील नहीं होती है। लोक अदालत से प्रकरण के निराकरण होने पर दोनो पक्षकार खुश होकर जाते है। लोगों का लोक अदालत के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया है। हमारे देश में इतनी ज्यादा जनसंख्या है और इतने मामले हैं। लोक अदालत से लोगों को जल्दी न्याय मिलता है। लोक अदालत से एक रास्ता खुलता है। लोगों ने अपने अहम को हटाकर आपसी समझौता से अपने मामले निपटाये। सालसा की योजनाओं से भी लोगों को जानकारी मिलती है।  लोगों को लोक अदालत के माध्यम से मामले निराकृत करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।  अधिक से अधिक मामलों को निराकरण करने का प्रयास हो रहा है।

इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालोद/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  बालोद अध्यक्ष  के.विनोद कुजूर, कलेक्टर बालोद  जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक बालोद  गोवर्धन ठाकुर, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव  सिद्धार्थ अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुमन सिंह, जिला अधिवक्ता संघ बालोद के अध्यक्ष एच.एस. देशमुख, सचिव  भगवती प्रसाद साहू व सम्मानीय अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के माध्यम से कुल 1003 मामलों का निराकरण किया गया है जिसमें 971 दांडिक प्रकरण, 11 सिविल प्रकरण, 07 चेक बाउंस, 14 क्लेम का निराकरण किया गया। राजस्व न्यायालयों में 19392 प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गया। इसके अतिरिक्त प्री लिटिगेशन 25 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

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