Judgment : अधिवक्ता नबी अहमद की हत्या में यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह को उम्रकैद

India Uttar Pradesh Uttarakhand अपराध-अपराधी




अधिवक्ता हत्याकांड में रायबरेली कोर्ट ने आरोपी सब इंस्पेक्टर को सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा, 20 हज़ार रुपए का लगाया जुर्माना, 2015 में कोर्ट परिवार में हुई थी अधिवक्ता की हत्या।

लव इंडिया, रायबरेली: इलाहाबाद में अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी दरोगा शैलेंद्र सिंह को अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, बीस हजार रुपए का जुर्माना भी किया है।

मालूम हो कि 11 मार्च 2015 में इलाहाबाद में वकील नबी अहमद पुत्र शाहिद सिद्दीकी (Advocate Nabi Ahmed son Shahid Siddiqui in Allahabad) की हत्या हुई थी। मालूम हो कि 11 मार्च 2015 में इलाहाबाद में वकील नबी अहमद पुत्र शाहिद सिद्दीकी की हत्या हुई थी।

कहासुनी के दौरान दरोगा ने चला दी थी गोली

इलाहाबाद के शंकरगढ़ क्षेत्र (Shankargarh area) की नारीबारी चौकी में तैनात उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह (Sub Inspector Shailendra Singh) एक मामले में गवाही के लिए कचहरी पहुंचे थे। अदालत में जाते वक्त अधिवक्ता नबी अहमद (32) किसी बात को लेकर कहासुनी होने लगी।

अधिवक्ता नबी अहमद के सीने में लगी थी गोली

आरोप है कि इसी दौरान, दारोगा शैलेंद्र सिंह ने गोली चला दी जो नबी अहमद के सीने में लगी। गोली चलते ही मौजूद अधिवक्ता भड़क गए थे और शैलेंद्र की रिवाल्वर छीन कर फायरिंग की थी। इसमें एक गोली मम्फोर्डगंज चौकी में तैनात कांस्टेबल अजय नागर (25) के गले में जा लगी। इसके बाद माहौल और अराजक हो गया। अधिवक्ता पथराव करते हुए एसएसपी दफ्तर की तरफ बढ़े। पथराव में सैकड़ों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और राहगीरों को भी चोटें आई थीं।

जिला जज ने कल दोषी मान लिया था दरोगा शैलेंद्र सिंह को

पुलिस ने इस मामले में आरोपी दरोगा शैलेंद्र सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और जिला जज अब्दुल शाहिद इस बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई कर रहे थे लंबे अरसे तक दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हत्या आरोपी दरोगा शैलेंद्र सिंह को दोषी ठहराया गया।

शुक्रवार को अधिवक्ता हत्याकांड में रायबरेली कोर्ट ने आरोपी सब इंस्पेक्टर को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई और 20 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है। 2015 में अधिवक्ता की हत्या कोर्ट परिवार में हुई थी।

आरोपी दरोगा ने कहा था गोली ना चलाता तो मार डालते मुझे वकील

इलाहाबाद की जिला कचहरी में वकील की हत्या के आरोप में इस मामले में पकड़े गए दरोगा शैलेंद्र सिंह ने अपने साथी दरोगाओं और अफसरों के सामने चौंकाने वाला बयान दिया था। उसने साथियों से कहा कि वह 11 मार्च को अदालत में वकीलों से घिर चुका था और सभी बुरी तरह पीटने लगे थे। बचने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सका। इस पर रिवाल्वर निकाल ली। बावजूद इसके, उसके साथ मारपीट होती रही। अगर वह गोली न चलाता तो वकील ही उसे मार डालते।

नवी अहमद की हुई थी अस्पताल में मौत

उधर, कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अधिवक्ताओं को खदेड़ लिया। इसके बाद तो दोनों तरफ से घंटों लुका-छिपी युद्ध चला जिसमें कई अधिवक्ता और पुलिसकर्मी घायल हुए। इस बीच घायल अधिवक्ता नबी अहमद को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया जबकि घायल सिपाही को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *