भारत ही नहीं, दुनियाभर के कई देशों में बोली जाती हिंदी
*हर वर्ग की ज़बान है हिंदी- नाज़िश नसीर ख़ान* *
संजीव गुप्ता लव इंडिया संभल। ह्यूमन केयर चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान मे हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी शिक्षको को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। मौहल्ला देहली दरवाजा में आयोजित हिंदी शिक्षक सम्मान समारोह मे ट्रस्ट के संस्थापक नाज़िश नसीर ख़ान ने कहा कि हिंदी ने हमें दुनियाभर में एक अलग पहचान दिलाई है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों में हिंदी बोली जाती है। इंग्लिश और मंदारिन के बाद हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है, हिंदी हमारी मातृभाषा है जिसे सम्मान देना हर भारतीय का फर्ज है। हर राज्य की अपनी अलग संस्कृति राजनीति और ऐतिहासिक पहचान है इसके बावजूद हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली जुबान है। हिंदी जबान महिला के माथे की बिंदिया की तरह हिंदुस्तान की सुंदरता बढ़ाने वाली जबान है भाषाएं किसी कौम समुदाय व विशेष वर्ग की नहीं होती भाषाएं तो सिर्फ प्यार स्नेह सौंदर्य और लगाव की होती हैं। भारत विभिन्नता वाला देश है, हिंदी से ही हमारे समाज और देश का निर्माण हुआ है हिंदी को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
एमजीएम डिग्री कॉलेज के हिंदी के प्रोफेसर मोहम्मद नदीम ने कहा कि ट्रस्ट हर साल इस तरह के हिंदी के प्रति जागरूकता के प्रोग्राम करता रहता है जो कि एक सराहनीय कदम है, हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।रिज़वान ख़ान ने कहा कि समाज में आपसी बातचीत और संचार करने के लिए किसी एक विशेष भाषा या बोली की जरूरत होती है। भाषा के माध्यम से ही समाज में एक-दूसरे से विचारों का आदान-प्रदान करना संभव हो पाता है। समाज की इस जरूरत को हिंदी ने ही पूरा किया है। हिन्दी से ही हमारे समाज और हमारे देश का निर्माण हुआ है। हम सभी देशवासियों को हिंदी को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।अंत में ट्रस्ट के संस्थापक नाज़िश नसीर ख़ान ने एम जी एम डिग्री कॉलेज के हिंदी विभाग के प्रोफेसर मुहम्मद नदीम को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर रिज़वान ख़ान, ज़ैन पठान, नाज़िर ख़ान, यासर वक़ास,मु अब्बास आदि शामिल रहे।