Bharatiya Sanskriti Raksha Samiti: प्राचीन राजस्व अभिलेखों के आधार पर होगी धर्मस्थलों की खोज
लव इंडिया मुरादाबाद। भारतीय संस्कृति रक्षा समिति की आज एक बैठक पीली कोठी के पास आयोजित की गई जिसमें विभिन्न धर्म संगठनों एवं विभूतियां ने सहभागिता की जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राजस्व अभिलेखों के आधार पर मुरादाबाद के धार्मिक स्थलों के खोज करके उसमें विधि विधान से पूजा एवं अनुष्ठान संबंधित किए जाएंगे।
बैठक में मन्दिर एवं अर्चक-पुरोहित प्रान्त प्रमुख आचार्य धीरशान्त ‘अर्द्धमौनी’ द्वारा मंदिरों के संरक्षण संवर्धन एवं विधि विधान से संचालन के लिए उपस्थित महानुभावों से विचार मांगे। जिसमें वरिष्ठ हिंदू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश मदान एवं अन्य विभूतियों ने विचार रखें और कहा कि राजस्व अभिलेख और गजेटियर के द्वारा वह समस्त प्राचीन और धार्मिक स्थलों की खोज की जाएगी साथ ही नगर निगम और प्रशासन के सहयोग से उसकी सफाई व्यवस्था, उनके मार्गों की मरम्मत एवं विद्युत व्यवस्था को सुचारू कराके इनको पूर्णता और भव्यता प्रदान की जाएगी।
साथ ही बहुसंख्यक हिंदुओं के पलायन के बाद उपेक्षित पड़े धर्मस्थलों पर पुजारी की व्यवस्था करके वहां पर पूजा पाठ आरंभ किया जाएगा। कुछ स्थानों पर पलायन के बाद लोगों ने धर्म स्थल पर अवैध कब्जे एवं अतिक्रमण कर लिया है जिसको प्रशासन के सहयोग से तुरंत हटाया जाएगा। प्राचीन कुएं जल का स्रोत होने के साथ-साथ हिंदू धर्म के आस्था और पूजा के केंद्र होते हैं। हिंदुओं में समस्त पूजा इनको केंद्र मानकर की जाती हैं और यह वैज्ञानिक भी है जिस प्रकार नदियों से जीवन मिलता है उसी प्रकार कुएं से जल मिलता है और जल ही जीवन है।
भारतीय संस्कृति रक्षा समिति का उद्देश्य है कि किसी प्रकार का सांप्रदायिक उन्माद, विद्वेष एवं बिना संघर्ष की स्थिति को बनाकर सौहार्द के साथ सारे धर्म के लोग मिलजुल कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति सारे संसार में समस्त धर्मो का आदर करती है सत्कार करती इसलिए इस संस्कृति का संवर्धन करना हम सब भारतवासियों का परम कर्तव्य है सभा में उपस्थित अनिल सिक्का जी द्वारा कहा गया कि प्रत्येक क्षेत्र में उपस्थित मंदिर, धर्मशालाएं, बावड़ी, तालाब कुएं आदि हमारी संस्कृति और संस्कार के केंद्र रहे हैं इनका संरक्षण परम आवश्यक है।
बैठक में वंदे भारत से श्री धवल दिक्षित, धर्म रक्षा समिति से राम जी राम आवास विकास सत्य श्री शिव मंदिर गोपाल हरि जी, सौरभ अग्रवाल,अर्जुन पंडित, सुधा शर्मा, मीरा यादव, नीता सिक्का, मथुरा प्रसाद, प्रवीन रावत, गायत्री आर्य,मीना शर्मा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।