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दिल्ली-लखनऊ जनपथ की तर्ज पर पीपी मोड में वाहन पार्किंग/ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन जाएं तो बड़ी समस्या हल हो सकती है…
कुतुबखाना सब्जी मंडी कचहरी में बने मल्टी स्टोरी शॉपिंग – वाहन पार्किंग कॉम्पलेक्स– कुतुबखाना पुल से प्रभावित हुए दुकानदारों को पास में ही मिल सकेगा विकल्प — तहसील परिसर के पास में बनाई जाए मल्टी स्टोरी वाहन पार्किंग —
निर्भय सक्सेना, बरेली। अब वर्ष 2024 का कैलेंडर भी बदलने के दिन करीब आ गए पर स्मार्ट सिटी बरेली में करोड़ों रुपए फूंकने के बाद भी यातायात सुगम के नाम पर मिला ठेंगा। बरेली में अनियोजित प्लान हुई करोड़ों रुपए लागत वाली तीन हाइड्रोलिक पार्किंग भी कुछ वर्षों में ही बिना चले कंडम होने के पथ पर कदम भी बढ़ा चुकी है । और स्मार्ट सिटी बरेली में जिला अस्पताल मार्ग एवं कचहरी एरिया में पर सड़क पर वाहन खड़ा करना मजबूरी है।
अब कुतुबखाना के महादेव पुल का निर्माण भी हो गया पर जम समस्या से बरेली के लोगो का पीछा नहीं छूटा। स्मार्ट सिटी के अधिकारी अगर कुतुबखाना में बड़े एरिया में बनी सब्जीमंडी में लखनऊ में हजरतगंज के जनपथ मार्केट की तर्ज पर मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स एवम वाहन पार्किंग की योजना बना लेते तो प्रभावित दुकानदारों को कुतुबखाना में जगह भी मिल जाती। साथ ही इस एरिया की वाहन पार्किंग की भी समस्या हल हो जाती।
नाथ नगरी के डमरू चौराहा आदि के विकास के साथ ही वाहन पार्किंग पर बरेली विकास प्राधिकरण को नगर निगम के साथ संयुक्त रूप से मिलकर कुछ कार्य योजना तो बनाना ही चाहिए। मुख्य सड़को पर अतिक्रमण भी अब नासूर होता जा रहा है । बरेली में स्मार्ट सिटी घोषित होने के बाद विकास के जो भी कार्य हुए उस से जनता को कोई लाभ नहीं मिला।
स्काईवॉक हो या हाइड्रोलिक वाहन पार्किंग, रेलवे जंक्शन पर बना बिना वाहन पार्किंग वाला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, बदायूं रोड का पुल की कनेक्टिविटी जोड़ने का मामला हो या अर्बन हॉट। अभी तक सभी सफेद हाथी की तरह ही खड़े हुए हैं जिनको ठेके पर लेने को को कोई आगे नहीं आ रहा है। जिला हॉस्पिटल रोड पर एंबुलेंस का हूटर बजने का भी अतिक्रमण करने वालों पर फर्क नहीं पड़ता। इस मार्ग पर तो पैदल भी निकलना आसान नहीं है ।
बरेली शहर में कही भी अभी तक विधिवत नियोजित वाहन पार्किंग नही होने का खमियाजा आम जनता को रोज भुगतना पड़ रहा है।श्यामगंज हो या कलेक्ट्रेट या कुतुबखाना। मुख्य बाजारों में जहाँ आड़े तिरछे वाहनों का जमावड़ा रहता है। यही हाल कचहरी, कोर्ट परिसर एवम जेल रोड पर रोज जाम का सबब बनता है ।
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मेल में कहा है कि बरेली जैसे स्मार्ट सिटी में कुछ अधिकारी बिना ठोस योजना के केवल सरकारी धनराशि ठिकाने लगाने की ही जोड़ तोड़ में रहते है और जनता की सहुलियत देने के प्रोजेक्ट एवम राजनेताओं की भी कथित उपेक्षा कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी में पूरे शहर में अभी तक नियमित वाहन पार्किंग की योजना तक नही बन सकी है जो हाइड्रोलिक वाहन पार्किंग बनी भी है वह कामचलाऊ एवम अनुपयोगी ही है, जो चिंताजनक के साथ ही जन सुविधाओं की उपेक्षा वाली मानसिकता दर्शाता है।
जरूरत है कि कचहरी के तहसील परिसर, जेल रोड, सब्जीमंडी कुतुबखाना, श्यामगंज सब्जी मंडी, तिलक स्कूल, राजकीय इंटर कॉलेज के पास में अगर दिल्ली लख़नऊ हजरतगंज के जनपथ की तर्ज पर अब मल्टी स्टोरी पार्किंग और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सरकारी या पीपी मोड़ में बन जाये तो बरेली में वाहन पार्किंग समस्या से काफी राहत मिल सकती है। और नगर निगम को आय भी बढ़ सकती है।
इसके अलावा किला पर एक नया उपरिगामी वाईशेप पुल, डेलापीर, एवम सुभाषनगर में भी उपरगामी पुल बनाने का वायदा किया गया था। अब महापौर के दूसरे कार्यकाल में नगर आयुक्त ने कुछ कदम बढ़ाए भी थे। अब डेलापीर उपरिगामी पुल की फ़ाइल अभी भी कही दबी पड़ी होगी । वन मंत्री अरुण कुमार भी इसके प्रस्ताव को लिख चुके हैं।bभारत सेवा ट्रस्ट वाली सड़क प्रेमनगर धर्मकांटा रोड,आई वी आर आई रोड, सिटी स्टेशन रोड, अलखनाथ रोड, श्यामगंज पुल के नीचे की रोड नालियों सहित अन्य सड़के बदहाल दशा में है रात में वहां अंधेरा रहता है।
स्मरण रहे कुतुबखाना की होलसेल सब्जी एवम कुमार टाकीज वाली फल मंडी 34 साल पूर्व डेलापीर जा चुकी है। कुमार टाकीज के बराबर सराय जाने वाले मार्ग की कथित फलमंडी अब फर्नीचर वालो के अतिक्रमण से पटी पड़ी है। कुतुबखाना और श्यामगंज सब्जी मंडी, बरेली (कुतुबखाना स्लाटर/ मीट बाजार भी हटाकर) के साथ ही कचहरी तहसील या जेल रोड, तिलक कॉलेज राजकीय इंटर कॉलेज के पास भी दिल्ली लखनऊ जनपथ की तर्ज पर पी पी मोड में वाहन पार्किंग/ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन जाए तो कुतुबखाना, श्याम गंज, कचहरी एरिया, किला की बड़ी समस्या हल हो सकती है।
जनहित में बरेली महत्व आजकल हो रहा है। नाथ नगरी के चौराहों के विकास के साथ ही वाहन पार्किंग पर बरेली विकास प्राधिकरण को नगर निगम के साथ संयुक्त रूप से मिलकर कुछ कार्य योजना भी बनाना चाहिए।